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Bilaspur News: चर्च ऑफ काईष्ट मिशन इन इंडिया की कार्यकारिणी भंग: बिलासपुर एसडीएम बने प्रशासक

Bilaspur News: कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच रिपेार्ट के बाद शेफर्ड स्कूल के संचालन के लिए बनी समिति को भंग कर दी है। बिलासपुर के एसडीएम को प्रशासन नियुक्त कर दिया है। आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। जांच पड़ताल में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है।

Bilaspur News: चर्च ऑफ काईष्ट मिशन इन इंडिया की कार्यकारिणी भंग: बिलासपुर एसडीएम बने प्रशासक
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने राज्य शासन के आदेश के बाद संस्था चर्च ऑफ काईष्ट मिशन इन इंडिया, कुदुदंड, बिलासपुर (पंजीयन कमांक-11, दिनांक 14/05/1953) के कार्यकारिणी को भंग करते हुए छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 (संशोधित 1998) की धारा-33 में निहित प्रावधानों के तहत बिलासपुर एसडीएम को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। प्रशासक का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। आदेश को तत्काल प्रभाव से प्रभावशील कर दिया गया है।

शेफर्ड स्कूल संस्थापक की मृत्यु के कुछ वर्षों के बाद ही समिति द्वारा अनुयायियों से प्राप्त दान, शासकीय अनुदान एवं विदेशी सहायता राशि पर अधर्मी समिति के पदाधिकारियों द्वारा जमकर गबन किया गया । संस्था द्वारा नियमावाली के आधार पर नियमित बैठक एवं चुनाव किया जाना था, जिसका पालन नहीं किया गया। बी.इ. गेटर एंट्री वीसा पर भारत में थे, उन्हें किसी भी संस्था के पदाधिकारी होने का अधिकार नहीं था, फिर भी वो मृत्यु तक सदस्य बने रहे ।

वित्तीय अनियमतता

रोबर्ट फ्रेंक्लिन द्वारा वर्ष 1995 में स्कूल के फंड से किये गए फर्जी लोन, फंड का दुरुयोग आदि पर शिकायत की गयी थी, जिसके प्रभाव में आगे के समय में शेफर्ड स्कूल को प्राप्त शासकीय अनुदान को शासन द्वारा रोक दिया गया । समिति के पदाधिकारियों द्वारा वर्ष 2006-10 तक लगभग 1 करोड़ 48 लाख के गबन की बात सामने आई थी, जांच में इस वर्षों के दस्तावेजो को समिति द्वारा गुम हो जाना बताया गया, जो संदिग्ध है।

संस्था द्वारा शासकीय अनुदान प्राप्त चर्च ऑफ़ क्राइस्ट प्राथमिक शाला चंदवा भाठा तारबाहर, चर्च ऑफ़ क्राइस्ट प्राथमिक शाला कुदुदंड एवं शेफर मेमोरियल पूर्व माध्यमिक शाला कुदुदंड बिलासपुर के कर्मचारियों संस्था चर्च आफ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया द्वारा इपीएफ. एवं एमपी. एक्ट 1952 के तहत इपीएफ. की राशि प्रदाय नहीं की थी, संस्था द्वारा कर्मचारियों के एक अरब 79 करोड़ 93 लाख 343 हजार 22 रुपये राशि का गबन किया गया था ।

वर्ष 2004- 2005 में चार्टर्ड अकाउंटेंट ॐ मोदी एवं एसोसीएट की रिपोर्ट में संस्था द्वारा की गयी वित्तीय अनियमतता का उल्लेख है। आवश्यक अभिलेख संधारण न किया जाना बताया गया । वर्ष 2004-05 के स्कूल की बजट राशि 5,07,404/- दर्शाई थी, जबकि वास्तविक राशि 5,27,901/- थी | शाला द्वारा सरकारी अनुदान वेतन भत्तों आदि के सम्बन्ध में केश बुक बनायी थी, लेजर तैयार नहीं थी शाला द्वारा अन्य निधि बीमा शुल्क, परीक्षा निधि आदि के सम्बन्ध में कोई भी लेखा पुस्तके नहीं रखी गयी थी ।

