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Crime News: CG ऐसा मर्डर...कातिल बन गया मृतक: घर वालों ने अंतिम संस्कार कर दिया, क्राइम स्टोरी सुन पुलिस के उड़ गए होश

Crime News: छत्‍तीसगढ़ में हत्‍या की एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें मृतक ही कातिल बन गया। एक महिला और उसके बच्‍चे विधवा और अनाथ हो गए। लेकिन जब पूरी कहानी सामने आई तो हर किसी के होश उड़ गए। जांजगीर के एसपी विजय अग्रवाल ने 12 घंटे के भीतर इस मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी ऐसे सुलझा ली।

Crime News: CG ऐसा मर्डर...कातिल बन गया मृतक: घर वालों ने अंतिम संस्कार कर दिया, क्राइम स्टोरी सुन पुलिस के उड़ गए होश
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By Sanjeet Kumar

Crime News: जांजगीर-चांपा जांजगीर-चांपा पुलिस कंट्रोल रुम में 26 दिसंबर की सुबह- सुबह फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि पंतोरा में गुचगुलिया नाला के पास एक ऑटो पलट गई है। ऑटो के पास एक व्‍यक्ति मृत पड़ा है। कंट्रोल रुम ने इसकी सूचना थाना बलौदा और पंतोरा पुलिस चौकी को दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो देखा लाश का सिर पूरी तरह कुचला हुआ है। मृतक की तलाशी ली गई तो मोबाइल फोन मिला। पुलिस ने शव को चीरघर भेज दिया। इसके बाद ऑटो नंबर के आधार पर पुलिस ने मृतक की पहचान की कोशिश की।

ऑटो शंकर शास्त्री (सतनामी) उम्र 36 वर्ष के नाम पर है, जो नवापारा गणेश नगर सिरगिट्टी ढेका थाना तोरवा जिला बिलासपुर में रहता है। मृतक मूल रुप से मूल रुप से भाटापारा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा का रहने वाला था। मृतक की जेब से मिले मोबाइल नंबर से पुलिस ने उसके परिजनों का नंबर तलाशा और कॉल किया। पता चला कि मृतक की पत्‍नी ने फोन उठाया। बताया कि दो बच्‍चों के साथ वह भाटपारा में रहती है और पति बिलासपुर में ऑटो चलता है। पुलिस ने बताया कि उन्‍हें एक लाश मिली है जिसकी पहचान करनी है। महिला अपने दोनों बच्‍चों के साथ पहुंची तो मृतक का चेहरा पहचान नहीं आ रहा था, लेकिन कपड़े और हुलिया के आधार पर उसने बताया कि यह लाश उसके पति शंकर की है। पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को मृत के परिवार को सौंप दिया। परिवार वाले शव लेकर भाटापार पहुंचे और अपनी परंपरा के अनुसार दफना दिया।

पंतोरा में गुचगुलिया नाला के पास शव और पलटी हुई ऑटो

ऐसे आया कहनाी में ट्विस्‍ट

कहानी यहां तक क्‍लीयर है, लेकिन कहानी में यहीं पर ट्विस्‍ट भी है। पुलिस को पूरे घटनाक्रम पर संदेह हुआ। घटना को सड़क हादसे का रुप देने का प्रयास किया गया था, लेकिन मामला वैसा लग नहीं रहा था। संदेह के आधार पर पहले पुलिस ने मृतक के मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। पता चला कि घटना की रात उसके साथ एक और मोबाइल नंबर था। इसके बाद पुलिस बिलासपुर रेलवे स्‍टेशन पहुंची और सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया। 25 दिसंबर को शाम करीब साढ़े 7 बजे शंकर बिलासपुर रेलवे स्‍टेशन से किसी यात्री को बैठकर निकलते दिखा। इसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक शहर क दूसरे हिस्‍सों में लगे सीसी टीपी के फुटेज को खंगालते हुए कड़‍ियों को जोड़ना शुरू किया। रेलवे स्‍टेशन के बाद शंकर और उसके ऑटो का फुटेज बाप जी पार्क के एसबीआई एटीएम में मिला। रात करीब 8बजे वहां शंकर पैसे निकालते हुए दिखा। इसके बाद वह सवा 8 बजे वसुंधरा नगर महाराणा प्रताप चौक स्थित शासकीय शराब दुकान में शराब लेता दिखा।

