Budget session of Chhattisgarh Assembly 2024: दवाई में भी मिलावट: मंत्री ने बताया आयुर्वेदिक दवा में हो रही है मिलावट, 23 महीने में मिले 11 केस
Budget session of Chhattisgarh Assembly 2024: प्रदेश में दवाईयों में मिलावट का मामला सामने आया है। राज्य में 23 महीने में एक-दो नहीं पूरे 11 मिलावटी दवाई पड़की गई है। यह जानकारी आज विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने दी।
Budget session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। आयुर्वेदिक दवाओं में ऐलोपैथिक दवाईयां मिलाई जा रही है। जनवरी 2022 से नवंबर 2023 के बीच ऐसे 11 केस मिले हैं। यह जानकारी विधानसभा में आज स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक के एक प्रश्न के जवाब में दिया। मंत्री ने बताया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में चालान कोर्ट में पेश किया जाता है।
मंत्री ने बताया कि 2022 में दर्ज सभी मामलों में चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है। 2023 के मामलों की विवेचना चल रही है। मंत्री ने बताया कि दवाओं के जांच की प्रक्रिया लगातार चलती है। इसके लिए प्रदेश में चलती वाहन में लैब रहते हैं। कहीं पर लगता है तो तत्कला वहीं पर जांच करते हैं। मंत्री राज्य के लैब में मानव संसाधन कम है। केवल 5 प्रतिशत ही पद है। हमारे पास केवल यह पता करने की व्यवस्था है कि दवा में मिलावट है या नहीं। कितनी मिलावट है यह जानने के लिए सैंपल बाहर भेजना पड़ता है।
कबीर शोध पीठ में बिना फंड छप गई 3 किताबें: मंत्री बोले जादू से छापा होगा, विभाग लगाएगा पता...
रायपुर। कबीर शोध पीठ के माध्यम से 3 पुस्तकों के प्रकाशन का मामला आज विधानसभा में उठा। यह शोध पीठ राज्य के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थापित है। शोध पीठों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्न किया था। प्रश्न के लिखित उत्तर में विभाग की तरफ से बताया गया कि एक वर्ष में कबीर शोध पीठ 3 पुस्तकों का लेखन किया गया। इसमें संत कबीर का इतिहास, संत कबीर का छत्तीसगढ़ और कहत कबीर शामिल है।
विधायक चंद्राकर ने पूछा कि इन पुस्तकों क प्रकाशन के लिए विभाग ने कितन बजट दिया। इन पुस्तकों के मुद्रक और प्रकाशक कौन हैं। इसके उत्तर में उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इन पुस्तकों के लिए शासन के द्वारा छपाई के लिए कोई अनुदान नहीं दिया गया है और न ही शासन के पास इनका कोई रिकार्ड है। इस पर चंद्राकर ने पूछा तो क्या यह किताबें जादू से छप गई हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि मुझे भी लगता है कि जादू से ही छपा होगा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इन किताबों के संबंध में प्रश्न किया और पूछा कि इन किताबों को लिखने वाले विद्वान का नाम क्या है। इसके बाद मंत्री अग्रवाल ने कहा कि विभाग इस बात का पता लगाएगा कि ये किताबें कैसे छपी।