Budget session of Chhattisgarh Assembly: शराब पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही सरकार को घेरा: मंत्री ने की प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की घोषणा
Budget session of Chhattisgarh Assembly: शराब के मुद्दे पर आज विधानसभा गरमा गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। बीजेपी विधायकों की मांग पर मंत्री ने प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच कराने की घोषणा की।
Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकारी शराब दुकानों के लिए मैन पावर सप्लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर आज सदन में हंगामा खड़ा हो गया। बीजेपी विधायकों ने एजेंसी के खिलाफ जांच कराने की मांग करते हुए नारेबाजी की। इससे पहले सवालों का जवाब दे रहे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पहले ही इस मामले में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य सरकार की एजेंसी एसीबी-ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। इस पर भाजपा विधायकों ने सवाल किया तो क्या प्लेसमेंट एजेंसी की जांच नहीं होगी। बाहर जाकर हम प्रदेश की जनता को क्या उत्तर दें। इस दौरान कांग्रेस के विधायकों भी अपने स्थान पर खड़े हो गए। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि अब बीजेपी वालों को ईडी और ईओडब्ल्यू पर भी भरोसा नहीं है। इसकी वजह से सदन में काफी शोरशराबा होने लगा। इस बीच मंत्री जायसवाल ने प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ भी जांच कराने की घोषणा सदन में कर दी।
शराब का यह मामला आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने वर्ष 2019 से लेकर 2023 के बीच राज्य में शराब का ठेका और आपूर्ति आदि को लेकर प्रश्न किया था। आबकारी विभाग मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास है, लेकिन आज सदन में उनकी अनुपस्थिति में आबकारी विभाग के सवालों का जवबा दे रहे स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि राज्य में शराब नीति बनी हुई है उसकी के तहत शराब की खरीदी होती है। इसके बाद मूणत ने केवल 3 ही डिस्लरी के माध्यम से देशी शराब की आपूर्ति पर प्रश्न किया। इस पर मंत्री ने बताया कि प्रदेश में देशी शराब की 3 ही डिस्लरी है। ऐसे में पूरे राज्य को 8 जोन में बांटकर टेंडर किया गया था। मूणत ने एक ही डिस्लरी द्वारा लगातार शराब आपूर्ति पर सवाल उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि जिसे टेंडर मिलेगा वही शराब की सप्लाई करेगा।
इसके बाद शराब दुकानों में मैन पावर (कर्मचारी) सप्लाई, ओवर रेटिंग और मिलावट पर प्रश्न उठा। मंत्री ने बताया कि इन मामलों में बड़े पैमाने पर कार्यवाही की गई है। 500 से ज्यादा प्लेसमेंट कर्मियों को सेवा से पृथक किया गया है। मूणत ने पूछा कि उस प्लेसमेंट एजेंसी प क्या कार्यवाही की गई है। इस पर मंत्री ने उत्तर दिया कि प्लेसमेंट एजेंसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और वह आज भी राज्य में काम कर रही है। इसके बाद मूणत की तरफ से सवाल हुआ कि क्या सरकार इसकी जांच कराएगी। मंत्री ने कहा कि ईडी और ईओडब्ल्यू पहले से शराब मामले की जांच कर रही है। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट सत्ता पक्ष के विधायक अपने स्थान पर खड़े हो गए और जांच की मांग करने लगे। इसके बाद मंत्री ने इस मामले की भी जांच करने की घोषणा कर दी।