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शीत सत्र 2 जनवरी से: एक माह का अवकाश, फिर 2 जनवरी से विधानसभा सत्र का आयोजन, सचिवालय ने...

शीत सत्र 2 जनवरी से: एक माह का अवकाश, फिर 2 जनवरी से विधानसभा सत्र का आयोजन, सचिवालय ने...
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By NPG News

रायपुर। विधानसभा के विशेष सत्र के बाद अब 2 जनवरी से शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जाएगा। हालांकि यह अलग सत्र के बजाय विशेष सत्र के अंतर्गत ही होगा। इस दौरान 3 दिसंबर से एक जनवरी की बीच बैठकें नहीं होंगी। जनवरी में 5 बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रश्नकाल के साथ-साथ अन्य शासकीय व अशासकीय कार्य होंगे। NPG.News ने एक दिसंबर को ही यह खबर प्रकाशित की थी कि शीतकालीन सत्र के रूप में अलग बैठकें होंगी। शुक्रवार को इसके लिए नोटिफिकेशन आएगा।


छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट में आरक्षण को लेकर जो स्थिति बनी, उसे स्पष्ट करने के लिए विशेष सत्र बुलाई गई। हालांकि बाद में अनुपूरक बजट को भी शामिल कर लिया गया। इसे लेकर विपक्ष की ओर से आपत्ति की गई थी। एक दिसंबर काे जब कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, तब भी विपक्ष के सदस्यों ने शीतकालीन सत्र के आयोजन को लेकर बात रखी। विपक्ष के सदस्यों का कहना था कि जनहित से जुड़े अन्य मुद्दों पर बात करने के लिए समय मिलना चाहिए। इस पर सहमति बनी। आखिरकार दो दिन के विशेष सत्र के बाद देर शाम विधानसभा सचिवालय की ओर से पुनरीक्षित सामान्य सूची जारी की गई है। इसमें 2 जनवरी से 6 जनवरी तक विधानसभा की बैठक की जानकारी दी गई है। प्रश्न लगाने और उत्तर जुटाने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

ब्रेकिंग न्यूज: विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी के पहले हफ्ते, कल आ जाएगा नोटिफिकेशन...

रायपुर। विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी के पहले हफ्ते में होगा। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों की सहमति के बाद शीतकालीन सत्र कराने का निर्णय लिया गया है। शीतकालीन सत्र का नोटिफिकेशन आ जाएगा। विशेष सत्र को ही शीत सत्र के रूप में आगे बढ़ाने की योजना है।

आरक्षण के संबंध में चर्चा के लिए विशेष सत्र के आयोजन के साथ ही सरकार की ओर से अन्य शासकीय कार्य और अनुपूरक बजट भी लाया गया। इसे लेकर विपक्ष की ओर से आपत्ति आई। विपक्ष के नेताओं का कहना था कि विशेष सत्र किसी विषय विशेष पर चर्चा के लिए होता है, लेकिन सरकार चर्चा से भागने के लिए विशेष सत्र में ही समेटने की कोशिश कर रही है।

मीडिया में भी ऐसी खबरें आई कि अनुपूरक बजट पेश होने के बाद संभवत: अब शीत सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा। विशेष सत्र के पहले दिन जब कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, तब भी यह बात उठी। आखिरकार यह निर्णय लिया गया कि शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जाएगा। यह सत्र तीन से पांच दिन का हो सकता है।

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