सीसीटीवी फुटेज की कड़‍ियां जोड़ती रही पुलिस

एसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस कड़ी को जोड़ती हुई आगे बढ़ी तो महिमा कॉम्प्लेक्श व्यापार बिहार रोड, बाराखोली चौक, तोरवा थाना चौक, मोपका सीपत, कुली और रात 10 बजे बलौदा फुटेज दिखा। शंकर और उसके ऑटो का अंतिम फुटेज खिसोरा रात 10 बजकर 26 मिनट पर दिखा। पुलिस को शक हुआ कि जिस यात्री को शंकर ने बिलासपुर स्‍टेशन से बैठाया था उसी ने उसकी हत्‍या की है। जांच के दौरान पता चला कि ऑटो में बैठे यात्री ने 210 रुपये पे फोन के जरिये शंकर के मोबाइल पर ट्रांसफर किया था। पुलिस ने पे फोन कंपनी से संपर्क कर जानकारी निकली तो पता चला कि शंकर को 210 रुपये ट्रांसफर करने वाले का नाम चूरामन साव पिता स्व. श्यामलाल साव निवासी गुंजरडीह थाना नावाडीह जिला बोकारो (झारखण्ड) है। पुलिस को यह भी पता चला कि संदेही चूरामन अभी कोरबा में है।

बिलासपुर स्‍टेशन से ऑटो में बैठी सवारी पर पुलिस को हुआ संदेह

कोरबा में संदेही का लोकेशन ट्रेस करने के लिए जिला साइबर टीम को कोरबा रवाना किया गया। कोरबा पुलिस कि सहायता से पतासाजी की गई तो पता चला किचूरामन पुराना बस स्टैण्ड स्थित ज्योति लॉज में रुका था और 27दिसंबर की सुबह 10:00 बजे चेकआउट कर गया है। पुलिस ने लॉज के रजिस्टर की जांच की तो वह चौक गई, क्‍योंकि पर चूरामन साव अपने पता के अलावा मोबाईल में शंकर का मोबाईल नंबर लिखा था। वह नंबर लाश के पास से बरामद की गई थी। पे फोन वाला चूरामन का मोबाइल नंबर लगातार बंद आ रहा था। पुलिस ने कोरबा में ही चूरामन की तलाश को जारी रखा अंतत: 28 तारीख को चूरामन कोरबा रेलवे स्‍टेशन पर पुलिस को मिला गया।

पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चूरामन ने स्‍वीकार कर लिया कि उसी ने ऑटो चालक शंकर की हत्‍या की है। बताया कि ऑटो बार-बार बंद हो रहा था। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद और हथापाई हुई इसी दौरान उसे शंकर की हत्‍या कर दी। जांच में लगे पुलिस वालों को खुशी हुई कि मामला सुलझ गया।

ऑटो चालक शंकर शास्‍त्री (सतनामी)

हत्‍यारें की गिरफ्तारी के बाद आया नया ट्विस्‍ट

पुलिस गिरफ्त में आए हत्‍यारे चूरामन की गिरफ्तारी की सूचना उसके परिजनों को देना था। पुलिस ने चूरामन से कहा कि तुम अपने मोबाइल से बोकारो अपने घर फोन लगाओ। चूरामन पहले कॉल करने में ना-नुकुर किया, लेकिन पुलिस के जोर देने के बाद उसने अपने घर कॉल किया। फोन उसकी बेटी ने उठाया। बेटी ने आवाज सुनते ही जो कहा उससे वहां मौजूद पुलिस वालों के कान खड़े गए। बेटी ने कहा कि आप मेरे पापा नहीं हो सकते, आपकी आवाज मेरे पापा जैसी नहीं है। इस दौरान चूरामन यह यकीन दिलाने में लगा रहा कि वही चूरामन है, लेकिन बेटी मानने को तैयार नहीं थी। इस पर पुलिस ने चूरामन से कहा कि अब तुम अपनी बेटी को वीडियो कॉल करो।

वीडियो कॉल ने बदल दी पूरी कहानी

पुलिस के दबाव में चूरामन ने अपनी बेटी को वीडियो कॉल किया। कॉल उठाते ही उधर से बेटी ने कहा कि चूरामन को पहचनने से इनकार कर दिया। पुलिस ने चूरामन की पत्‍नी को वीडियो कॉल पर बुलाया। पत्‍नी ने भी चूरामन को पहचानने से इनकार कर दिया। फिर पुलिस का माठा ठनका। कॉल कट होते ही पुलिस ने चूरामन पर सख्‍ती की। थोड़ी सी सख्‍ती के बाद चूरामन ने जो सच्‍चाई बताई वह पुलिस वालों के लिए भी चौकाने वाला था।

