IPS Rachita Juyal: जानिए कौन है IPS रचिता जुयाल: इस्तीफा देकर बटोर रही सुर्खियां
उत्तराखंड की IPS अधिकारी रचिता जुयाल ने नौकरी से इस्तीफा देकर सुर्खियां बटोर ली है। उनके इस्तीफे के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया। लोग कयास लगाने लगे कि आखिर IPS रचिता जुयाल ने नौकरी क्यों छोड़ी

उत्तराखंड की IPS अधिकारी रचिता जुयाल ने नौकरी से इस्तीफा देकर सुर्खियां बटोर ली है। उनके इस्तीफे के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया। लोग कयास लगाने लगे कि आखिर IPS रचिता जुयाल ने नौकरी क्यों छोड़ी। ऐसे में अब अटकलों पर विराम लगाते हुए रचिता जुयाल ने कहा कि उनके इस्तीफे के पीछे का कारण पूरी तरह से व्यक्तिगत है।
मुख्य सचिव को भेजा इस्तीफा
बता दें कि IPS रचिता ने मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के तहत इस्तीफा भेज दिया था। यह इस्तीफा सोमवार को गृह विभाग के पास पहुंच गया है। सचिव गृह शैलेश बगौली ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बताई इस्तीफे की वजह
IPS रचिता जुयाल ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद इस्तीफा दिया और इसका कारण पूरी तरह से व्यक्तिगत है। उन्होंने कहा कि हर किसी के सपने और आकांक्षाएं होती हैं और वह कोई अपवाद नहीं हैं। अपने परिवार के सदस्यों के साथ लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया है।
पहले प्रयास में ही क्रैक किया UPSC
जानकारी के मुताबिक, IPS रचिता जुयाल ने अपनी स्कूली शिक्षा और हाईयर एजुकेशन देहरादून में पूरी की। BBA और MBA करने के बाद रचिता ने UPSC CSE की तैयारी की। एक भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी रचिता ने 29 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। धरमपुर की रहने वाली रचिता ने जुलाई 2015 में अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा पास कर ली। उनके पिता बीबीडी जुयाल भी पुलिस इंस्पेक्टर रह चुके हैं। दो साल पहले IPS रचिता जुयाल ने यशस्वी जुयाल से शादी की थी। यशस्वी मशहूर एक्टर और डांसर राघव जुयाल के भाई हैं। बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात कोविड काल में हुई थी।
भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में SP विजिलेंस रहते हुए उन्होंने पुलिस विभाग के एक सब इंस्पेक्टर को ट्रैप किया था। इसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था। IPS रचिता सिंह अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में SP विजिलेंस रह चुकी हैं। उन्होंने हाल के दिनों में कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।