Budget session of the Assembly: एसआई भर्ती 2018 पर विधानसभा में प्रश्न: मंत्री ने बताया विज्ञापन जारी किए 5 साल 6 महीना हो गया, इस वजह से हो रही है देर...
Budget session of the Assembly: राज्य पुलिस में सुबेदार - उप निरीक्षक संवर्ग में भर्ती के मामले पर विधानसभा में प्रश्न पूछा गया। सरकार की तरफ से बताया कि 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था।
Budget session of the Assembly: रायपुर। पुलिस भर्ती को लेकर भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुन्नूलाल मोहले ने प्रश्न किया था। उन्होंने पूछा था कि वर्ष 2021 से दिसंबर, 2023 तक पुलिस विभाग में किन-किन श्रेणी के कितने कितने पदों पर सीधी भर्ती निकाली गई है तथा कितने पदों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर पदस्थापना कर दी गयी है? 2018, उपनिरीक्षक भर्ती प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कितना समय हो गया है? प्रक्रिया के विलंब होने के क्या कारण हैं तथा उक्त भर्ती प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? क्या उपनिरीक्षक भर्ती प्रक्रिया में जिनकी उम्र भर्ती प्रक्रिया में विलंब होने के चलते निकल गयी है, उनको शासन द्वारा छूट दी जावेगी? यदि हां, तो कितना? यदि नहीं, तो क्यों ? क्या भर्ती प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के मूल निवासी के साथ ही राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति तथा अन्य पिछडा वर्ग को भर्ती प्रक्रिया में विशेष छूट दिये जाने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित है? हां तो जानकारी देवें?
मोहले के इस प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया है कि वर्ष-2018 में विज्ञापन जारी होने के पश्चात् लगभग 05 वर्ष 06 माह का समय हो गया है। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में प्रक्रियाधीन सूबेदार/उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर संवर्ग भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2021 के नियम 8(2) में एक बार के लिये उच्चतर आयुसीमा में कुल 06 वर्ष की छूट प्रदान की गई है। छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (अराजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2021 में छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जाति व जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर क्रीमीलेयर) की उच्चतर आयुसीमा को अधिकतम 05 वर्ष तक शिथिल करने का प्रावधान है। वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है।
मंत्री शर्मा ने बताया कि 2021 से 2023 के बीच सूबेदार, उप निरीक्षक संवर्ग में 975 पद पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। बस्तर फाइटर के 2100 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें से 2057 पदों पर भर्ती हो चुकी है। आरक्षक संवर्ग के 133पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
जाने आज और क्या-क्या हुआ विधानसभा में
कांग्रेस के सभी विधायक निलंबित: साधराम यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग पर सदन में हंगामा
रायपुर। कवर्धा हत्याकांड की गुंज आज विधानसभा में सुनाई दी। इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया। सीबीआई की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी विधायक सदन के गर्भगृह में पहुंच गए। इसकी वजह से नियमानुसार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने उनके निलंबन की घोषणा कर दी। इसके बाद कांग्रेसी सदस्य विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने बैठकर नारेबाजी करने लगे।
यह मामला सदन में शून्यकाल के दौरान उठा। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि जब बिरनपुर हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराई जा सकती है तो फिर इस मामले की क्यों नहीं कराई जा रही है। इसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस के सभी विधायक खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और फिर नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए।
बता दें कि गौ सेवक साधराम यादव की 20 जनवरी को कवर्धा के लालपुर में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ यूएपीएस यानी गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया है।
दुर्ग के हथखोज चलेगा बुलडोजर: अतिक्रमण की शिकायत पर उद्योग मंत्री ने सदन में की घोषणा
