Budget session of the Assembly: सदन में सड़क पर सवाल: लखनपुर में चौड़ीकरण और राजस्व प्रकरणों के निराकरण में देर पर उठा सवाल..
Budget session of the Assembly:
Budget session of the Assembly: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज अंबिकापुर- लखनपुर सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा उठा। पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने बताया कि लखनपुर में स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से 2 लेन की ही सड़क बन पाई है। इस पर प्रश्नकर्ता विधायक राजेश अग्रवाल ने कहा कि स्थानीय लोगों ने विरोध नहीं किया था बल्कि पूर्व मंत्री और वहां के पूर्व विधायक ने केवल एक व्यक्ति का घर बचाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण सड़क है, उसका चौड़ीकरण किया जाना चाहिए।
इस पर मंत्री ने बताया कि वह सड़क भारत सरकार के अंतर्गत आता है। हम फिर से उसे 4लेन करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। यूडी मिंज ने कहा कि यह सड़क न केवल रायपुर और अंबिकापुर बल्कि बनारस को भी जोड़ती है। इसलिए इसे 4 लेन किया जाना चाहिए।
वहीं, रामकुमार यादव ने ओड़ेकेरा- धुरकोट- मिरौनी की सड़क को लेकर प्रश्न किया। उन्होंने कहा कि उस सड़क पर पावर प्लांट वालों की बड़ी-बड़ी गाड़ियां चलती हैं, जिसकी वजह से सड़क खराब हो जाती है। उन्होंने भारी वाहनों पर रोक लगाने या उन्हें केवल रात में ही चलने की अनुमति देने का आग्रह किया। मंत्री साव ने बताया कि ओवर लोडिंग की कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि 23.80 किलो मीटर की यह सड़क 22-23 के बजट में शामिल था फिर इसे शामिल किया गया है। वहीं, सदन में राजस्व प्रकरणों को लेकर भी कई सदस्यों ने प्रश्न किया।
CG नोटरी की नियुक्ति: विधानसभा में उठा नोटरी के रिक्त पदों का मामला, मंत्री साव बोले...
रायपुर। प्रदेश में नोटरी की नियुक्ति का मामला आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठा। विधायक संपत अग्रवाल ने रायपुर संभाग के नोटरियों के संबंध में प्रश्न किया है। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विभागीय मंत्री अरुण साव से कहा कि भूपेश बघेल की सरकार में बड़ी संख्या में नए तहसील आदि का गठन किया गया है। ऐसे में नोटरी के पद भी रिक्त होंगे उन्हें कब तक भरा जाएगा। इस पर मंत्री सवा ने बताया कि उन्होंने विभाग से पूरी जानकारी मांगी गई है।जैसे ही जानकारी उपलब्ध हो जाएगी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं, अग्रवाल के प्रश्न के उत्तर में मंत्री सव ने बताया कि 1 जनवरी 2023 की स्थिति में रायपुर संभाग में कुल 169 नोटरी कार्यरत थे। दिसंबर 2023 की स्थिति में 47 ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। इसमें से 36 का नवीनीकरण हो गया है। 11 मामले लंबित हैं।
अरपा भैंसाझार परियोजना को लेकर भड़के कौशिक: बोले- दोषियों को बचा रहे हैं वो हमारी पीड़ा क्या दूर करेंगे...
रायपुर। बिलासपुर संभाग की अरपा भैंसाझार परियोजनों में देर का मामला आज सदन में उठा। राघवेंद्र कुमार सिंह ने इसको लेकर प्रश्न किया था। इस परियोजना से कोटा, तखतपुर और बिल्हा विकासखंड के करीब 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होनी है। मंत्री केदार कश्यप ने सदन में बताया कि करीब साढ़े 12 हजार हेक्टेयर में अभी सिंचाई हो रही है। भूमि अधिग्रहण सहित कुछ और कारणों से इस काम में विलंब हुआ है। इस पर धर्मजीत सिंह और धरमलाल कौशिक ने पूरक प्रश्न किया।
धर्मजीत सिंह के प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि परियोजना का मुख्य काम पूरा हो चुका है। बीच का काम बचा है उसे कनेक्ट करना बाकी है। कलेक्ट करते ही पूरे 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होने लगेगी। धरमलाल कौशिक परियोजना में अनियमितता का आरोप लगाया। कहा कि अभी तक आधा ही काम हुआ है। विलंब के कारण लागत बढ़ रही है। महालेखाकार की भी टिप्पणी आई है। जिन लोगों के खेत का अधिग्रहण नहीं हुआ है उन्हें मुआवजा बांट दिया गया है, वह भी 10 करोड़ रुपये। 10 अधिकारी दोषी पाए गए हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं की जा रही है।
इस बीच धर्मजीत सिंह ने इस मामले में स्थानीय विधायकों की अधिकारियों के साथ बैठक कराने का आग्रह किया। इस पर मंत्री कश्यप ने कहा कि वे स्वयं बिलासपुर आएंगे और अफसरों के साथ विधायकों की बैठक करांएगे। इस पर कौशिक ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्पीकर डॉ. रमन सिंह से कहा कि इस परियोजना की की नींव आपके मुख्यमंत्री रहने के दौरान लालकृष्ण आडवानी ने रखी थी। अब तक काम पूरा नहीं हुआ है। इस पर स्पीकर ने कहा कि मंत्री जी कह रहे हैं कि वे बैठक करा देंगे, आपकी पीड़ा दूर कर देंगे। कौशिक बोले कि योजना की लाइनिंग, डिजाइन बदल दी गई। अब दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ा इस बात की है कि जो सामने है उस पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
हालांकि इससे पहले मंत्री ने कहा कि संबंधित दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की गई है। जो वर्तमान में भूमि अधिग्रहण का मामला है उसकी वजह से काम रुका हुआ है। चूक हुई है 8 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। गलत भुगतान की तत्काल वसूली की कार्यवाही की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूछा कि वहां का ठेकेदार कौन है।
बाघ की मौत के मामले में सदन में न्यायिक जांच पर घिरे मंत्री: नेता प्रतिपक्ष ने कहा दिखाएं जांच का आदेश, मंत्री बोले...
