Amit Shah's visit to Chhattisgarh: मार्च 2026 तक पूरा देश हो जाएगा नक्सलवाद मुक्त: केंद्रीय गृह मंत्री की बड़ी घोषणा, शाह ने की CM विष्णुदेव की तारीफ
Amit Shah's visit to Chhattisgarh: केंद्रीय गृह मंत्री ने रायपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में नक्सलवाद का खत्मा कर देने का दावा किया है।
Amit Shah's visit to Chhattisgarh: रायपुर। नक्सल विरोधी अभियान और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्ष में नक्सलवाद लगातार सिमट रहा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक पूरे देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त करा लिया जाएगा। इस दौरान छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान और विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की तारीफ की।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई है नक्सलवाद की समस्या को चैलेंज के रुप मे स्वीकार किया गया। विकास का जो आभाव दिखता था, उसके पूरे देश के अनुरुप लाने का प्रयास किया गया। इसका असर भी दिख रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र और राज्य की सरकार बस्तर से लेकर बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक पूरे क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पित है।
उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों में नक्सलियों के टाप 14 लीडर को न्यूटलाइज किए गए हैं। हमारी सरकार ने वामपंथ उग्रवाद की विचारधार की जगह विकास का विश्वास पैदा करने में सफलता हासिल की। हमने दो उद्देश्यों से काम किया पहला रुल ऑफ लॉ स्थापित करने का प्रयास करना और दूसरा विनास के कारण प्रभावित हुए विकास की खाई को भरना। उन्होंने बताया कि 2004 से 2014 तक 16463 घटनाएं हुई वहीं 2014 से अब तक 7744 घटना हुई हैं। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में सुरक्षा बलों की मृत्यु और नागरिकों की मृत्यु में कमी आई है। 2010 में देश के 96 जिले नक्सल प्रभावित थे अब 42 रह गए हैं।
छत्तीगसढ़ सरकार की सराहना
शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य में तेंदूपत्ता खरीदी में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। एनआईए की तर्ज पर एसआईए बनाई जाएगी। सरेंडर पॉलिसि को भी नए रुप में पेश किया जाएगा। उन्हेांने नक्सलियों से हथियार छोड़ने की भी अपील की।
कांग्रेस पर नक्सल विरोध अभियान को धीमा करने का आरोप
एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के राज में नक्सल विरोध अभियान और प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य धीमा हो गया था। प्रदेश में हमारी सरकार आने के बाद फिर इसमें तेजी आई है। उन्होंने कहा कि हमारे गृह मंत्री हिड़मा के गांव में जाकर लोगों से मिल रहे हैं, यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि सुकमा जिला के 4 गांवों के लोग इस लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक और अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी (NIA), CRPF, BSF, SSB और ITBP के महानिदेशक शामिल हुए। बैठक में आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी शामिल हुए।
बैठक में वामपंथी उग्रवाद से निपटने की रणनीति, अंतर्राज्यीय समन्वय, सुरक्षा बलों के क्षमता निर्माण, वामपंथी उग्रवाद मामलों की शीघ्र जांच और अभियोजन तथा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के व्यापक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है और मार्च, 2026 से पहले हम नक्सलवाद को देश से पूरी तरह समाप्त करने के प्रति कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ अभियान की शुरूआत में जो गति और तीव्रता थी, उससे दो गुना गति और तीव्रता से अब हमें 2 साल और काम करने की ज़रूरत है तभी इस समस्या को पूरी तरह समाप्त किया जा सकेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ विकास, प्रॉसीक्यूशन और ऑपरेशन के तीनों मोर्चों पर एक संपूर्ण रणनीति के साथ लड़ाई लड़ी है जिसके परिणामस्वरूप ये समस्या अब काफी हद तक सिमट गई है। उन्होंने कहा कि