बैलेंस शीट में दायित्व पक्ष में भविष्य निधि खाते की राशि 10,79,100.99 रु एवं इससे सम्बंधित सम्पत्ति पक्ष में भविष्य निधि विनियोग की राशि 11,41,362.29 रु दर्शाई गयी है, इस प्रकार कुल रुपये 62,261.30 रु का अन्तर आ रहा था | पी.एफ इन्वेस्टमेंट की राशि एवं व्यक्तिगत भविष्य निधि खाते एवं स्थायी जमा रकम में अन्तर की राशि 819.94 रु था ।

३. उपयोगिता से अधिक राशि अनुदान में ली जाती थी

के.के मंकेश्वर एंड को चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा संस्था के स्कूल चर्च ऑफ़ क्राइस्ट प्राथमिक शाळा चंदवा भाठा का उपयोगिता से अधिक राशि का शासन से अनुदान लिया जाना बताया गया । ये राशि वर्ष 2008-09 में 1,19 484 रुपये व 200- 08 में 12, 123 रुपये थी।

वर्षों से की गयी लूट खसोट वर्तमान में भी समिति द्वारा जारी थी

फर्जीवाड़े की परकाष्ठा देखिये, वर्तमान वर्षों में विशेष तौर पर भूमि विक्रय वर्ष 2022 में जी.एम. गुप्ता एंड कम्पनी चार्टर्ड अकाउंटेंट की वर्ष 2022- 23 की ऑडिट रिपोर्ट जांच दल को सौंपी गयी, जांच में रिपोर्ट गलत पाए जाने पर समिति द्वारा भी रिपोर्ट को गलत होना स्वीकार किया गया ।

सीए. जीएम.गुप्ता एंड कंपनी द्वारा संस्था चर्च ऑफ़ खाइस्ट मिशन इन इंडिया की वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट का अध्ययन किया गया, पेमेंट साइड में शंकर केरकेट्टा से 992250/- रु, 942637/-रु एवं 942637/- रु अंकित है, संस्था के सचिव से पूछे जाने पर उक्त रकम शंकर केरकेट्टा से प्राप्त होना बताया है। मोहित केरकेट्टा का 942637/- रु से प्राप्त होना बताया है यद्यपि उक्त रकम पास बुक में देयक दर्ज नहीं है।

रिसीट साइड में 9,00,000/- रु प्राप्त है। किस उद्देश्य से प्राप्त पूछे जाने पर विक्रय अनुज्ञा हेतु पांच फीसद की राशि चालान के माध्यम से पंजीयक फर्म्स एंड सोसाइटी को देना बताया है, जबकि चालान की राशि 496125/- रु है | क्लोजिंग की राशि 2995425.15 बताया गया है जबकि वास्तविक रूप से क्लोजिंग बेलेंस 393806215/- रु थी, इस प्रकार से पूरी रिपोर्ट ही रिसीट और पेमेंट साइड में गलत गलत राशि दर्शायी गयी है, जिसका मिलान भी पासबुक से नहीं होता है। न ही सचिव एवं कोषाध्यक्ष भी इस रिपोर्ट को स्पष्ट कर पाए है। वास्तविक रूप में अकाउंट के रिसीट और पेमेंट बैलेंस भी नहीं है। जिसे बाद में संस्था के सचिव एवं कोषाध्यक्ष द्वारा भी रिपोर्ट का गलत होना मौखिक रूप से स्वीकार किया गया ।

चार्टर्ड अकाउंटेंट बी.एस. पमनानी द्वार वर्ष 2013-14 में अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि जिन खातो में विदेशी राशि जमा की गयी थी उसकी जानकारी गृह सचिव गृह मंत्रालय नई दिल्ली को नहीं दी गयी थी । फोरेन कंट्रीब्युशन रेगुलेशन एक्ट के तहत विदेशी सहायता राशि को अंतरण नहीं किया जा सकता था, यद्यपि संस्था द्वारा बिना किसी वैध अनुमति से अंतरण/ग्रांट किया गया ।

