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Prem Kumar Biography hindi: चपरासी के बेटे से स्पीकर की कुर्सी तक का सफर! जिस मंत्री के PA रहे, उसी को हराकर बने MLA, अब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बने डॉ प्रेम कुमार

Prem Kumar Biography hindi: बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष डॉ प्रेम कुमार का संघर्षभरा सफर- बैंक के चपरासी का बेटा, जेपी आंदोलन, PA से MLA और अब स्पीकर की कुर्सी तक। जानें पूरी राजनीतिक यात्रा।

Prem Kumar Biography hindi: चपरासी के बेटे से स्पीकर की कुर्सी तक का सफर! जिस मंत्री के PA रहे, उसी को हराकर बने MLA, अब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बने डॉ प्रेम कुमार
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By Ragib Asim

लव कुमार मिश्रा, पटना से

Prem Kumar Biography hindi: बिहार की राजनीति में एक बार फिर सामाजिक न्याय और संघर्ष से सत्ता शिखर तक पहुंचने की इंस्पिरेशनल कहानी सामने आई है। चपरासी के बेटे से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बनने तक का सफर तय करने वाले डॉ प्रेम कुमार आज बिहार की राजनीति के सबसे ताकतवर संवैधानिक पदों में से एक पर आसीन हो चुके हैं। वह लगातार 9वीं बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए और अब 18वीं बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए हैं।

अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं स्पीकर, CM और नेता विपक्ष भी पिछड़ी जाति से

डॉ प्रेम कुमार का सामाजिक और राजनीतिक महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि वे अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री भी पिछड़ी जाति से हैं और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भी पिछड़ा समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस तरह बिहार की सत्ता संरचना (Structure) में तीनों प्रमुख संवैधानिक पद सामाजिक न्याय की धुरी पर टिके नजर आ रहे हैं।

बैंक के चपरासी का बेटा, कोई राजनीतिक विरासत नहीं

डॉ प्रेम कुमार के पिता गया जी के एक बैंक में चपरासी थे। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद सामान्य थी और कोई राजनीतिक विरासत नहीं थी। संघर्ष, शिक्षा और संगठन ही उनकी असली ताकत रही। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने राजनीतिक मैदान में अपनी पहचान खुद बनाई।

जेपी आंदोलन से शुरू हुआ राजनीतिक सफर, छात्र जीवन में गए जेल

डॉ प्रेम कुमार का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से शुरू हुआ। छात्र जीवन में उन्होंने तत्कालीन व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया और इसी दौरान जेल भी गए। यही दौर उनके राजनीतिक व्यक्तित्व की नींव बना।

जिस मंत्री के PA रहे, उसी को 1990 में हराया

1977 में गया से चुनी गई सुशीला सहाय जब गृह राज्य मंत्री बनीं तब डॉ प्रेम कुमार उनके व्यक्तिगत निजी सहायक (PA) के रूप में कार्य कर रहे थे। लेकिन राजनीति की क्लियर समझ और संगठन की ताकत के दम पर उन्होंने 1990 के विधानसभा चुनाव में अपने ही पूर्व नियोक्ता सुशीला सहाय को सीधे मुकाबले में हराकर सबको चौंका दिया। यहीं से उनके विधायक बनने का सिलसिला शुरू हुआ।

लगातार 9वीं बार विधायक, बीजेपी के सबसे भरोसेमंद चेहरों में शामिल

डॉ प्रेम कुमार 1990 से लेकर अब तक लगातार 9 बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं। यह उपलब्धि उन्हें बिहार के सबसे अनुभवी और लगातार जीत दर्ज करने वाले नेताओं की लिस्ट में खड़ा करती है। पार्टी संगठन और सरकार दोनों में उनका कद हमेशा मजबूत रहा है।

मगध विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट, विद्वान नेता की पहचान

डॉ प्रेम कुमार ने मगध विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट (PhD) की डिग्री हासिल की है। उनका अकादमिक बैकग्राउंड उन्हें एक विद्वान नेता की पहचान देता है, जो विधानसभा की कार्यवाही को संवैधानिक मर्यादा में संचालित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

संघर्ष से सत्ता शिखर तक: डॉ प्रेम कुमार की कहानी बनी आधुनिक राजनीति की मिसाल

चपरासी के बेटे से लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष तक का सफर डॉ प्रेम कुमार की संघर्ष, संगठन और आत्मविश्वास की ताकत को दिखता है। बिना किसी राजनीतिक विरासत के लगातार नौ बार जीत दर्ज करना और अब स्पीकर बनना बिहार की राजनीति में एक दुर्लभ उपलब्धि मानी जा रही है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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