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ब्रेकिंग- प्राइवेट स्कूलों में फीस वसूली पर रोक : DPI जितेंद्र शुक्ला का सभी DEO को निर्देश, ” लॉकडाउन के दौरान पालकों पर फीस के लिए दवाब बनाना अनुचित, तत्काल लगायें इस पर रोक”…..निजी स्कूल के छात्रों के पालकों को राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत

ब्रेकिंग- प्राइवेट स्कूलों में फीस वसूली पर रोक : DPI जितेंद्र शुक्ला का सभी DEO को निर्देश, ” लॉकडाउन के दौरान पालकों पर फीस के लिए दवाब बनाना अनुचित, तत्काल लगायें इस पर रोक”…..निजी स्कूल के छात्रों के पालकों को राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत
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By NPG News

रायपुर 1 अप्रैल 2020। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। DPI जितेंद्र शुक्ला ने निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस जमा करने के लिए पालकों पर दवाब नहीं बनायेगा। इस बाबत डीपीआई जितेंद्र शुक्ला ने सभी DEO को आदेश जारी कर इस निर्देश का कड़ाई से पालन कराने को कहा है। दरअसल राज्य के अलग-अलग जगहों से इस बात की सूचना शिक्षा विभाग तक पहुंच रही थी कि स्कूलों में पालकों पर लाकडाउन के दौरान भी फीस जमा कराने का दवाब बनाया जा रहा है।

इस आदेश पर सख्ती दिखाते हुए IAS जितेंद्र शुक्ला ने सभी डीईओ को फीस के लिए दवाब बनाने वाले स्कूलों पर नजर रखने और इस आदेश का पालन कराने को कहा है। आपको बता दें कि प्रदेश में कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार ने 12 मार्च को आदेश जारी कर सभी निजी और सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था।

निर्देश के बाद प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल बंद तो हो गये, लेकिन अभी कई स्कूलों ने पालकों को फोन और मैसेज कर फीस जमा करने के लिए परेशान करना शुरू कर दिया है। राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों के नामी स्कूलों से इस तरह की शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद अब शिक्षा संचालनालय की तरफ से आदेश जारी कर सभी पालकों को फीस के लिए परेशान नहीं करने का आदेश दिया है।

अपने आदेश में सभी DEO को निर्देशित करते हुए DPI जितेंद्र शुक्ला ने लिखा है…

“राज्‍य शासन को ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि अनेक निजी स्‍कूलों व्दारा लॉकडाउन की अवधि में भी स्‍कूलों की फीस जमा करने के संदेश पालकों को लगातार भेजे जा रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है. निर्देशित किया जाता है क‍ि सभी स्‍कूल लॉकडाउन की अवधि में फीस वसूली स्‍थगित रखें, जिससे पालको और बच्‍चों को अनावश्‍यक परेशानी न हो। सभी स्कूल को अवगत क़रावे और पालन सुनिस्चित करें”

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