CG Land Registry: घर बैठे रजिस्ट्री शुरू होने से दलालों में हड़कंप, नियमों की आड़ में 3 करोड़ रुपए का होता था भ्रष्टाचार, जानिये कैसे
CG Land Registry: छत्तीसगढ़ में घर विजिट रजिस्ट्री में बड़ा खेला होता था। टोकन के स्पेशल स्लॉट में भी आम लोगों से रोज लाखों रुपए की वसूली होती थी। मगर पंजीयन विभाग ने इन दोनों नियमों को ओपन कर दलालों को तगड़ा झटका दिया है। विभाग ने अब फीस तय कर दिया है।
CG Land Registry: रायपुर। छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग में अंग्रेजों के युग से चले आ रहे नियमों में व्यापक सुधार किया जा रहा है। फेसलेस रजिस्ट्री पर विभाग काम कर रहा है, अब फीस देकर घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा भी प्रारंभ हो गई है। फीस देकर घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा का लोगों को कितना लाभ होगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी मगर एक बात अवश्य है कि रजिस्ट्री विभाग में भ्रष्टाचार पर यह एक बड़ी चोट होगी।
पंजीयन मंत्री का दायित्व संभालने ही ओपी चौधरी ने कहा था कि पंजीयन विभाग के सालों पुरानी व्यवस्था में बदलाव करके जनता को सहूलियते दी जाएगी। विभाग में उपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मंत्री ओपी चौधरी ने 20-20 साल से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों, कर्मचारियों को बदल दिया। खासकर, रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग का पूरा स्टाफ बदल गया।
भ्रष्टाचार पर अब दूसरी चोट की गई है घर बैठे रजिस्ट्री और स्पेशल स्लॉट के लिए रेट तय करके। बता दें, पंजीयन विभाग में 25 हजार रुपए जमा कर घर बैठे रजिस्ट्री कराई जा सकती है। 25 हजार रुपए जमा करने के बाद पंजीयन विभाग के अधिकारी आपके घर आकर रजिस्ट्री कराएंगे। इसी तरह टोकन के स्पेशल स्लॉट के लिए पंजीयन विभाग ने 15 हजार रुपए रेट तय कर दिया है।
ऐसे होता था खेला
पंजीयन विभाग का पुराना नियम है कि कोई आदमी बीमार या पंजीयन दफ्तर आने में असमर्थ है तो उसके घर जाकर रजिस्ट्री करना। इसके लिए रजिस्ट्री अधिकारी विजिट की फाइल बनाकर उसके घर चले जाते थे। इसमें बड़ी गड़बड़ी होती थी। बड़े भूमाफिया, बिल्डर या रसूखदार लोग, जो रजिस्ट्री आफिस नहीं आना चाहते, वे दलालों से संपर्क कर विजिट का केस बना घर बुला रजिस्ट्री करा लेते थे।
इसी तरह टोकन का नियम आने के बाद स्पेशल स्लॉट की आड़ में बड़ी वसूल हो रही थी। जिन्हें जल्दी होती थी। मसलन, कोई बाहर से आया है, और उसे फ्लाइट पकड़नी है या फिर कहीं बाहर जाना है तो उसे दलाल रास्ता बताते थे, साहब इतना लगेगा। आप कहों तो रजिस्ट्री अधिकारी से बात करूं। स्पेशल स्लॉट में 25 से 30 हजार तक में सौदा होता था। आदमी के इमरजेंसी के हिसाब से दलाल रेट बढ़ा-घटा देते थे। जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में साल में 1200 से 1500 ऐसी रजिस्ट्रियां होती थी। याने 3 करोड़ से अधिक का वारा-न्यारा होतो था।
खजाने का फायदा
एक्स्ट्रा फीस देकर घर बैठे रजिस्ट्री कराने या स्पेशल स्लॉट से जो पैसा दलालों के जेब में जा रहा था, वह अब सरकार के खजाने में आएगा। रजिस्ट्री विभाग का एक बड़ा भ्रष्टाचार बंद होगा सो अलग है।