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ब्रेकिंग : IFS राजेश चंदेले की मुश्किलें बढ़ी…. स्वीमिंग पुल मामले में वन मंत्री ने PCCF को दिये जांच के आदेश….ACB का भी पड़ चुका है इस अफसर के ठिकानों पर छापा…. कई दफा अभियोजन की भी मांगी गयी थी अनुमति

ब्रेकिंग : IFS राजेश चंदेले की मुश्किलें बढ़ी…. स्वीमिंग पुल मामले में वन मंत्री ने PCCF को दिये जांच के आदेश….ACB का भी पड़ चुका है इस अफसर के ठिकानों पर छापा…. कई दफा अभियोजन की भी मांगी गयी थी अनुमति
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By NPG News

रायपुर 3 फरवरी 2020। सरकारी बंगले में स्वीमिंग पुल बनाने वाले IFS राजेश चंदेले की मु्श्किलें बढ़ने वाली है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी की शिकायत पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने जांच के आदेश दे दिया है। सुकमा के DFO रहते राजेश चंदेले ने अपने सरकारी बंगले को अय्याशी का अड्डा बना दिया था। सरकारी बंगले में स्वीमिंग पुल में बस्तर के कई IAS-IPS अपनी थकान मिटाने तो आते ही थे, शराब-कवाब का भी दौर खूब चलता था।

इस मामले को उस वक्त विपक्ष में रहते कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया था। इसके अलावे भी ACB ने छापे के दौरान अकूत संपत्ति का खुलासा किया था। राजेश चंदेला के खिलाफ कई बार केंद्र सरकार से अभियोजन की अनुमति मांगी गयी, लेकिन अफसरों ने उस पूरे प्रकरण को ही दबा दिया गया। अब जब कांग्रेस सरकार में है तो राजेश चंदेले की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली है।

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी की शिकायत के बाद वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पीसीसीएफ को इस संबंध में जांच का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि राजेश चंदेले की अब मुश्किलें बढ़ सकती है। ब्यूरोक्रेसी में अपनी सेटिंग के बूते राजेश चंदेले ने अपने खिलाफ ना सिर्फ कार्रवाई को रूकवाया, बल्कि कई मलाईदार जगहों पर पोस्टिंग भी पाते रहे, अब एक बार जांच की सुगबुगाहट से इस अफसर की मुश्किलें बढ़नी तय है।

क्या था स्वीमिंग पुल का प्रकरण

दरअसल मामला सुकमा जिले का था। साल 2016 में डीएफओ राजेश चंदेले यहां पदस्थ थे, जिन्होंने अपनी मौज मस्ती के लिए ही अपने सरकारी बंगले में ही 70 लाख से अधिक खर्च कर स्वीमिंग पूल खुदवा लिया। डीएफओ साहब ने ये स्वीमिंग पूल सारे नियम कायदों को ताक पर रख अपने सरकारी आवास में ही खुदवा लिया था। हालांकि तब विधायक रहे कवासी लखमा ने इस मामले में जब जमकर विरोध किया तो तब आईएफएस राजेश कुमार चंदेल को हटा दिया गया। चंदेले को रायपुर में वन प्रबंधन सूचना प्रणाली में भेज दिया गया था। लेकिन कुछ दिन पर फिर से उनका वक्त लौट आया। हाल ही में उन्हें कोरिया का भी डीएफओ बनाया गया था। डीएफओ राजेश चंदेल इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2014 में मरवाही में तैनात डीएफओ राजेश चंदेल के यहां एसीबी के छापे में करोड़ों रुपये की बेहिसाब संपत्ति मिली थी। एसीबी के रिकॉर्ड के मुताबिक चंदेल के पास जगदलपुर में एक बड़ा मकान, दंतेश्वरी में दो मंजिला मकान, धरमपुर के अशोका लाइफस्टाइल में एक डुप्लेक्स, बकवंड के गांव दवडा में एक फार्म हाउस और कुंदरी गांव में काफी जमीनें हैं।

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