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Ambikapur News: सरकारी छात्रावास में फिर एक बच्‍चे ने की खुदकुशी: 2 दिन के भीतर दूसरी घटना, पहले 7वीं और अब 8वीं का बच्‍चे ने दी जान

Ambikapur News: छत्‍तीसगढ़ के सरकारी छात्रावासों में एक के बाद एक बच्‍चे आत्‍महत्‍या कर रहे हैं। दो दिन पहले बीजापुर में 7वीं के छात्र ने खुदकुशी कर ली थी। आज अंबिकापुर में एक 8वीं के बच्‍चे ने आत्‍महत्‍या कर ली है।

Ambikapur News: सरकारी छात्रावास में फिर एक बच्‍चे ने की खुदकुशी: 2 दिन के भीतर दूसरी घटना, पहले 7वीं और अब 8वीं का बच्‍चे ने दी जान
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By Sanjeet Kumar

Ambikapur News: अंबिकापुर। अंबिकापुर के आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास में 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 वर्ष के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र पेट में पथरी के चलते दर्द से परेशान था। पथरी के दर्द से आजिज आकर उसने आत्महत्या का कदम उठा लिया। अस्पताल में भर्ती करा इलाज नहीं करवाने जैसी गंभीर लापरवाही के चलते कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को निर्देश दे छात्रावास अधीक्षक को निलंबित करवा दिया है। साथ ही एसडीएम को मजिस्ट्रीयल जांच के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि दो दिन पहले बीजापुर जिले में 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। छात्र ने हॉस्टल के कमरे में गमछे का फंदा बनाया और पंखे से लटक कर झूल गया। छात्र के सुसाइड करने की वजह का पता नहीं चल सका है। विभागीय अफसर और पुलिस मामले की जांच कर रही है। दरिमा के प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में सीतापुर थाना क्षेत्र के बिशनपुर गांव का रहने वाला 13 वर्षीय छात्र मुकेश तिर्की पिता रामजी तिर्की रह कर पढ़ाई कर रहा था। वह पिछले दो वर्षों से हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। पिछले कई महीनो से छात्र मुकेश तिर्की पथरी के दर्द से परेशान था। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों ने बताया कि वह पथरी के चलते होने वाले पेट दर्द से परेशान था। उसके घर वालों को पथरी का पता था और वह उसका अस्पताल में इलाज न करा गांव में ही जड़ी बूटियां से इलाज करवा रहे थे। पिछले दिनों छात्र इलाज के लिए छुट्टीयां ले घर गया था। 10 दिन पहले ही घर से इलाज करवा कर लौटा था। बावजूद इसके छात्र को दर्द से राहत नहीं मिली थी। छात्रावास अधीक्षक भूपेश कश्यप ने छात्रा को मेडिकल स्टोर से दर्द की दवाई लाकर दी थी।

छात्र पेट में दर्द के चलते पिछले दो-तीन दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था। कल शाम स्कूल से जब बच्चे हॉस्टल वापस लौटे तो छात्र ने कमरे का दरवाजा नहीं खोला। बच्चों ने जब रोशनदान से झांका तो मुकेश का शव फांसी के फंदे पर लटकता हुआ मिला। रोशनदान से ही छात्र अंदर घुसे और मुकेश को नीचे उतार अंदर से दरवाजा खोल हॉस्टल अधीक्षक भूपेश कश्यप को जानकारी दी। हॉस्टल अधीक्षक ने जब तक के पहुंच के देखा तब तक छात्र की मौत हो चुकी थी।

उसके परिजनों को सूचना मिलने पर उसके पिता रामजी तिर्की व अन्य परिजन छात्रावास पहुंचे आज सुबह छात्र के सबको अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज लाया गया तथा पोस्टमार्टम किया गया। छात्र के परिजनों ने बिना सूचना दिए शव फांसी से उतारने के कारण मामले को संदिग्ध बताते हुए छात्र के हत्या की आशंका जताई। जिसके चलते पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने तीन डॉक्टरों की टीम से शव का पोस्टमार्टम करवाया।

दूसरी तरफ जिले के कलेक्टर विलास भास्कर संदीपन के निर्देश पर सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग डीपी नागेश ने छात्र के इलाज में लापरवाही बरतने पर छात्रावास के अधीक्षक भूपेश कश्यप निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए एसडीएम के नेतृत्व में टीम गठित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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