Budget session of the Assembly: पुलिस कर्मियों का भत्ता बढ़ाने की मांग: गृह मंत्री ने बताया इस वजह से कम है भत्ता, अब सरकार कर रही है यह काम
Budget session of the Assembly:
Budget session of the Assembly: रायपुर। प्रदेश के पुलिस कर्मियों के वेतन-भत्ता का मामला आज विधानसभा में उठा। प्रश्नकाल में पहला प्रश्न ही पुलिस वालों के वेतन-भत्ता से जुड़ा हुआ था। कांग्रेस विधायक चातुरी नंद के इस प्रश्न के उत्तर में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने सदन में स्वीकार किया कि भत्ता कम है। उन्होंने भत्ता कम होने की वजह और मौजूदा सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि मैं पुलिस वालों का दर्द अच्छी तरह से समझता हूं।
डिप्टी सीएम शर्मा ने बताया कि जिस समय यह भत्ता तय हुआ था उस वक्त यह प्रयाप्त था। इसका नियमित पुनरीक्षण होना था, लेकिन 2007 के बाद से यह काम हुआ नहीं है। इसी वजह से यह स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों के वेतन-भत्ता पुनरीक्षण के लिए अंतर विभागीय समिति के गठन की प्रक्रिया चल रही है। अंतर विभागीय समिति में सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, गृह विभाग और पुलिस विभाग के सदस्य रहेंगे। समिति की रिपोर्ट के आधार पर भत्ता में संशोधन किया जाएगा। इसका रिजल्ट जल्द मिलेगा।
मंत्री शर्मा ने चिकित्सा भत्ता के संबंध में बताया कि एक प्रस्ताव गया है 200 रुपये मासिक भत्ता या ओपीडी में इलाज के बाद क्लेम करने की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने गृह भाड़ा भत्ता के संबंध में बताया कि यह सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार दिया जा रहा है। पुलिस ही नहीं राज्य के बाकी विभागों के कर्मचारियों को भी इसी आधार पर गृह भाड़ा मिलता है। ग्रेड पे को लेकर भी उन्होंने यही बात कही। मंत्री ने यह भी बताया कि कीट भत्ता का भुगतान नगद किया जाता है। यह राशि सीधे बैंक खाता में जमा करा दी जाती है।
पौष्टिक आहार भत्ता | रुपये 100/- प्रतिमाह | आरक्षक से निरीक्षक संवर्ग तक |
वर्दी घुलाई भत्ता | रुपये 60/- प्रतिमाह | आरक्षक / प्रधान आरक्षक संवर्ग तक |
रुपये 80/- प्रतिमाह | स.उ.नि. से निरीक्षक संवर्ग तक | |
रुपये 100/- प्रतिमाह | उ.पु.अ. से उ.म.नि. संवर्ग तक | |
वर्दी नवीनीकरण अनुदान (तीन वर्ष में) | रुपये 800/- | स.उ.नि. से निरीक्षक संवर्ग |
रुपये 1500/- | उ.पु.अ. से उ.मा.न. तक | |
प्रारंभिक वर्दी अनुदान | रुपये 1000/- | स.उ.नि. से निरीक्षक संवर्ग |
रुपये 2000/- | उ.पु.अ. से उ.म.नि. तक | |
चिकित्सा भत्ता | रुपये 200/- प्रतिमाह | निरीक्षक से आरक्षक संवर्ग तक के अधि. / कर्मचारियों को उनके द्वारा प्रस्तुत विकल्प के आधार पर चिकित्सा भत्ता प्रदाय किया जा रहा है। अन्य अधि० / कर्मचारी जिन्होने विकल्प नही दिया है यथावत् चिकित्सा प्रतिपूर्ति के अधीन है। |
वाहन भत्ता | रुपये 100/- प्रतिमाह | रायपुर के बी-1 एवं बी-2 श्रेणी के नगरों के लिये (रायपुर एवं दुर्ग-भिलाई) |
भक्सल ड्यूटी भत्ता | संवेदनशील/अतिसंवेदनशील क्षेत्र के आधार पर मूलवेतन का 20 प्रतिषत एवं 15 प्रतिशत प्रतिमाह | पुलिस अधीक्षक से आरक्षक संवर्ग स्तर तक |