रायपुर। गोमार्ड अभ्यारण्य में इसी वर्ष जनवरी में करंट लगने से एक बाद्य की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज सदन में वन मंत्री केदार कश्यप को घेरा। डॉ. महंत ने कहा कि इसी मामले में मेरे ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में मंत्री ने बताया था कि इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वन मंत्री न्यायिक जांच के आदेश की कापी दिखा दें और बता दें कि कौन से न्यायाधीश इसकी जांच कर रहे हैं।
इस पर वन मंत्री कश्यप ने मामले में दर्ज एफआईआर और 9 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी सदन में दी। बताया कि राष्ट्रीय बाद्य प्राधिकरण के नियमों के अनुसार राजपत्रित अधिकारी से पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि मैं सीधा- सीधा प्रश्न कर रहा हूं कि न्यायिक जांच का आदेश कहां है। उन्होंने मंत्री से कहा कि विभाग के अधिकारी आपसे सदन में असत्य कथन करा रहे हैं। इसलिए इस मामले की विधानसभा की समिति से जांच कराई जाए।
इस पर मंत्री कश्यप ने सफाई देते हुए कहा कि मेरे कहने का अशय कुछ और था। इस मामले में क्रिमनल केस चल रहा है। मंत्री ने बताया कि जिन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है उन्होंने अपनी खेतों की सुरक्षा के लिए तार लगाया था। उनकी मंशा बाद्य के शिकार की नहीं थी। जंगली जीव अपने फसल को बचाना चाह रहे थे। इस पर महंत ने कहा कि विभाग से जवाब से ऐसा लग रहा है कि जंगल में सुअरो की संख्या बढ़ गई है तो क्या मंत्री उनकी गिनती कराएंगे। इस पर कश्यप ने कहा कि सुअर के साथ ही सभी वन्यजीवों की गिनती कराई जाएगी।
डॉ. चरण दास महंत का मूल प्रश्न था कि क्या माह जनवरी, 2024 में गोमर्डा अभ्यारण्य में या उसके आसपास बाघ की अस्वाभाविक मृत्यु हुई है ? यदि हां, तो मृत्यु की तारीख तथा कारण बताएं ? मृत्यु के कितने दिनों पश्चात्, किससे प्रथम सूचना प्राप्त हुई? बाघ के राज्य में विचरण का तथ्य पहली बार कब विभाग के संज्ञान में आया था और उसके पश्चात् उस पर नजर रखने (ट्रेकिंग) के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं की गई थी ? I
इस पर विभाग की तरफ से बताया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट 26.01.2024 एवं तत्संबंधित दर्ज वन अपराध की विवेचना में पाये गये तथ्यों के अनुसार गोमर्डा अभ्यारण्य अंतर्गत कक्ष क्र. 927 लोहारिन आरक्षित वन के सीमावर्ती गांव घोराघाटी में जंगली सुअर के शिकार के लिए बिछाये गये विद्युत तार की चपेट में आने से बाघ की आकस्मिक मृत्यु की घटना 16-18 जनवरी 2024 के मध्य होना पाया गया है। इस घटनाक्रम की जानकारी मुखबिर के माध्यम से विभागीय अमले को 19.01.2024 की रात्रि को प्राप्त हुई। इस बाघ के आने की जानकारी नवम्बर 2023 के अंत में विभाग के संज्ञान में आई थी।