रायपुर। वैशालीनगर सीट से विधायक रिकेश सेन ने आज दुर्ग के औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायत की। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि हथखोज में उद्योग की करीब 100 एकड़ पर भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है। इस पर मंत्री ने बताया कि वहां बेदखली की कार्यवाही की जाएगी। अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही जल्द से जल्द की जाएगी।
इस प्रश्न पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने चुटकी लेते हुए कहा कि सेन जी आप तो खुद ही बुलडोजर लेकर पहुंच जाते हैं, वहां भी क्यों नहीं चले जाते। इस सेन ने कहा कि मुझे अनुमति मिले तो मैं वह भी करुंगा।
सीएसआर पर घमासान: मंत्री बोले हमारे हाथ में कुछ नहीं है, केंद्र को नियमों में बदलाव करने लिखेंगे पत्र
रायपुर। विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) का मुद्दा गरमाया रहा।पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के विधायकों ने इस राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कहा कि उद्योगपति अपनी मर्जी से पैसा खर्च करते हैं। राशि खर्च करते हैं या नहीं यह भी पता नहीं चलता। इस पर उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने सदन को बताया कि सीएसआर के मामले में अब राज्य सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। पहले सीएसआर की राशि जिलों में आती थी फिर कलेक्टर के मध्यम से उसे खर्च किया जाता था, लेकिन अब उद्योग वाले ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय और जरुरत के हिसाब से खर्च कर रहे हैं।
विधायकों की तरफ से उठ रहे सवालों पर मंत्री देवांगन बार-बार यही कहते रहे कि नियम बदल गया है अब हमारे हाथ में कुछ नहीं है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2021 में केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था, तब परिस्थितियां अलग थीं। उन्होंने पूछा कि क्या आप भारत सरकार से आग्रह करेंगे कि पहले जैसे पहले राज्य सरकार और कलेक्टर के माध्यम से इसका संचालन होता था फिर वैसे ही हो। इस पर मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हम इस संबंध में भारत सरकार से पत्राचार करेंगे।
सीआरएस का यह मामला भाजपा विधायक भावना बोहरा ने उठाया था। इस दौरान विधायक अनुज शर्मा ने पूछा कि क्या इस पूरे मामले में राज्य सरकार कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक ईमानदारी से खर्च नहीं करते हैं। दूसरी जगह पर खर्च करते हैं। क्या कार्यवाही का प्रावधान है।
मणिपुर मामले की आईजी रेंक के अफसर करेंगे जांच
अंबिकापुर के मणिपुर चौकी के पास 2 वर्ष पहले एक नाबालिग की लाश मिली थी। शव की स्थिति को देखते हुए रेप के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की गई थी। इस मामले में सीतापुर विधायक राम कुमार टोप्पों ने प्रश्न किया था।टोप्पों ने इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया। कहा कि पुलिस की पूरी कार्यवाही संदेह के घेरे में है। पंचनामा रिपोर्ट तक गलत बनाया गया है। उन्होंने बताया कि शव मिलने के कुछ देर बाद ही मृतका की पहचान कर ली गई थी और उसके परिजन भी पहुंच गए थे, लेकिन उनसे झूठ बोलकर थाने में ही बैठाए रखा गया। टोप्पों ने आरोप लगाया कि पुलिस दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। गृह मंत्री विजय शर्मा के स्थान पर प्रश्न का जवाब दे रहे है मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी। इसके लिए आईजी रेंक के अफसरों की टीम बनाई जाएगी।
श्रमिकों के शोषण की होगी जांच
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में श्रमिकों के शोषण के मामले की श्रम अधिकारियों की टीम से जांच कराने की घोषणा की है। विधायक रामकुमार यादव ने अपने प्रश्न के दौरान आरोप लगाया कि वहां कंपनियों में श्रमिकों से 12-12 घंटे काम कराया जा रहा है। कोई आवाज उठाता है तो उसे नौकरी से बाहर कर देते हैं। मंत्री ने इस पूरे मामले की जांच कराने की घोषणा सदन में की है।
स्थानीय लोगों को नहीं मिल रही नौकरी
आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने नौकरी और सुविधा देने में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इस पर उद्योग मंत्री देवांगन ने कहा कि उद्योग विभाग का नियम है उसके तहत सभी सुविधाएं दी जाती है। कहीं- कोई कमी होती है तो कार्यवाही करते हैं। इसी प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि उद्योगों की स्थापना के लिए समय सीमा निर्धारित है यदि समय सीमा में काम नहीं होता तो जमीन वापस लेने का नियम है।