अब ये समस्या छत्तीसगढ़ के गिने चुने क्षेत्रों तक सीमित रह गई है। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण पिछले 7 महीनों में राज्य सरकार ने इससे पहले अब तक की इसी अवधि में बहुत बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि इन 7 महीनों में सबसे ज़्यादा नक्सली मारे गए हैं, सबसे अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और गिरफ्तार किए गए हैं। गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ शासन को बधाई कि नई सरकार बनने के बाद वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियान को और गति देने के लिए सभी पुलिस महानिदेशकों को अपने राज्यों में हर सप्ताह नक्सल ऑपरेशन में लगी टीम के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक नक्सल अभियान की सतत निगरानी नहीं होगी तब तक हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ विचारधारा की लड़ाई नहीं है बल्कि विकास के अभाव के कारण पिछड़ रहे क्षेत्रों की भी है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद फैलाने वाले लोग इमोशनल तरीके से ट्राइबल भाइयों-बहनों और पूरे समुदाय को गलत रास्ते पर ले जाने का काम करते हैं
अमित शाह ने कहा कि Joint Task Force (JTF) को हर राज्य में अनुभवी और उपयुक्त बल उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि ये अभियान एक विशिष्ट प्रकार के स्किल के साथ करने वाला काम है और इसमें उन्हीं अधिकारियों को लगाना चाहिए जो इसके लिए उपयुक्त हैं तथा जिन्हें क्षेत्र की जानकारी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशकों को स्वयं Joint Task Force (JTF) की समीक्षा और उनमें बदलाव करने चाहिएं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्यों की Special Investigation Agency (SIA) को NIA की तर्ज पर जांच और प्रॉसीक्यूशन के लिए तैयार और प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य, non-returnable point पर पहुंच चुके उग्रवादी को सजा नहीं दिलाएंगे, तब तक इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकेगा। शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण की नीति लचीली होनी चाहिए लेकिन इसका गलत उपयोग न हो, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिएं।
अमित शाह ने कहा कि राज्यों को नक्सलवाद से संबंधित अंतर्राज्यीय मामलों की जांच NIA को देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के वित्त पोषण, हथियारों की सप्लाई औऱ उनकी मैन्युफैक्चरिंग पर हर राज्य को बहुत ध्यान से काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि UAPA के मामलों में प्रॉसीक्यूशन को बेहतर रूप से तैयार करने के लिए के लिए स्टैंडर्ट आपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के ज़रिए समन्वय पर ध्यान दिया जाना चाहिए। शाह ने वामपंथी उग्रवाद मामलों की जांच से जुड़ी और प्रॉसीक्यूशन टीमों की ट्रेनिंग NIA से कराए जाने पर बल दिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि वे विकास के कामों की निगरानी करें जिससे सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन हो और इनका लाभ वामपंथी उग्रवाद प्रभावित अभावग्रस्त क्षेत्रों की जनता को हो। उन्होंने कहा कि राज्यों को वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों की पढ़ाई के लिए नीति बनाने पर काम करना चाहिए। अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद की सप्लाई चेन और इसके वित्तपोषण पर समग्रता से प्रहार करने पर ज़ोर दिया।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार वामपंथी उग्रवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर इस अभियान को comprehensive तरीके से आगे बढ़ाना है। शाह ने कहा कि हमें वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा का समर्थन करने वालों से लड़ने के साथ ही अपनी बात विनम्रता और द़ढ़ता के साथ समाज के सभी वर्गों को भी बतानी होगी। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के पीड़ित लोगों के भी मानवाधिकार हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने का जो लक्ष्य हमारे सामने रखा है उसे प्राप्त करने के लिए हमें मिलकर इस अभियान को तीव्र गति से आगे ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद एक राष्ट्रीय, मानवीय और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समस्या है और हमें ये प्रयास करने चाहिए कि हम मार्च, 2026 में देश को इससे पूरी तरह से मुक्त घोषित कर सकें।
अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत सैचुरेशन का अभियान शुरू किया है और इसके साथ-साथ बस्तर ओलिंपिक, पैराओलिंपिक, स्थानीय कला, संस्कृति और खानपान का सम्मान बढ़ाने का काम किया है।