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IAS Prakash Sarvey Biography in Hindi: पटवारी के बेटे ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर तय किया आईएएस तक का सफर, जानिए कौन है आईएएस प्रकाश सर्वे?

IAS Prakash Sarvey Biography in Hindi: हाल ही में आईएएस अफसरों के राज्य सरकार ने तबादला आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश में 11 आईएएस के प्रभार में फेरबदल किया गया है। 2019 बैच के आईएएस प्रकाश सर्वे को बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर बनाकर भेजा गया है। अब तक वे सारंगढ़–बिलाईगढ़ जिले के अपर कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। प्रकाश की शुरुआती जीवन से लेकर आईएएस बनने तक की कहानी बड़ी दिलचस्प है। उनके पिता राजस्व विभाग में पटवारी थे। सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाला पटवारी का बेटा अब राजस्व विभाग के शीर्ष पद पर पहुंच गया है। प्रकाश का हौसला ऐसा की पिता और दादी की एक साथ मौत और घर में दोनों की एक साथ अर्थी देखने के बाद भी दुःख के माहौल में हिम्मत जुटा पीएससी मेंस की परीक्षा दी और सलेक्ट भी हुए। आईए जानते हैं उनके बारे में....

IAS Prakash Sarvey Biography in Hindi: पटवारी के बेटे ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर तय किया आईएएस तक का सफर, जानिए कौन है आईएएस प्रकाश सर्वे?
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By Radhakishan Sharma

IAS Prakash Sarvey Biography in Hindi: आईएएस प्रकाश सर्वे को राज्य सरकार ने प्रदेश के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर नगर निगम का नगर निगम आयुक्त नियुक्त किया है। आईएएस प्रकाश सर्वे 2019 बैच के प्रमोटी आईएएस हैं। उन्होंने पीएससी निकाल राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर के तौर पर अपनी नौकरी शुरू की हैं। फिर उन्हें आईएएस अवॉर्ड हुआ। एक सामान्य परिवार में जन्मे प्रकाश सर्वे के पिता पटवारी थे। अपनी पूरी स्कूलिंग सरकारी स्कूल और कॉलेज से करने वाले प्रकाश सर्वे ने नौकरी के दौरान भी कई पुरस्कार अर्जित किए हैं। आईए जानते हैं उनके बारे में....




जन्म,परिवार और शिक्षा:

आईएएस प्रकाश सर्वे का जन्म 9 अगस्त सन 1978 को हुआ है। वे मूलतः बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक के किरारी गांव के रहने वाले एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ। उनके दादा स्वर्गीय सुकालू राम सर्वे कृषक थे। उनके पिता स्वर्गीय गोपाल प्रसाद सर्वे पटवारी थे,जबकि उनकी माता कलिंद्री सर्वे गृहणी है। प्रकाश सर्वे अपने माता-पिता की तीन संतानों में से एक है। उनके अलावा उनका एक भाई और एक बहन है।

प्रकाश सर्वे के पिता स्वर्गीय गोपाल प्रसाद सर्वे अविभाजित बिलासपुर जिले के डभरा ब्लॉक के सकराली गांव में पटवारी के पद पर पदस्थ थे। अब यह जगह सक्ती जिले में है। प्रकाश सर्वे की प्रारंभिक शिक्षा–दीक्षा इसी गांव में हुई। पहली से लेकर पांचवी तक गांव के ही शासकीय प्राथमिक शाला सकराली ब्लॉक डभरा में प्रकाश ने पढ़ाई की। फिर छठवीं से 12वीं तक डभरा के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल डभरा में पढ़ाई की। दसवीं बोर्ड के बाद उन्होंने ग्यारहवीं– बारहवीं में बायो विषय लिया और पढ़ाई की।

स्कूल की पढ़ाई पूरी कर कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए वे बिलासपुर में अपने चाचा के घर आ गए। बिलासपुर में रहने वाले प्रकाश के चाचा नंदलाल सर्वे स्वास्थ्य विभाग में पैथोलॉजिस्ट थे। वे सिम्स के अलावा,जिला अस्पताल और जिला मलेरिया कार्यालय में पदस्थ रहे। चाचा नंदलाल सर्वे के घर रहकर प्रकाश सर्वे ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और पीएससी की तैयारी की।

