उल्लेखनीय है कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही क्षेत्र पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखता है। छत्तीसगढ़ का प्रथम समाचार पत्र ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का प्रकाशन मासिक पत्रिका के रूप में वर्ष 1900 में पंडित माधवराव सप्रे के संपादन में प्रकाशित हुआ था। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा है। खनिज संपदा और औषधीय पौधे यहां की पहचान है। यहां के विष्णुभोग चावल की महक पूरे देश में फैली है। मुख्यमंत्री की मंशा की अनुरूप नये जिले के गठन से प्रशासन जनता के नजदीक पहुंचकर इस क्षेत्र में शासन की महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन और त्वरित विकास को मूर्त रूप देने में सक्षम हो सकेगा।