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Shibu Soren Biography: कैसे पिता की हत्या ने बना दिया आंदोलनकारी? 11 बार सांसद, 3 बार CM… पढ़िए 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन की पूरी कहानी

Shibu Soren Biography: पिता की हत्या के बाद आंदोलन से राजनीति में आए शिबू सोरेन 11 बार सांसद बने और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री। जानिए 'दिशोम गुरु' की पूरी जीवनी, संघर्ष और झारखंड आंदोलन में उनकी भूमिका।

Shibu Soren Biography: कैसे पिता की हत्या ने बना दिया आंदोलनकारी? 11 बार सांसद, 3 बार CM… पढ़िए दिशोम गुरु शिबू सोरेन की पूरी कहानी
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By Ragib Asim

Shibu Soren Biography: झारखंड की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा और ‘दिशोम गुरु’ के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। वह पिछले डेढ़ महीने से किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। शिबू सोरेन का सफर सिर्फ एक नेता का नहीं, बल्कि झारखंड राज्य के निर्माण के संघर्ष का प्रतीक भी है।

पिता की हत्या के बाद राजनीति की राह पकड़ी

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ के नेमरा गांव में हुआ था। उनके पिता सोबरन मांझी पेशे से शिक्षक थे। एक हादसे में जब शिबू हॉस्टल में पढ़ रहे थे, उनके पिता की हत्या कर दी गई। यह घटना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। पढ़ाई छोड़कर उन्होंने आदिवासी समाज के हक के लिए लड़ाई शुरू कर दी।

'धनकटनी आंदोलन' से बने आदिवासी नेता

महाजनों के शोषण के खिलाफ उन्होंने 'धनकटनी आंदोलन' चलाया। जिसमें वे और उनके साथी सूदखोरों के खेतों से जबरन धान काटकर गरीबों में बांटते थे। इसी आंदोलन में उन्हें आदिवासी समाज से 'दिशोम गुरु' की उपाधि मिली। इसका मतलब होता है – "देश का गुरु"।

पहली बार मुखिया का चुनाव हारे

शिबू सोरेन ने पहली बार बड़दंगा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। बाद में जरीडीह विधानसभा सीट से भी किस्मत आजमाई, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके वे आंदोलन से पीछे नहीं हटे।

दुमका से 8 बार बने सांसद

1980 में उन्होंने पहली बार दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे 1989, 1991, 1996, 2002, 2004, 2009 और 2014 में इसी सीट से सांसद बने। उन्होंने लोकसभा में झारखंड राज्य की मांग को मजबूती से रखा।

झारखंड के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री

झारखंड के गठन के बाद शिबू सोरेन तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने- पहली बार 2005 में, फिर 2008 में और आखिरी बार 2009 में। हालांकि, उन्हें हर बार अलग-अलग परिस्थितियों में इस्तीफा देना पड़ा। एक बार शशिनाथ हत्याकांड में नाम आने के बाद जेल भी जाना पड़ा।

जेल गए, लेकिन दोषमुक्त हुए

शिबू सोरेन को पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शशिनाथ हत्याकांड में आरोपी बनाया गया, जिस कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वह जेल भी गए लेकिन बाद में अदालत से दोषमुक्त हुए।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की नींव

शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और आज उनके बेटे हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं। शिबू सोरेन को झारखंड में आदिवासी अस्मिता का प्रतीक माना जाता है।

अंतिम सफर

शिबू सोरेन का निधन एक युग का अंत है, लेकिन झारखंड की मिट्टी में उनकी लड़ाई की गूंज हमेशा बनी रहेगी। वे सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि आदिवासी आंदोलन के आदर्श बन चुके हैं।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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