विदेशी सहयता राशि को ट्रांसफर / हस्तांतरित करना फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट की प्रदत्त धाराए अनुमति प्रदान नहीं करती, जबकि संस्था द्वारा कई वर्ष विभिन्न कारणों से स्कूल, कर्मचारी आदि को बिना किसी वैध अनुमति के दिया है।

ईपीएफ कार्यालय ने लगाया था 18,42,778/- का अर्थ दंड

क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय रायपुर ने भविष्य राशि न जमा किये जाने पर 18,42,778/- का अर्थ दंड लगाया था, जबकि संस्था को पर्याप्त रूप से विदेशी सहयता राशि 23,29,068 /- समाज की उन्नति एवं आर्थिक विकास के लिए प्राप्त हुई था ।

विदेशी धन का इस तरह बंदरबाट

विदेशी नागरिक संस्था के पदाधिकारी बी.ई. गेटर को होनोरियम एवं यात्रा भत्ता 1,20,000/- वर्ष 2013 में बिना किसी अनुमति के प्रदान किया गया । एक लाख रुपये- उनके वाहन रख रखाव के लिए दी गयी राशि का मिलान व्यय वोउचार से नहीं होता था ।

शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं के फर्जी लोन

शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं को ऋण देने अथवा वापस लेने सम्बन्धी किसी भी समिति की बैठक में उल्लेखित नहीं किया है।संस्थाओ को ऋण देने अथवा वापस लेने सम्बन्धी बैठक में उल्लेख नहीं किया जाता था, ऋण वापसी की जानकारी अस्पष्ट थी। एके. मिंज की जगह रूप कान्ति गेटर को पदाधिकारी नामित दर्शाया गया है, विधि अनुकुल नहीं थी। समिति की ओर से धारा 27 के अधीन कार्यकारिणी की सूची वर्ष 1971,1999,2000,2002,2003 की जानकारी समयानुसार न आने से एवं वर्ष 1976- 77,1977-78,1990-91,1996-97,1998-99,1999-2000 के लेखा पत्रक सम्बन्धी जानकारी प्रस्तुत न होने से प्रावधान का उल्लघन किया गया ।

बिना प्रस्ताव पास किया 27 लाख का लोन

पूर्व सचिव ज.कुज्र का लगभग 27 लाख दिया गया लोन माफ कर दिया गया था, जबकि इसका न तो प्रस्ताव पारित किया गया था न ही किन उद्देश्य के लिए दिया गया उसका उल्लेख किया गया था। वर्तमान जांच में भी उक्त राशि का समायोजन नहीं पाया गया।

वर्ष 2007-08 के लिए संधारित कैश बुक के पृष्ठ 27,28 एवं 29 तथा वर्ष 2010-11 के लिए संधारित कैश बुक के पृष्ठ 31 एवं 36 में व्हाइटनर का उपयोग किया गया है जो कि कैश बुक के संधारण में उचित नहीं है संजीव बक्शी द्वारा पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए छ.ग. शासन को उपरोक्त प्रतिवेदन पर प्रशासक नियुक्त हेतु पत्र दिनांक 27 नवंगर 2011को लिखा गया था जिसके विरुद्ध संस्था द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, दिनांक 29 फरवरी 2024 को याचिका खारिज कर दी गयी ।

संस्था के कब्रिस्तान का विक्रय

कहते है कि मनुष्य मरने के बाद खाली हाथ ऊपर जाता है, उसे केवल ढाई गज जमीन ही नसीब होती है, परन्तु भू माफियो ने धर्म के ही कुछ पथ भ्रष्टो के साथ मिलकर मृत आत्माओ से उनका यह अधिकार भी छीन लिया । संस्था के पदाधिकारियों द्वारा मसीही समाज के मृत आत्माओं के पवित्र स्थल का भी मोल कर बाजारीकरण कर दिया | समाज के लोगों के पूजनीय पूर्वजों के समारक को राजनेता के हाथ लाभ की नियत से विक्रय कर मसीही समाज के आस्था एवं विश्वास को आघात पहुंचाने का काम किया है।

