Begin typing your search above and press return to search.

ब्रेकिंगः राम वन गमन रथ को सर्व आदिवासी समाज के आक्रोश का होना पड़ा शिकार, रामाराम से राम का कोई वास्ता नहीं…बोलकर रथ लौटाया, कलेक्टर बोले….बाइक रैली के साथ उत्साहपूर्वक रवाना हुआ रथ

ब्रेकिंगः राम वन गमन रथ को सर्व आदिवासी समाज के आक्रोश का होना पड़ा शिकार, रामाराम से राम का कोई वास्ता नहीं…बोलकर रथ लौटाया, कलेक्टर बोले….बाइक रैली के साथ उत्साहपूर्वक रवाना हुआ रथ
X
By NPG News

NPG.NEWS
सुकमा, 14 दिसंबर 2020। बस्तर संभाग के सुकमा में राम वन गमन रथ को पहले ही दिन सर्व आदिवासी समाज के गुस्से का शिकार होना पड़ा। आदिवासियों ने रथ को यह कहते हुए उल्टे पांव लौटा दिया कि राम का रामाराम से कोई रिश्ता नहीं।
सुकमा जिले आदिवासी इलाके में रामाराम गांव हैं। रामाराम का भगवान राम से रिश्ता जोड़ते हुए राम वन गमन रथ को रामाराम गांव की मिट्टी लाने भेजा गया था। राम वन गमन रथ को वहां आदिवासियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आलम ये हुआ कि राम वन गमन रथ को रामाराम से बिना मिट्टी लिए लौटना पड़ा। रथ के साथ रामाराम गए अधिकारियों से आदिवासियों ने दो टूक कहा कि इस जगह का राम से कोई संबंध नहीं है।


हालांकि, इसके बाद भी रामाराम से बाइक रैली के साथ बेहद उत्साह के साथ राम वन गमन रथ रवाना हुआ। सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार खुद रामाराम गांव में मौजूद थे। उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू के साथ रथ को हरी झंडी दिखाई। कलेक्टर ने एनपीजी न्यूज को बताया, एक दिन पहले रामाराम गांव के लोगों से इस संबंध में बात हो गई थी। वहां विवाद जैसी कोई बात निर्मित नहीं हुई। मंदिर से कलश लेकर बड़े उत्साह के साथ रथ रवाना हुआ।

उधर, जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया कि आज जिला सुकमा अंतर्गत रामवन गमन पथ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम अपने पूर्व निर्धारित स्थान रामाराम से प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में 700 से अधिक बाईकर्स तथा हजारों लोग शामिल हुए, जिनका रूट में पड़ने वाले 10 ग्राम पंचायत के सभी समुदाय के लोगों ने विभिन्न स्थानों में भव्य स्वागत किया व पुष्प वर्षा की गयी तथा बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। रामाराम के समीप शबरी के तट से मिट्टी ली गयी तथा उसे कलश में डाला गया। रथ को किसी ने भी नहीं रोका है ना ही बाधित किया है। वस्तुतः यह कार्यक्रम रामवन गमन पथ को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है। जिसका व्यापक उद्देश्य एक छत्तीसगढ़ की अवधारणा को प्रदर्शित करना है। अतः मीडिया में आयी भ्रामक खबरों का खंडन किया जाता है।

Next Story