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डीजे बजाने वालों पर अवमानना का प्रकरण दायर हो....हाईकोर्ट के ध्वनि प्रदूषण के आदेशों का पालन कराने नागरिक संघर्ष समिति मिला DM, SP से

डीजे बजाने वालों पर अवमानना का प्रकरण दायर हो....हाईकोर्ट के ध्वनि प्रदूषण के आदेशों का पालन कराने नागरिक संघर्ष समिति मिला DM, SP से
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By NPG News

रायपुर 16 दिसम्बर 2021 I छत्तीसगढ़ नागरिक संगर्ष समिति के सदस्यों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मिल कर बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद पूरे प्रदेश में व्यवसायिक गाड़ियों पर धुमाल पार्टी द्वारा साउंड बॉक्स लगाकर तेजी से कान फाडू म्यूजिक बजाया जाता रहा। जिसके कारण कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध अवमानना समिति द्वारा दायर की गई, जिसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल को जवाब देने हेतु कहा है, यह अवमानना याचिका न्यायालय में लंबित है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व में जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध राज्य में दिए गए आदेश में स्पष्ट किया है कि कानून का उलंघन किये जाने पर सम्बंधित अधिकारी पर के आदेश की अवमानना की कार्यवाही होगी। कलेक्टर तथा एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स न बजे। क्या मांग की गई :-


समिति के सदस्यों ने मांग की है कि जनहित याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया है कि संबंधित अथॉरिटी द्वारा मना करने के बावजूद भी म्यूजिक और साउंड बजाए जाने के प्रकरणों में दोषियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना प्रकरण दर्ज किया जावे। अतः 2 दिन पूर्व राखी गांव में पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी देर रात तक ध्वनि निकालने वाले दोषियों पर उच्च न्यायालय में अवमानना प्रकरण दर्ज किया जावे। एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाये जहाँ पर सड़कों पर धुमाल बजने, विवाह कार्यक्रमों में नियम विरुद्ध तेज आवाज में और 10 बजे रात्री बाद डी जे बजने, होटल और ओपन गार्डन में नियम विरुद्ध तेज आवाज में और 10 बजे रात्री बाद डी जे बजने पर शिकायत दर्ज कराई जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि शिकायतकर्ता का नाम नंबर उजागर ना हो. नॉइस पॉल्यूशन रेगुलेशन एंड कंट्रोल रूल्स 2000 पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत अधिसूचित किए गए हैं अतः निर्धारित डेसिबल से अधिक साउंड के प्रकरणों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जावे गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज किए जाने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है तथा यह नॉन बेलेबल अपराध की श्रेणी में आता है। धुमाल संचालकों, वाहन मालिकों पर कार्यवाहियों के साथ साथ उन गणेश समितियों, दुर्गा समितियों के पदाधिकारियों पर, विवाह संचालक पर कार्यवाही करवाने का कष्ट करें जिन्होंने धुमाल पार्टी को वाहनों सहित बुलवाया था। इसी प्रकार शादियों में जिन के यहाँ शादी में गाडियों पर रख कर धुमाल बजाय गया हो, उन पर कार्यवाही की जावे। उच्च न्यायालय ने वाहनों में धुमाल डी.जे लगाना मोटर वेहिकल एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध बताया है। छत्तीसगढ़ शासन परिवन विभाग की अधिसूचना क्र.554 दिनांक 25.10.2021 के अनुसार मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 182 ए (1) के तहत वाहन आल्टर करने पर एक लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है अतः अधिसूचना अनुसार वाहन पर धुमाल बजने पर वहां जब्त कर रुपए एक लाख का दंड वसूला जाये।

पूर्व में जनहित याचिका नितिन सिंघवी विरुद्ध राज्य में दिए गए आदेश का विवरण छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अन्य निर्देशों के साथ आदेशित किया है कि गाड़ियों में साउंड बॉक्स लगाकर बजाना मोटर व्हीकल नियमों का उल्लंघन होता है, इसलिए कलेक्टर तथा एसपी सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन पर साउंड बॉक्स न बजे। अगर कोई व्यवसायिक वाहन पर साउंड बॉक्स मिलता है तो साउंड बॉक्स को हटाकर वाहन मालिक को नोटिस दिया जावेगा एवं ऐसे वाहनों को दिए गए नोटिस का रिकॉर्ड रखा जावेगा दुबारा गलती करते पकड़े जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जावेगा तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जावेगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि जब भी शादियों, जन्मदिनों, धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदण्डों से अधिक ध्वनि विस्तार होने पर अधिकारी जावे तो वे लोगों की भावना की कद्र करते हुए नम्रतापूर्वक उन्हें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहें, अगर आयोजक विरोध करता है तो उसके विरूद्ध कोर्ट में कार्यवाही की जावे तथा इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारी आयोजक के विरूद्ध उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर करें। परंतु अगर ध्वनि विस्तार यंत्र, टेन्ट हाउस, साउण्ड सिस्टम प्रदायकर्ता या डी.जे. वाले का पाया जाता है तो उसे सीधे जब्त किया जावेगा। स्कूल, कालेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरिएल डिस्टेन्स पर लाउड स्पीकर बजने पर कलेक्टर, एस.पी., डी.एस.पी. या प्राधिकृत अधिकारी को ध्वनि विस्तार यंत्रों को जब्त करना होगा जिसके बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति को वापस नहीं किया जावेगा। द्वितीय गलती पर जब्त किये गये यंत्रों को उच्च न्यायालय के आदेश बिना वापस नहीं किया जावेगा। वाहनों में प्रेशर हार्न अथवा मल्टी टोन्ड हार्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी (कलेक्टर, एस.पी., एस.डी.एम., आर.टी.ओ. डी.एस.पी.) तत्काल ही उसे वाहन से निकालकर नष्ट करेगा तथा रजिस्टर में दर्ज करेगा। अधिकारीगण इस संबंध में वाहन नम्बर के साथ मालिक तथा चालक का डाटा बेस इस रूप में रखेगा कि दोबारा अपराध करने पर वाहन जब्त किया जावे तथा उच्च न्यायालय के आदेश के बिना जब्त वाहनों को नहीं छोड़ा जा सकेगा।

उच्च न्यायालय में आदेश मैं स्पष्ट किया है कि कानून का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना कार्यवाही होगी। एक बार और हो चुकी है दायर अवमानना याचिका एक अन्य अवमानना याचिका ब्यास मुनि द्विवेदी विरुद्ध ओ.पी चैधरी, कंटेंप्ट पिटिशन क्रमांक 456-2017 का निराकरण करते वक्त उच्च न्यायालय ने आदेशित किया था कि कंटेंप्ट पिटिशन का निराकरण को राज्य के अधिकारियों द्वारा हल्के में ना लिया जावे तथा यह सुनिश्चित किया जाए की कोर्ट द्वारा तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का शब्द तथा पालन किया जावे। समिति की तरफ से डॉ राकेश गुप्ता, विश्वजीत मित्रा, हरजीत जुनेजा, मंजीत कौल बल, डॉ संजय शुक्ला, जीवेश चौबे, मनीष पटेल, मनीष पटेल, रविंद्र कुमार, संदीप कुमार यादव, रियाज अंबर, बाल कृष्ण अय्यर, इंद्रप्रस्थ रायपुरा से मनीष पांडे आयुषी पांडे सुनीला पांडे अक्षत पांडे ने ज्ञापन दिया

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