प्रकाश सर्वे ने शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय ( एसबीआर) कॉलेज से साइंस ग्रुप में बीएससी किया। फिर पोस्टग्रेजुएशन के लिए सरकंडा स्थित साइंस कॉलेज में एडमिशन लिया। उन्होंने बॉटनी सब्जेक्ट से एमएससी किया। एमएससी में वे टॉपर रहे।

प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन:

प्रकाश सर्वे ने पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद सिविल सेवाओं में करियर बनाने की सोची और पीएससी की तैयारी करने लगे। 2003 पीएससी में प्रारंभिक परीक्षा निकालकर उन्होंने मुख्य परीक्षा दिलाया। पर स्केलिंग पद्धति के चलते पीएससी 2003 में चयनित होने से चूक गए। पर निराश नहीं होते हुए उन्होंने तैयारी जारी रखी और पीएससी 2005 दिलाई। इसी बीच उन्होंने स्टेट इलिजिबिलिटी टेस्ट भी निकाला और पीएससी के माध्यम से होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा भी क्रैक की और चयनित हुए। राजनांदगांव जिले में स्थित सरकारी कॉलेज में प्रकाश को पदस्थापना मिली। यहां उन्होंने मात्र तीन माह की अध्यापन कार्य किया। इस बीच पीएससी 2005 के घोषित नतीजों में प्रकाश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हो गया। पिछली असफलता के बावजूद हर नहीं मानते हुए निरंतरता के चलते उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के अलावा पीएससी 2005 के प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में सफलता मिली थी।

प्रशासनिक कैरियर:

फरवरी 2007 में प्रकाश ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अवसर के तौर पर अपना प्रशासनिक करियर शुरू किया। उन्होंने कलेक्टर के पद पर ज्वाइन किया। उनकी पहली पोस्टिंग नारायणपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुई। जहां वह चार साल तक के पदस्थ रहें। फिर 2 साल तक के कांकेर में पदस्थ रहें। रायगढ़ जिले में एडिशनल कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहें। रायगढ़ के बाद दुर्ग जिले के रिसाली में नगर निगम आयुक्त के पद पर पदस्थ रहें। बता दे रिसाली के नगर निगम बनने के बाद यहां के पहले आयुक्त प्रकाश सर्वे ही थे।



रिसाली के अलावा प्रकाश भिलाई नगर निगम और दुर्ग नगर निगम के भी आयुक्त रहें थे। दुर्ग के बाद प्रकाश को बेमेतरा जिला पंचायत सीईओ बनाया गया। इसके बाद जगदलपुर अपर कलेक्टर रहें। जगदलपुर में अपर कलेक्टर के अलावा सीईओ जगदलपुर जिला पंचायत सीईओ रहें। जगदलपुर जिला पंचायत सीईओ रहते हुए ही उन्हें दिसंबर 2024 में आईएएस अवॉर्ड हुआ। प्रकाश सर्वे को आईएएस 2019 बैच अवॉर्ड हुआ। जगदलपुर के बाद प्रकाश सर्वे सारंगढ़– बिलाईगढ़ जिले के अपर कलेक्टर बने। अब उन्हें बिलासपुर नगर निगम आयुक्त और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड का एमडी बनाया गया है।

मिले पुरस्कार:

कोरोना के दौरान भिलाई निगम आयुक्त रहते हुए उन्हें बेहतर कार्यों के लिए शासन से सम्मानित किया गया। इसके अलावा दुर्ग निगमायुक्त और बेमेतरा जिला पंचायत सीईओ रहते हुए स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करने पर पुरस्कृत किया गया।

परिवार:

प्रकाश सर्वे के पिता की मौत के बाद उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति मिल सकती थी,पर उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति न लेकर कड़ी मेहनत का रास्ता चुना। उनके भाई पटवारी के पद पर जांजगीर जिले में पदस्थ हैं। जबकि उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं।

पिता और दादी की मौत के बावजूद बरकरार रखा हौसला:

प्रकाश सर्वे के जीवन में दुःखद और इम्तिहान का पल तब आया जब वह पीएससी मुख्य परीक्षा 2005 की तैयारी कर रहे थे। तब एन मुख्य परीक्षा के पहले चार अगस्त 2006 को प्रकाश के पिता का निधन हो गया। बेटे के निधन की सूचना पाकर प्रकाश की दादी का भी निधन हो गया। एक साथ घर में दो प्रियजनों की मौत किसी को भी तोड़ कर रख देती हैं। पर घर से दो अर्थियां उठने के बाद भी प्रकाश ने हौसला जुटा मुख्य परीक्षा दी और चयनित हुए।

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