कलेक्टर के आदेश के बाद भूमि वापसी की शुरू हो गई है प्रक्रिया

संस्था द्वारा दिनांक 14 मार्च 2009 को ग्रेवयार्ड रूल्स पारित किये गए जिसमे कुदुदंड स्थित भूमि खसरा न. 296/1 एवं 296/2 को संस्था के अनुयायियों का कब्रिस्तान बताया गया । वर्ष 2022 में कुदुदंड स्थित भूमि खसरा न. 296/1 रकबा 0.5879 हे में से रकबा एक एकड़ में संस्था के सचिव बैरन उर्फ बीरन साय कुजूर द्वारा मोहित एवं शंकर केरकेट्टा को दिनांक 15 दिसंबर 2021 को विक्रय कर दिया था । भूमि विक्रय उपरांत सचिव बीरन साय कुजूर की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने से जांच में उनसे पूछताछ नहीं की जा सकी। जांच उपरांत जिला कलेक्टर के आदेश पर संस्था के नाम भूमि को वापस दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है।

जिस पर फर्जीवाड़े का आरोप, आज भी कोषाध्यक्ष के पद पर हैं काबिज

समिति की वर्तमान संरचना भी संदिग्ध है वर्तमान अध्यक्ष ए.बी. मिंज रायपुर में निवास करते है। जांच में उपस्थित नहीं रहे । तत्कालीन सचिव की सडक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। वर्तमान सचिव सभी घटना से खुद को अनभिज्ञ बताते रहे । 30 वर्ष पूर्व हेमिल्टन थॉमसन कोषाध्यक्ष रहते हुए भी उनके विरुद्ध बड़े फर्जीवाडे की शिकायत हुई थी। वह आज भी उसी पद में विद्यमान है, लेकिन आहरण संवितरण सचिव द्वारा किया जाना बताया गया। संस्था के सदस्यों एवं क्रेता मोहित एवं शंकर केरकेट्टा पर एफआईआर. दर्ज है, सभी जमानत पर है | संस्था की अनदेखी से आज चंदवा भाठा स्कूल जर्जर है।

रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी के अनुशंसा के बाद कार्रवाई

रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थायें द्वारा संस्था को संसूचित किये जाने के आदेश 25 अक्टूबर 2011 के आधार पर छ.ग. शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग को कार्यकारिणी को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्ति सम्बन्धी प्रस्ताव दिनांक 29 अक्टूबर 2011 को प्रेषित किया गया था। जिसकी कार्यवाही हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर होने के कारण नहीं हो पाई थी। उपरोक्त एवं वर्तमान में भी जांच अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिलासपुर के प्रतिवेदन से शिकायत की पृष्टि होने से जिला कलेक्टर द्वारा 28 अगस्त 2024 को शासन को छ.ग. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत विधिसम्मत कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया था।

बड़ी कार्रवाई,प्रशासक नियुक्ति का रास्ता हुआ साफ

उक्त पत्र के आधार पर शासन द्वारा दिनांक 19 सितंबर 2024 को संस्था चर्च ऑफ़ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया, कुदुदंड, बिलासपुर के कार्यकारिणी को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्ति हेतु छ.ग. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 (संशोधित 1998) की धारा-33 में निहित प्रावधानों के तहत कलेक्टर, जिला बिलासपुर द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को प्रथमतः दो वर्ष हेतु प्रशासक नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया । उक्त आदेश के परिपालन में जिला कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा) बिलासपुर जिला बिलासपुर (छ.ग.) को संस्था चर्च ऑफ़ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया, कुदुदंड, बिलासपुर का प्रशासक नियुक्त किये जाने का आदेश जारी किया है।



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