रवि शंकर प्रसाद का जीवन परिचय (जीवनी) : Ravi Shankar Prasad Biography in Hindi
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Ravi Shankar Prasad Biography in Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Election, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Net Worth, Daughter, Children, Politics, Party, Quotes: रवि शंकर प्रसाद का जन्म बिहार के पटना में 30 अगस्त सन 1954 को मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. इनकी शादी डॉ माया शंकर के साथ हुई. इनकी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से बी. ए. आनर्स, एम. ए. (राजनीति विज्ञान) और एल. एल. बी. की डिग्रियां प्राप्त की हैं. रविशंकर के पिताजी का नाम ठाकुर प्रसाद पटना उच्च न्यालय में एक वकील थे. रविशंकर की पत्नी अभी पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर हैं.
रविशंकर की राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता से हुई. जब देश में आपातकाल के समय प्रमुख आन्दोलनकारी जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में बिहार में एक छात्र नेता के रूप में आन्दोलन में हिस्सा लिया और जेल भी गए. रवि शंकर प्रसाद कई सालो तक अखिल भारतीय विद्याथी परिषद् के साथ भी जुड़े रहे. कॉलेज के समय प्रसाद छात्र संघ चुनाव में सहायक महासचिव और कला और विधि संकाय के मेम्बर भी रह चुके हैं.
अपने कालेज के दिनों में वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव बने। लालू प्रसाद संघ के अध्यक्ष थे। 1980 से पटना उच्च न्यायालय में वकालत की प्रेक्टिस के बाद उन्हें 1999 में पटना उच्च न्यायालय का वरिष्ठ एडवोकेट बनाया गया और वर्ष 2000 में वह उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट बने।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ करोड़ों रूपए के चारा घोटाले में प्रसाद मुख्य अधिवक्ता थे। उन्होंने हवाला मामले में भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पैरवी की। 2010 में प्रसाद अयोध्या टाइटल मुकदमे में मुख्य अधिवक्ता रहे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए।
रवि शंकर प्रसाद निजी जीवन
- पूरा नाम रवि शंकर प्रसाद
- जन्म तिथि 30 Aug 1954 (उम्र 69)
- जन्म स्थान पटना
- पार्टी का नाम Bharatiya Janta Party
- व्यवसाय वकालत, राजनीति
- पिता का नाम स्व. ठाकुर प्रसाद
- माता का नाम स्व. बिमला प्रसाद
प्रसाद को वर्ष 2000 में केन्द्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री बनाया गया और जुलाई 2002 में विधि एवं न्याय राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया, जहां उन्हें फास्ट ट्रैक अदालतों की प्रक्रिया में तेजी लाने का श्रेय जाता है। बाद में राजग शासन में सूचना और प्रसारण मंत्री के तौर पर उन्होनें रेडियो, टेलीविजन और एनीमेशन के क्षेत्र में सुधारों की शुरूआत की। उन्हें गोवा को भारतीय अन्तरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का स्थायी आयोजन स्थल बनाने का श्रेय भी जाता है।
भाजपा के 10 साल तक सत्ता से दूर रहने के दौरान रविशंकर प्रसाद पार्टी का प्रमुख सार्वजनिक चेहरा बने रहे। वह प्रमुख मामलों पर अपने विचार स्पष्ट शब्दों में व्यक्त करते रहे और कई वर्ष तक पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रहे।
सन 2002 प्रसाद को विधि और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री का अलग भार दिया गया. सुचना और प्रसारण राज्य मंत्री के समय रवि जी ने रेडियो और टेलीविजन तथा एनिमेशन में सुधार करने पर बल दिया था. 2000 में भारतीय मंडल के नेता के तौर पर उनको डरबन साउथ अफ्रीका भेजा गया था.
इस सम्मलेन में रवि गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के मंत्रि स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय मेंबर के रूप में फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात से मिलकर उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिये भेजा. रविशंकर ने इंटरनेशनल मंचो पर भारत का सिर ऊँचा किया है. रविशंकर को 2006 में हुए अमेरिका में सयुंक्त राष्ट्र महासभा भारत का प्रतिनिधित्व करने भेजा गया था.