सर्बानंद सोनोवाल का जीवन परिचय (जीवनी) : Sarbananda Sonowal Biography Hindi
Sarbananda Sonowal Biography Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Chunav Chetr, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: सर्बानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को असम के डिब्रूगढ़ जिले के मुलुक गाँव में हुआ था। उनके पिता जिबेश्वर सोनोवाल और माता दिनेश्वरी सोनोवाल थीं।
Sarbananda Sonowal Biography Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Chunav Chetr, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: सर्बानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को असम के डिब्रूगढ़ जिले के मुलुक गाँव में हुआ था। उनके पिता जिबेश्वर सोनोवाल और माता दिनेश्वरी सोनोवाल थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डॉन बॉस्को हाई स्कूल, डिब्रूगढ़ से की। इसके बाद उन्होंने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के तहत हनुमानबक्स सूरजमल्ल कनोई कॉलेज से अंग्रेजी में बीए (ऑनर्स) और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से एलएलबी और गौहाटी विश्वविद्यालय से बीसीजे की डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक कैरियर की शुरुआत
सर्बानंद सोनोवाल 1992 से 1999 तक ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के अध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्होंने असम गण परिषद (AGP) में शामिल होकर 2001 में मोरन निर्वाचन क्षेत्र से विधायक का पद प्राप्त किया। 2004 में वे डिब्रूगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने। 2011 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन को एक नई दिशा दी।
भाजपा में शामिल होना
सोनोवाल ने 2011 में असम गण परिषद छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके इस कदम के बाद उन्हें भाजपा की असम इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और उन्हें भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार के रूप में नियुक्त किया गया।
असम के मुख्यमंत्री
सोनोवाल को 2016 के असम विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया। 19 मई 2016 को उन्होंने माजुली निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता और असम के 14वें मुख्यमंत्री बने। उन्होंने असम में भाजपा की सरकार का नेतृत्व करते हुए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और 2021 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।
केंद्र सरकार में मंत्री
2021 में सर्बानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में हिमंत बिस्वा सरमा के नाम का प्रस्ताव रखा। इसके बाद, उन्हें केंद्र सरकार में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री तथा आयुष मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वे राज्यसभा के सदस्य भी बने और भारत सरकार में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
सोनोवाल के कार्यकाल के दौरान, गुवाहाटी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरुआत हुई। यह महोत्सव राज्य सरकार के स्वामित्व वाली ज्योति चित्रबन (फिल्म स्टूडियो) सोसायटी द्वारा डॉ. भूपेन हजारिका क्षेत्रीय सरकारी फिल्म और टेलीविजन संस्थान के सहयोग से आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव असम की सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
आईएमडीटी अधिनियम को हटाने में भूमिका
सोनोवाल ने असम में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या को गंभीरता से लिया और इसे सुप्रीम कोर्ट में ले गए। 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध प्रवासी (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) अधिनियम, 1983 को असंवैधानिक करार दिया और बांग्लादेशी घुसपैठ को "बाहरी आक्रमण" घोषित किया। इस फैसले के बाद बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित करने का आदेश दिया गया।
राजनीतिक टाइमलाइन
- 2001-2004: मोरन निर्वाचन क्षेत्र से असम विधान सभा के विधायक
- 2004: डिब्रूगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य
- 2011: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
- 2011: असम भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रवक्ता और महासचिव
- 2012: असम भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष
- 2014: लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सदस्य
- 2014: भारत गणराज्य के केंद्रीय राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार
- 2016-2021: माजुली निर्वाचन क्षेत्र से असम विधान सभा के सदस्य
- 2016–2021: असम के 14वें मुख्यमंत्री
- 2021-वर्तमान: भारत सरकार में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री तथा आयुष मंत्री
- 2021–वर्तमान: भारत सरकार में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति के सदस्य
- 2021–वर्तमान: संसद सदस्य, राज्य सभा
व्यक्तिगत जीवन
सर्बानंद सोनोवाल अविवाहित हैं और वे अपने सार्वजनिक जीवन और सामाजिक सेवा में पूरी तरह से समर्पित हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं जो असम और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सर्बानंद सोनोवाल का राजनीतिक जीवन और उनकी उपलब्धियां असम और भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उनके नेतृत्व और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्ति बनाया है। उनके कार्य और उनके विचार उनके मजबूत नेतृत्व की पहचान हैं और भविष्य में भी वे देश की सेवा में अग्रसर रहेंगे।