CG Mining Scame: छत्तीसगढ़ में एक और माइनिंग घोटाला..! आग से पाप छिपाने की कोशिश, एक्शन में सरकार
CG Mining Scame: सरगुजा कमिश्नर ने कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज को खनिज शाखा बलरामपुर में खनिज रायल्टी ओर आगजनी की जांच करने और 15 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने दिया निर्देश। आरटीआई के तहत अधिवक्ता डीके सोनी ने खनिज शाखा बलरामपुर में पीट पास जारी व रायल्टी के संबंध में जानकारी मांगी थी।आवेदन लगने के कुछ ही दिनों बाद खनिज शाखा में आगजनी की घटना घट गई। आग लगी या लगाई गई इसे लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है।

CG Mining Scame: सरगुजा। कोरबा जिले में कोल और माइनिंग स्कैम के बाद अब उत्तर छत्तीसगढ़ की चर्चा होने लगी है। सरगुजा संभाग के कमिश्नर ने बलरामपुर जिले के माइनिंग शाखा में आगजनी की घटना और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के जलकर खाक होने की घटना को गंभीरता से लिया है। कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज को जांच कराने का जिम्मा सौंपा है।
दरअसल अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट डीके सोनी ने माइनिंग शाखा में आरटीआई के जरिए महत्वपूर्ण जानकारी मांगी थी। आवेदन देने के कुछ दिनों बाद माइनिंग शाखा में आग लग गई और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। आटीआई एक्टिविस्ट ने कमिश्नर से शिकायत दर्ज कराते हुए इस पूरी घटना की जांच की मांग की है। शिकायत में इस बात का उल्लेख किया है कि जिन दस्तावेजों में आग लगा उसमें 1000 करोड़ से ऊपर के रॉयल्टी क्लीयरेंस में गड़बड़ी से जुड़े हुए दस्तावेज थे।
कमिश्नर ने इसलिए दिया जांच का आदेश
0 सरगुजा सहित दूसरे जिलों के निर्माण एजेंसी विभागों की ईई ने रॉयल्टी क्लीयरेंस के लिए पत्र बलरामपुर को क्यों भेजा बलरामपुर माइनिंग विभाग ने दूसरे जिलों की प्रकरण वास क्यों नहीं भेजे।
0 कलेक्टर के निर्देश के बाद भी निर्माण विभाग में जानकारी नहीं दे रहे हैं कि बलरामपुर जिले में किन-किन ठेकेदारों का रॉयल्टी क्लीयरेंस हुआ है।
0 फर्जी पिट पास से यहां करोड़ का रॉयल्टी क्लीयरेंस जारी हुआ है। एडिशनल कलेक्टर स्तर के अधिकारी जो यहां के काम देख रहे हैं उन्हें उनकी भनक कैसे नहीं लगी।
0 माइनिंग अधिकारी को यहां से लापरवाही पर हटाया गया तो फिर दोबारा पोस्टिंग कैसे की गई।
0 फर्जी पीट पास जो जारी हुए हैं वो स्थानीय स्तर पर ही छपे हैं। जशपुर में जो पीट पास पकड़ा गया था, उसके सरकारी पीट पास के कागज में अंतर था।
0 फर्जीवाड़ा से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है। अगर फर्जी पीट पास क्लीयरेंस जारी नहीं हुआ होता तो यह राशि सीधे सरकार के खाते में जमा होती। बलरामपुर जिले में पिछले तीन से चार सालों में 1000 करोड़ का अलग-अलग जिलों का रॉयल्टी क्लीयरेंस जारी हुआ है। नियम है कि जिस जिले में काम होता है वहीं से माइनिंग विभाग से चुकता प्रमाण पत्र जारी होता है।
सरगुजा जिले का रायल्टी क्लीयरेंस बलरामपुर जिले से
सरगुजा जिले के 200 करोड़ से अधिक या रॉयल्टी क्लीयरेंस बलरामपुर में जारी हुआ है। इसमें फर्जी पीट पास से भी फर्जीवाड़ा हुआ है। कलेक्टर ने जब इस संबंध में जानकारी मांगी तब बलरामपुर के माइनिंग अधिकारी के द्वारा कलेक्टर को बिना कोई सूचना दिए ही फर्जी तरीके से कलेक्टर के बिना जानकारी के संबंधित अधिकारियों को जानकारी दे दी।
विभागीय अमले इस तरह का कर रहा खेल
सरगुजा जिला प्रशासन से बलरामपुर कलेक्टर को पत्र भेजकर जानकारी मांगी थी कि यहां के कितने ठेकेदारों का बलरामपुर में रॉयल्टी क्लियरेंस जारी किया है। पत्र कलेक्टर का गया था और जानकारी भी उसी मार्फत आनी थी, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी ने खुद के हस्ताक्षर से एक सूची भेज दी। सूची में कई कामों में एक ही ठेकेदार का नाम था। सरगुजा संभाग के ठेकेदार एवं क्रेशर संचालक द्वारा यह तय किया जाता था रॉयल्टी क्लीयरेंस के लिए बलरामपुर माइनिंग भेजा जाए। बलरामपुर माइनिंग ऑफिस में फर्जी पीट पास के जरिए चुकता प्रमाण पत्र जारी हो जाता है। जिसमें ठेकेदार एवं माइनिंग
क्या है नियम
निर्माण एजेंसी शासन द्वारा निर्धारित दर के हिसाब से निर्माण कार्य में खनिज की रॉयल्टी का पैसा होल्ड कर देता है। ठेकेदार काम पूरा होने के बाद पीट पास खनिज विभाग में जमा करता है। पीट पास जारी हुआ है या उसे खरीदा है या नहीं,विभाग इसकी जांच करता है। पुष्टि के बाद खनिज विभाग ठेकेदार को प्रमाण पत्र जारी करता है।
