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धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक : पुरानी बस्ती मामले को लेकर जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मिलने पहुँचे प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय.. कल होगा जेल भरो आंदोलन

धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक : पुरानी बस्ती मामले को लेकर जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मिलने पहुँचे प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय.. कल होगा जेल भरो आंदोलन
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By NPG News

रायपुर,20 सितंबर 2021। धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक तेवर अपनाने की क़वायद में है।पुरानी बस्ती मामले में गिरफ़्तारी को ग़लत बताते हुए पादरी और धर्मांतरण को अधिकार बताने वाले बयान को लेकर FIR की माँग को भाजपा ने मुद्दा बना लिया है। इस मामले में केंद्रीय जेल में बंद तीन कार्यकर्ताओं के समर्थन में कल भाजपा का राजधानी में जेल भरो आंदोलन है, और जैसे संकेत है उसके अनुसार यह आंदोलन औपचारिक नहीं होगा।
धर्मांतरण के मसले पर भाजपा आक्रामक रहेगी ना केवल आक्रामक रहेगी बल्कि इसे सबसे बड़ा मुद्दा बनाएगी इसके संकेत भाजपा प्रदेश संगठन प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने महिनों पहले कुशाभाउ परिसर में दे दिए थे। पुरानी बस्ती प्रकरण उसी की कार्यरुप परिणिति माना जा रही है।
पुरानी बस्ती थाने में धर्मांतरण के मसले पर पादरी की पिटाई हुई थी, इस मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सात लोगों पर अपराध दर्ज किया था। ये सभी भाजपा कार्यकर्ता के रुप में पहचाने गए थे। इनमें से तीन मनीष साहू मंडल अध्यक्ष, बजरंग ध्रुव ज़िला अध्यक्ष अजजा मोर्चा और संजय सिंह मंडल महामंत्री दीनदयाल नगर केंद्रीय जेल में बंद हैं।
इस मसले पर भाजपा ने चरणवार अभियान छेड़ रखा है।सबसे पहले थाने में आवेदन दिया गया, धर्म परिवर्तन कराने को प्रोत्साहित करने वाले बयान पर एफआईआर की माँग की गई, उसके ठीक बाद सांसद विधायकों ने राज्यपाल भवन तक बरसते पानी में पैदल मार्च किया और ज्ञापन सौंपा।अब कल भाजपा इस मसले पर जेल भरो आंदोलन करने जा रही है।
भाजपा को इस मसले पर आक्रामक होने का मौक़ा भी अजब तरीक़े से ही मिला है। दरअसल थाने के ही सामने धर्मांतरण को अधिकार बताने के बयान जारी हो गया और भाजपा ने इस पर ना केवल आपत्ति की बल्कि इसे मुद्दा बना दिया।
भाजपा संगठन की ओर से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार कल का जेल भरो कार्यक्रम औपचारिक नहीं होगा। प्रत्येक थाने में सौ कार्यकर्ता पहुँचेंगे और जब तक गिरफ़्तारी कर उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा वे हटेंगे नही। यदि ऐसा होता है कि उन्हें गिरफ़्तार कर नहीं छोड़ा जाता है तो वे फिर से थाने में बैठ जाएगे। यह प्रदर्शन क़रीब पाँच घंटे तक चलेगा।

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