Begin typing your search above and press return to search.

दोनों SDM को जेल: एसीबी कोर्ट ने घूसखोर दोनों अफसरों को 15 दिन के लिए भेजा जेल, IPS मनीष अग्रवाल भी जाँच के रडार पर…..

दोनों SDM को जेल: एसीबी कोर्ट ने घूसखोर दोनों अफसरों को 15 दिन के लिए भेजा जेल, IPS मनीष अग्रवाल भी जाँच के रडार पर…..
X
By NPG News

नईदिल्ली 15 जनवरी 2021. राजस्थान के दौसा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए बुधवार को जिन दो एसडीएम और एक आईपीएस के दलाल को गिरफ्तार किया था गुरुवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट ने दोनों को 25 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। वहीं, घूसखोरी के मामले में ही गिरफ्तार दलाल नीरज को एसीबी ने पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड पर लिया है।

एसीबी ने बुधवार को हाइवे निर्माण करने वाली कंपनी से 5 लाख की रिश्वत लेते पुष्कर मित्तल और 10 लाख की रिश्वत मांगते पिंकी मीणा को गिरफ्तार किया था। जयपुर एसीबी की टीम ने गुरुवार को दोनों एसडीएम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-2 के मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता के आवास पर पेश किया। पेशी के बाद जज ने दोनों अफसरों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, दलाल नीरज मीणा को वैशाली नगर में मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया, जहां से उसे 2 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया।

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाइवे निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों से मांगी थी रिश्वत
एसीबी डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन ने दोनों अफसरों की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉफ्रेंस में बताया कि दोनों एसडीएम ने भारतमाला परियोजना (दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाइवे) कंपनी के अधिकरियों से रिश्वत मांगी थी। इस मामले की जानकारी एसीबी तक पहुंच गई थी। इसके बाद एसीबी ने दोनों अधिकारियों को ट्रैप का जाल बिछाया और बुधवार को दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया था कि दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल के नाम से दलाल नीरज मीणा की ओर से सड़क निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों से 38 लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। ऐसे में अब दलाल से पूछताछ के बाद इस घूसकांड के अन्य चेहरे भी बेनकाब होंगे। बताया जा रहा है कि दलाल केस को रफा-दफा करने के नाम पर 10 लाख रुपए एसपी तक भिजवाने का दावा करता था ऐसे में केस को रफा-दफा थाना स्तर पर ही संभव है।
दलाल की दलील से दौसा के थाना अधिकारियों व अन्य पुलिस अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है कि आखिर केस को रफा-दफा करने में कौन-कौन से पुलिस के अधिकारी लिप्त रहते थे। इधर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इस पूरे मामले में तार से तार जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान एक्सप्रेस वे के लिए लाई गई मिट्टी खुदाई में भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। दौसा जिले में अनेक खेत ऐसे हैं जहां बड़े-बड़े गड्ढे बिना अनुमति से कर दिए हैं जिनमें भी प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की संभावना जताई जा रही है। हालांकि एसीबी की ओर से दलाल से पूछताछ और अन्य साक्ष्य जुटाने के बाद ही इस घूस कांड के अन्य चेहरे सामने आ सकेंगे साथ ही अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों भी एसीबी के रडार पर आ सकते हैं।

Next Story