Breaking News : भारतमाला प्रोजेक्ट में करोड़ों का मुआवजा डकारने वालों पर ED का शिकंजा, रायपुर और महासमुंद के 9 ठिकानों पर छापेमारी
Breaking News : आज सोमवार की तड़के सुबह, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने प्रदेश के बहुचर्चित भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले के सिलसिले में राजधानी रायपुर और महासमुंद जिले में बड़ी कार्रवाई शुरू की है।

Breaking News : भारतमाला प्रोजेक्ट में करोड़ों का मुआवजा डकारने वालों पर ED का शिकंजा, रायपुर और महासमुंद के 9 ठिकानों पर छापेमारी
Chhattisgarh ED Raid : रायपुर/महासमुंद: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा एक बार फिर कसता नजर आ रहा है। आज सोमवार की तड़के सुबह, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने प्रदेश के बहुचर्चित भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले के सिलसिले में राजधानी रायपुर और महासमुंद जिले में बड़ी कार्रवाई शुरू की है। ईडी की अलग-अलग टीमों ने एक साथ 9 से अधिक ठिकानों पर दबिश देकर हड़कंप मचा दिया है।
Chhattisgarh ED Raid : इनके ठिकानों पर चल रही है जांच
खबरों के मुताबिक, ईडी की इस कार्रवाई के केंद्र में कारोबारी हरमीत खनूजा और उनके करीबी सहयोगी हैं। महासमुंद में टीम ने प्रमुख कारोबारी जशबीर सिंह बग्गा के बसंत कॉलोनी स्थित निवास पर छापेमारी की है। जशबीर सिंह बग्गा क्षेत्र के बड़े ऑटोमोबाइल कारोबारी (होंडा शोरूम मालिक) बताए जा रहे हैं। सोमवार सुबह करीब दो गाड़ियों में सवार होकर अधिकारी उनके घर पहुंचे और घर की घेराबंदी कर दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की।
क्या है पूरा मामला?
भारतमाला परियोजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना है, जिसके तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक लगभग 950 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के हिस्से में:
रायपुर से विशाखापट्टनम तक फोरलेन सड़क।
दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रस्तावित है।
घोटाले की जड़: इस सड़क निर्माण के लिए रायपुर, धमतरी और महासमुंद जिलों के सैकड़ों किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। आरोप है कि मुआवजे के वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। रसूखदार लोगों और अधिकारियों की मिलीभगत से कागजों में हेरफेर कर करोड़ों रुपये का बंदरबांट किया गया। कई असली किसान आज भी अपने हक के मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, जबकि बिचौलियों और फर्जी हितग्राहियों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए गए।
सियासी गलियारों में हलचल
यह मामला विधानसभा के बजट सत्र 2025 में भी गूंजा था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने मुआवजे में भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। सदन में उठने के बाद राज्य शासन और जांच एजेंसियां सक्रिय हुईं। बताया जा रहा है कि पूर्व में दर्ज शिकायतों और शुरुआती जांच के बाद मिले पुख्ता सबूतों के आधार पर ईडी ने अब 'मनी लॉन्ड्रिंग' के एंगल से इस मामले की कमान संभाल ली है।
डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों की जांच
ईडी की सात से अधिक टीमें रायपुर और महासमुंद में डटी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने मौके से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक पासबुक, संपत्तियों के कागजात और डिजिटल उपकरण (लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड डिस्क) जब्त किए हैं। जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मुआवजे की राशि को किन-किन शेल कंपनियों या फर्जी खातों के जरिए घुमाया गया है।