चूरामन साव

पुलिस की सख्ती के बाद सामने आई नई कहानी

चूरामन ने पुलिस के सामने सच्‍चई उगलनी शुरू की। बताया कि दरअसल वही शंकर है। मरने वाला चूरामन है। घटना की रात वह चूरामन को कोरबा छोड़ने जा रहा था। उसने बताया कि मृतक चूरामन का मोबाइल 3500 रुपये में खरीदा था, पैसे एसबीआई एटीएम से निकाल कर दिया था उसके लिए 210 रुपये का शराब और चकना खरीदी था। यही पैसा चूरामन ने पे फोन के जरिये उसे दिया था। रात लगभग 10:30 बजे खिसोरा गांव से थोड़ी ही दूर मे इसका आटो भुक-भूक करके रूक गया उतर कर चेक किया उसी समय सामने तरफ से तीन सवारी बैठे पास से मोटर सायकि‍ल गुजरा तो मोटरसाइकिल को रोकवाया और आटो को बनाने के लिए मिस्त्री पूछा तब वे लोग बोले रात हो गया है मिस्त्री कल मिलेगा आगे मत जाओ आगे जंगल है यही गांव में रूक जाओं बोलकर वे लोग चले गये।

शंकर ने पुलिस को बातया कि इसके बाद उसने आटो को पंप मारा और पुनः चालू किया तो आटो चालू हो गया आगे रास्ते में बढ़ा लगभग डेढ़ कि.मी. चलने के बाद आटो फिर से बंद हो गया। तब आटो में बैठे व्यक्ति को जो कि सो गया था। नीचे उतरने को बोला वह गहरी नींद में था। उसका पैर पकड़कर गुस्से से जोर से खीचा। वह सोये स्थिति में सीधे नीचे रोड पर गिर गया।उसके सिर से खून बहने लगा, जिसे देखकर इसे लगा कि वह व्यक्ति मर गया। तब उसकी टी-शर्ट, और उसका पेंट को निकालकर अपना पहना हुआ टी शर्ट व अपना लोवर निकालकर उसको पहना दिया। अपने जूते निकालकर आटो में डाल दिया और आटो को पल्टा दिया। वहीं रोड के किनारे पड़े एक बड़े से पत्थर से उसके सिर में दो बार पटक कर उसके चेहरे को कुचल कर उसकी हत्या कर दिया ताकि उसको कोई पहचान न सके। इसके बाद उसने पहले पास रखा शराब को पीया और शीशी को वहीं पर छोड़ दी। अपना मोबाईल उसके शरीर के पास रख दिया ताकि लोग यह समझ की ऑटो चालक शंकर का एक्सीडेंट हो गया है, और वह खत्म हो गया है।

पहचान छिपाने मुंडवा लिया सिर

हत्‍या के बाद शंकर जंगल के रास्ते पंतोरा चौकी के पीछे से रोड में आ गया और रोड में चलने वाले ट्रक को हाथ दिया और उसमें बैठकर कोरबा चला गया। कोरबा में पुराना बस स्टैण्ड के पास एक पीपल पेड़ के नीचे सुबह 09:00 बजे तक बैठा रहा फिर अपना पहचान छुपाने के लिए वहीं पास के सेलून में जाकर अपना सिर मुंडन करा लिया। इसके बाद ज्योति लॉज में एक रूम किराये में लिया जिसमें अपना नाम बैग से आधार कार्ड निकालकर चूरामन साव पिता स्व. श्यामलाल साव ग्राम बुंगा, ग्राम पोस्ट गुजरडीह थाना नवाडीह बोकारो लिखा। दिनभर रूम में पड़े रहने के बाद शाम को बाहर निकलकर चाय पिया और लॉज वापस आकर रात में सो गया। अगले दिन 27 दिसंबर सुबह लगभग 10 बजे रूम छोड़ दिया। दिनभर कोरबा में ही घूमता रहा।

वास्‍तविक परिजनों को सौंपा जाएगा शव

पुलिस अफसरों ने बताया कि मृतक चूरामन के परिजनों को सूचना भेज दी गई थी, वे लोग जांजगीर पहुंच चुके हैं। कोर्ट की अनुमति लेकर भाटापारा में दफन शव को निकाला जाएगा और उसे चूरामन के परिजनों को सौंपा जाएगा।

हत्‍या की गुत्‍थी सुलझाने में इनकी रही महत्‍वपूर्ण भूमिका

पुलिस की जांच में सायबर सेल के निरीक्षण प्रवीण कुमार द्विवेदी, उप निरीक्षक पारस पटेल, सउनि. मुकेश पाण्डेय, प्र.आर. विवेक सिंह, राजकुमार चंन्द्रा, बलवीर सिंह, आरक्षक रोहित कहरा, गिरीश कश्यप, थाना प्रभारी बलौदा उप निरी. मनोहर सिन्हा, चौकी प्रभारी पंतोरा दिलीप सिंह, आरक्षक शहबाज खान, नंद कुमार पटेल, कोरबा सायबर सेल के उप निरी. नवीन पटेल, सउनि. अजय सोनवानी, आरक्षक रवि चौबे, चन्द्रकांत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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