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ब्रेकिंग : पूर्व PM के मीडिया सलाहकार के साथ ठगी…..लॉकडाउन में शराब की आनलाइन खरीदी पड़ी महंगी… 8वीं पास युवक हुआ गिरफ्तार

ब्रेकिंग : पूर्व PM के मीडिया सलाहकार के साथ ठगी…..लॉकडाउन में शराब की आनलाइन खरीदी पड़ी महंगी… 8वीं पास युवक हुआ गिरफ्तार
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By NPG News

नयी दिल्ली 28 जून 2020। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) के मीडिया सलाहाकार रहे संजय बारू (Sanjay Baru) के साथ ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) का मामला सामने आया है. ऑनलाइन शराब खरीदने के नाम पर ठगों ने संजय बारू को अपना शिकार बनाया. संजय बारू ने साउथ दिल्ली के हौज खास थाने में शिकायत दी है. पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार संजय बारू को ऑनलाइन ठगों ने 24 हजार रुपये का चूना लगाया. पुलिस ने मामले में ओला कैब ड्राइवर आबिक जावेद को गिरफ्तार किया है.

आरोपी ने ऑनलाइन शराब की फर्जी वेबसाइट बना रखी थी और वह लॉकडाउन को दौरान लोगों को ठगने का काम कर रहा था. पुलिस को दिये शिकायत के अनुसार, ‘2 जून को संजय बारू शराब खरीदने के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहे थे. गूगल सर्च के दौरान उन्हें एक ऑनलाइन शॉप दिखा. उन्होंने वहां से नंबर लेकर फोन किया. दूसरी तरफ से उन्हें ऑनलाइन पेमेंट के लिए कहा गया था. संजय बारू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर ऑनलाइन शराब की दुकान सर्च कर रहे थे. गूगल पर सर्च करने के दौरान संजय को फेसबुक पर एक पेज मिला, जिसका नाम था La Cave Wine shop.

पेशेवर पत्रकार रहे हैं संजय बारू (Sanjay Baru)

2014 में ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ किताब प्रकाशित कर सियासी भूचाल लाने वाले संजय बारू फाइनेंशियल एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड के चीफ एडिटर रहे हैं. वह इकोनॉमिक टाइम्स और द टाइम्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट एडिटर रहे. उनके पिता बीपीआर विठल मनमोहन सिंह के साथ काम कर चुके थे. जब मनमोहन सिंह देश के वित्त सचिव थे, तब संजय बारू के पिता बीपीआर विठल उनके फाइनेंस और प्लानिंग सेक्रेटरी थे.

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री( फिक्की) के महासचिव पद से अप्रैल 2018 में संजय बारू ने इस्तीफा दे दिया. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटजिक स्टडीज के जियो इकॉनमिक्स एंड स्ट्रेटजी के डायरेक्टर भी रह चुके हैं.

बैंक एकाउंट डिटेल्स और टेक्निकल सर्वेलांस के जरिए आरोपी तक पहुंची पुलिस

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी का नाम आकिब जावेद है जो बेहद शातिर तरीके से इन वारदातों को अंजाम दे रहा था. आकिब के अलग-अलग शहरों में फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर कई बैंक अकाउंट थे. एक बैंक में पैसे डलते ही ये उसे दूसरे और फिर दूसरे से तीसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता था और फिर तुरंत उस पैसे को निकाल लेता था. आरोपी का मकसद था कि इस तरीके से वह पुलिस को जांच में भटका सकें लेकिन मोबाइल डिटेल्स और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने इसे राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि अब तक ये कितने लोगो को अपना शिकार बना चुका है?

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