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कौन थे कर्पूरी ठाकुर जिन्हें मिला भारत रत्न? कर्पूरी ठाकुर की जीवनी: Karpoori Thakur Biography Hindi

Karpoori Thakur Biography Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Death, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: 'कर्पूरी ठाकुर' का जन्म 24 जनवरी 1924 में बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया नामक ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम गोकुल ठाकुर और माता का नाम रामदुलारी देवी था।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर जिन्हें मिलेगा भारत रत्न? कर्पूरी ठाकुर की जीवनी: Karpoori Thakur Biography Hindi
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By Ragib Asim

Karpoori Thakur Biography Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Death, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को 30 मार्च को भारत रत्न से सम्मानित किया गया. कर्पूरी ठाकुर को उनकी लोकप्रियता के कारण जननायक कहा जाता है. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर में हुआ था. उनकी जन्म शताब्दी के मौके की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन की ओर से इसका ऐलान किया गया.

जननायक कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और राजनेता के रूप में जाने जाते थे. बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री और फिर दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर ने राजनीतिक जीवन में अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ा. इसकी वजह से वह असली हीरो बन गए.’कर्पूरी ठाकुर भारत छोड़ो आन्दोलन में कूद पड़े. उन्हें 26 महीने तक जेल में रहना पड़ा. उन्होंने 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तक और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. कर्पूरी ठाकुर जैसा समाजवादी विचारधारा पर जीने वाले व्यक्ति अब बहुत कम ही देखने को मिलेंगे.

  • पूरा नाम कर्पूरी ठाकुर
  • अन्य नाम जननायक
  • जन्म 24 जनवरी, 1924
  • जन्म भूमि पितौंझिया (कर्पूरी ग्राम), समस्तीपुर, बिहार
  • मृत्यु 17 फरवरी, 1988
  • नागरिकता भारतीय
  • प्रसिद्धि वह जन नायक माने जाते थे
  • पार्टी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय क्रान्ति दल, जनता पार्टी, लोक दल
  • पद बिहार के 11वें मुख्यमंत्री
  • कार्य काल 22 दिसंबर, 1970 से 2 जून, 1971 तथा 24 जून, 1977 से 21 अप्रैल, 1979 तक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे।
  • अन्य जानकारी कर्पूरी ठाकुर आजादी से पहले 2 बार और आजादी मिलने के बाद 18 बार जेल गए।

कर्पूरी ठाकुर का जन्म

कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर में हुआ था। वे दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे और एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का रास्ता साफ किया था। उन्होंने कभी खुद को अपने संकल्प से विचलित नहीं होने दिया। इसके लिए उन्हें अपनी सरकार की कुर्बानी भी देनी पड़ी। बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्ष में अंग्रेजी की अनिवार्यता को भी उन्होंने ही खत्म किया था।

स्वतंत्रता आंदोलन में किरदार

समस्तीपुर के पितौझिया गांव में जन्मे कर्पूरी ठाकर ने 1940 में पटना मैट्रिक परीक्षा पास की थी। उस वक्त देश गुलाम था। मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद कर्पूरी ठाकुर आजादी के आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने समाजवाद का रास्ता चुना और आचार्य नरेंद्र देव के साथ समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए। 1942 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

1952 में जीता पहला चुनाव

कर्पूरी ठाकुर ने 1952 में पहला विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद कभी भी वे विधानसभा चुनाव नहीं हारे। वे अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने सामाजिकि मुद्दों को अपने एजेंडे में आगे रखा। वे जनता के सवाल को सदन में मजबूती से उठाने के लिए जाने जाते थे। समाज के कमजोर तबकों पर होनेवाले जुल्म और अत्याचार की घटनाओं को लेकर कर्पूरी ठाकुर सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर देते थे।

पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री

वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे हैं। पहली बार दिसंबर 1970 से जून 1971 तक वे मुख्यमंत्री रहे। वे सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय क्रांति दल की सरकार में सीएम बने थे। सीएम बनने के बाद उन्होंने सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण दिया था। वे दूसरी बार जनता पार्टी की सरकार में जून 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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