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Ajmer IAS IPS News: IAS-IPS, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 अफसरों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए क्या है पूरा मामला

Ajmer IAS IPS News: राजस्थान के अजमेर में कोर्ट ने आईपीएस-आईएएस, तहसीलदार, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 अफसरों के खिलाफ वारंट जारी किया है. इन सभी पर होटल में कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप है.

Ajmer IAS IPS News: IAS-IPS, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 अफसरों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए क्या है पूरा मामला
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By Neha Yadav

Ajmer IAS IPS News: राजस्थान के अजमेर में कोर्ट ने आईपीएस-आईएएस, तहसीलदार, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 अफसरों के खिलाफ वारंट जारी किया है. इन सभी पर होटल में कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप है. सभी की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है.

मामला 11 जून 2023 अजमेर के जयपुर रोड स्थित होटल मकराना राज की है. 11 जून की रात 2 बजे होटल में कर्मचारियों के साथ मारपीट की गयी थी. कर्मचारियों को डंडों और रॉड से पीटा गया था. 12 जून 2023 को होटलकर्मियों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जब घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी तो पता चला कि मारपीट करने वाले आईपीएस-आईएएस समेत कई बड़े शामिल थे.

दरअसल, होटल मकराना राज में आईपीएस सुशील बिश्नोई और आईएएस गिरधर समेत कई अफसर मौजूद थे. वहीँ, तहसीलदार मुकेश जाट ,कनिष्ठ अभियंता हनुमान चौधरी और पटवारी नरेंद्र चौधरी बाहर बैठे थे. सभी ने खूब पार्टी की थी. आईपीएस सुशील बिश्नोई शराब के नशे में धुत थे. इस बीच टॉयलेट करने के लिए जब आईपीएस सुशील कुमार टॉयलेट के लिए अंदर पहुंचे तो उनका होटल के कर्मचारियों से विवाद हो गया. जिसके आईएएस आईपीएस और अन्य अफसर ने भी कर्मचारियों के साथ मारपीट की.

मामले की सूचना गेगल थाना पुलिस को दी गयी. सूचना के बाद इलाके की गेगल थाना पुलिस होटल पर पहुंची. लेकिन अफसरों से जुड़ा हुआ मामला था इसलिए पुलिस अधिकारियों ने उल्टा उनसे ही मारपीट की. सभी कर्मचारियों को डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया. इस मामले को पुलिस अधिकारियों द्वारा दबाने की कोशिश की गयी. हालाँकि ये सब घटना सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई. वीडियो सामने आने के बाद मामला बढ़ता गया.

जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पीड़ित होटल कर्मचारी तेजपाल समेत अन्य कर्मचारियों की शिकायत पर आईएएस आईपीएस समेत सभी पर केस दर्ज किया. वहीँ, पुलिस ने सभी को बचाने के लिए एडिशनल एसपी मोहम्मद खान के निर्देश पर मामले में एफआर लगाने की प्रक्रिया शुरू की. फिर तत्कालीन अजमेर एसपी ने एएसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों को ही लाइन भेज दिया. इस मामले की जब गहन जांच की गयी तो सभी अधिकारी दोषी पाए गए जिसके बादआईएएस गिरधर और आईपीएस सुशील बिश्नोई निलंबित कर दिया गया था. कोर्ट ने कहा, कहा कि जांच में साफ है कि आरोपियों ने पुलिस जांच में सहयोग नहीं किया. आईएएस आईपीएस के शामिल होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी.

वहीँ, इस मामले में अब न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने एफआर को नामंजूर किया है और कोर्ट ने आईपीएस-आईएएस समेत 12 अफसरों के खिलाफ वारंट जारी किया है. इन सभी की गिरफ्तारी हो सकती है. कोर्ट ने कहा है, आरोपियों में वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं. इसलिए इनका गिरफ्तारी वारंट तामील करने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की है. कोर्ट ने केस डायरी पर भी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही हर सोमवार को एसपी से केस से जुड़ी रिपोर्ट भी मांगी है.

बता दें, जिन अफसरों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है उनमे तत्कालीन एडीए आयुक्त एवं वर्तमान में सीईओ माडा, श्रीगंगानगर आईएएस गिरधर कुमार, तत्कालीन ASP, वर्तमान में डिप्टी कमिश्नर जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई, मुकेश चौधरी (कॉन्स्टेबल, टोंक), हनुमान चौधरी कनिष्ठ सहायक (टोंक तहसील), मुकेश यादव (कॉन्स्टेबल), नरेंद्र चौधरी (पटवारी), सुरेंद्र (नागौर), रूपाराम (तत्कालीन गेगल थाना ASI), सुनील (तत्कालीन SHO गेगल थाना), गौतमाराम (कॉन्स्टेबल, गेगल थाना), मुकेश यादव (कॉन्स्टेबल) और रामधन गुर्जर (तहसीलदार) शामिल है.

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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