Begin typing your search above and press return to search.

50 फीसदी आरक्षण: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 50 परसेंट आरक्षण के साथ निकाली भर्ती

50 फीसदी आरक्षण: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 50 परसेंट आरक्षण के साथ निकाली भर्ती
X
By NPG News

बिलासपुर। प्रदेश में आरक्षण के चलते बवाल मचा हुआ। जहा प्रदेश में 2012 से लागू 58 प्रतिशत आरक्षण को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। तो वही दूसरी तरफ राज्य सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए विधेयक राजभवन में भिजवाया है। जिसे राज्यपाल ने रोक दिया है। आरक्षण विवाद के चलते कई भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित नही हो पाए हैं तो वही कई वेकेंसी भी जारी होने से अटक गई है। इन सब के बीच छतीसगढ़ हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर अपने यहां की वैकेंसी भरने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

ज्ञातव्य है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने प्रदेश में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से 58 प्रतिशत कर दी थी। जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक wpc no. 591/2012 लगाई गई थी। हाईकोर्ट में याचिका लगी होने के चलते राज्य में जितनी भी भर्तियां होती थी उसके प्रकाशित विज्ञापन में लिखा होता था कि समस्त भर्तियां हाईकोर्ट के निर्णय से बाधित होंगी। याचिका में 9 साल बाद 19 सितंबर 2022 को फैसला आया। जिसके तहत 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक घोषित करते हुए निरस्त कर दिया गया। हालांकि अदालत ने ये भी स्पष्ट किया कि इन 9 वर्षों में जितनी भी नियुक्तियां हुई है वह इस निर्णय से बाधित नही होंगी। उच्च न्यायालय के फैसले को राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है जो फिलहाल लंबित है। इस बीच राज्य सरकार ने प्रदेश में 76 प्रतिशत आरक्षण करने के लिए विधेयक राज्यपाल के पास भेज दिया। जिसे राजभवन ने अपने पास ही रख लिया है। और सरकार से विधेयक के संबंध में दस सवाल पूछे हैं।

प्रदेश में आरक्षण विवाद के चलते भर्ती व कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया अटक गई है। बस मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही थी। हालांकि उच्च न्यायालय के आदेश से बीएड- डीएड व बी फॉर्मेसी-ड़ी फॉर्मेसी कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाई गई। पर भर्ती परीक्षाओं पर अब भी ग्रहण लगा हुआ है। पीएससी 2021 के इंटरव्यू के बाद भी अब तक नतीजे घोषित नही किये जा सकें है। इसके अलावा 6 नवंबर को सब इंस्पेक्टर के लिए होने वाली प्रारंभिक लिखित परीक्षा भी अनिश्चित कॉल के लिए टल गया है। व्यापम के द्वारा जारी वैज्ञानिक अधिकारी की परीक्षा मेरिट लिस्ट हाल ही में आयोजित हुआ है पर अंतिम चयन सूची जारी नही हो सकी है। व्यापम द्वारा सिंचाई विभाग में सब इंजीनियर के 400 पदों पर भर्ती के लिए ली गई परीक्षा का परिणाम भी दस जून को घोषित हो चुका है। पर 6 माह बीतने के बाद भी जॉइनिंग नही दी जा सकी है। यही हाल वन विभाग की एसीएफ परीक्षा का भी है। पीएससी 2022 का नोटिफिकेशन जारी तो हुआ है पर बिना आरक्षण रोस्टर के।

आरक्षण विवाद के चलते भर्ती परीक्षाओं में लगी अघोषित रोक की वजह से प्रदेश के युवा हताश है। युवाओं का मानना है कि भर्ती परीक्षाओं को रोकना उचित नही है, कई युवा अब उम्र के अंतिम पड़ाव में है। लिहाजा सरकार को 50 प्रतिशत के ही आधार पर भर्ती परीक्षा निकालनी चाहिए। इस बीच हाईकोर्ट ने तीन जनवरी को 50 प्रतिशत आरक्षण रोस्टर के आधार पर भर्ती करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि हाईकोर्ट में पदों की भर्ती हेतु विज्ञापन क्रमांक 01/ 2021 दिनांक 3 जुलाई 2021 इस नोट के साथ प्रकाशित किया गया था कि आरक्षित पदों पर चयन/ नियुक्ति माननीय छतीसगढ़ उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका wpc no. 591/2012 तथा अन्य संबंधित प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश से अध्ययीन होगा।

पर अब उच्च न्यायलय के द्वारा इस याचिका पर 19 सितंबर 2022 को आदेश पारित करते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। अतः 2012 के पूर्व राज्य में लागू 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर उक्त विज्ञापन एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी के पदों के लिए जारी शुद्धि पत्र क्रमांक 6 जुलाई 2022 में उलेखित पदों एवं वर्गवार पदों के स्थान पर निम्नानुसार पढ़ी जाएगी। अर्थात अब हाईकोर्ट में अब 50 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से भर्ती होगी।

जारी विज्ञापन

स्टॉफ कार ड्राइवर कुल 10पद,

5 अनारक्षित, 2 अनुसूचित जाति,2 अनुसूचित जनजाति , 1 अन्य पिछड़ा वर्ग

लिफ्टमैन कुल 4 पद:-

2 अनारक्षित, 1 अनुसूचित जाति, 1 अनुसूचित जनजाति

आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी ( दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी)

कुल 100 पद

जिसमे 50 पद अनारक्षित के लिए

16 पद अनुसूचित जाति के लिए

20 अनुसूचित जनजाति के लिए

14 पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए

पदों के लिए वर्गवार रिक्तियां देखें तो स्प्ष्ट है कि आरक्षण का प्रतिशत वैकेंसी में 50 प्रतिशत ही रखा गया है।

Next Story