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ब्रेकिंग : IAS-IPS बनने के लिए मिलेगा एक और मौका….. UPSC परीक्षार्थियों को अतिरिक्त मौका देने को केंद्र सरकार राजी…. सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दिया हलफनामा

ब्रेकिंग : IAS-IPS बनने के लिए मिलेगा एक और मौका….. UPSC परीक्षार्थियों को अतिरिक्त मौका देने को केंद्र सरकार राजी…. सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दिया हलफनामा
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By NPG News

नयी दिल्ली 5 फरवरी 2021। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार यूपीएससी सिविस सर्विसेस एग्जाम में उम्मीदवारों को एक और मौका देने के लिए राजी हो गई है। सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।एक सिविल सेवा उम्मीदवार रचना सिंह द्वारा दायर की गई याचिक पर बीते कई दिनों से सुप्रीम कोर्ट (SC) में इस मामले पर सुनवाई चल रही है।

याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 में हुई यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कई उम्मीदवार शामिल नहीं हो पाए। तो कई विपरीत परिस्थितियों के बीच हुई परीक्षा में अपना बेस्ट नहीं दे पाए। याचिका में मांग की गई है कि इसलिए ऐसे उम्मीदवार, जिनके लिए 2020 में यूपीएससी परीक्षा देने का आखिरी मौका था, उन्हें एक और अवसर दिया जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी।

सरकार ने कहा कि यह राहत सिर्फ एक बार के लिए दी जाएगी। कोविड-19 महामारी के चलते यह फैसला लिया गया है। सिविल सेवा परीक्षा 2021 में इन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका दिया जाएगा। सरकार ने इससे पहले 1 फरवरी को शीर्ष अदालत में कहा था कि वह सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है।

केंद्र ने यह भी साफ कर दिया है कि राहत उम्र सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी।सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में केंद्र ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा 2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी जाएगी, जिनका आखिरी अटेम्प्ट खत्म नहीं हुआ है या ऐसे उम्मीदवार जोकि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिये अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में राहत नहीं मिलेगी। केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा।

जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह यह नोट अतिरिक्त मौके की मांग कर रहे करीब 100 अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे वकीलों को दे दे। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

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