संवेदनशील/अतिसंवेदनशीलसामान्य क्षेत्र के आधार पर मूलवेतन का 50 प्रतिशत, 35 प्रतिषत एवं 15प्रतिशत प्रतिमाह (बस्तर संभाग के 07 जिलों एवं जिला राजनांदगाँव के ०9 थाना क्षेत्रों में) | पुलिस अधीक्षक से आरक्षक संवर्ग स्तर तक | |
जिला नारायणपुर के थाना कुकराझोर में पदस्थ अधि०/कर्म० को मूल वेतन का 50 प्रतिषत | पुलिस अधीक्षक से आरक्षक संवर्ग स्तर तक | |
राशन भत्ता (नक्सल क्षेत्र में पदस्थ कर्मचारियों को) | रुपये 650/- प्रतिमाह | आरक्षक से निरीक्षक संवर्ग तक |
रुपये 2200/- | प्रतिमाह स्पेशल टॉस्क फोर्स के पुलिस जवानों को देय। |
रुपये 2000/- | प्रतिमाह जिला पुलिस बल सहायक आरक्षक एवं गोपनीय सैनिकों को देव। | |
यात्रा भत्ता | रुपये 1000/- प्रतिमाह | बस्तर संभाग के 07 जिलों एवं जिला राजनादगाँव के 09 थाना क्षेत्रों में कार्यरत सहायक आरक्षकों हेतु स्वीकृत निश्चित यात्रा भत्ता । |
विशेष भत्ता | मूल वेतन का 50 प्रतिशत | एस.टी.एफ में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी (कार्यपालिक) बल को मूल वेतन का 50 प्रतिशत भत्ता। |
रीपा में गड़बड़ी: ऑडिटर जनरल करेंगे ऑडिट, सीएम करेंगे समीक्षा, मंत्री की घोषणा- बंद नहीं होगी योजना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान बनाए गए ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) को लेकर विभागीय मंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि रीपा केंद्रों से जो अपेक्षा थी वैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद वे खुद कई रीपा केंद्रों में गए हैं। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों की मांग पर मंत्री शर्मा ने रीपा योजना पर हुए खर्च की ऑडिटर जनरल से ऑडिट कराने और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भौतिक सत्यापन कराने की घोषणा की है। कांग्रेस सदस्य व पूर्व मंत्री उमेश पटेल के एक प्रश्न के जवाब में मंत्री शर्मा ने कहा कि इस योजना में सरकार का पैसा लगा है इस वजह से इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है।
इससे पहले धरमलाल कौशिक के प्रश्न के जवाब में मंत्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 300 रीपा केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था और 300 केंद्र स्थापित कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए डीएमएफ सहित अन्य विभागों से बज लिया गया है। इसके बाद कौशिक, अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह और पुन्नूल लाल मोहले सहित अन्य सदस्यों ने इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरेाप लगाया। कहा कि जितना खर्च बताया गया है उतना हुआ नहीं है। सरपंच से जबरन हस्ताक्षर करा लिए गए हैं। धर्मजीत सिंह ने कहा कि इसकी वजह से कई सरपंच दबाव में हैं कुछ तो आत्महत्या करने का मन बना चुके हैं।
मंत्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने स्वयं कई रीपा केंद्रों को जाकर देखा है जो अपेक्षा थी वैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि ऑडिटर जनरल के माध्यम से ऑडिट किया जाना चाहिए। सीएस के जरिये भौतिक सत्यपान होना चाहिए। यह काम 3 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खर्च और नियम प्रक्रिया की जांच जरुरी है।