Gajendra Yadav Biography Hindi: विधायक गजेन्द्र यादव बनेंगे मंत्री, जानें छात्र राजनीति से शिखर तक का सफर
Gajendra Yadav Biography Hindi: छत्तीसगढ़ के राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत दुर्ग शहर के भाजपा विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।

Gajendra Yadav Biography Hindi: छत्तीसगढ़ के राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत दुर्ग शहर के भाजपा विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। 2023 विधानसभा चुनाव में गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले दुर्ग में शानदार जीत दर्ज कर राजनीतिक हलकों में नई पहचान बनाई थी। आइए जानते हैं उनके जीवनी के बारे में...
- जन्म (DOB):– 1978
- पिता (Father's Name): स्व बिसराराम यादव
- शिक्षा:(Education): पोस्ट ग्रेजुएशन, 2003 में पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री प्राप्त की।
- पता ( Adresss): दुर्ग शहर
- व्यवसाय ( Profession): कृषि एवं व्यवसाय
- जीवनसाथी का व्यवसाय(Spouse Profession): कृषि एवं व्यवसाय
- कुल संपत्ति (Networth): चार करोड़ 27 लाख रुपए
कांग्रेस का गढ़ ढहाकर जीत
दुर्ग सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व लंबे समय से रहा है। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के परिवार का गढ़ मानी जाती थी। गजेंद्र यादव ने इसी गढ़ को ध्वस्त करते हुए अरुण वोरा (सिटिंग MLA और मोतीलाल वोरा के बेटे) को हराया। उन्होंने 97,906 (63.89%) वोट हासिल किए, जबकि अरुण वोरा को केवल 49,209 (32.11%) वोट मिले। गजेंद्र यादव ने कुल 48,697 मतों के भारी अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
गजेंद्र यादव का जन्म वर्ष 1978 में हुआ। उनके पिता स्व. बिसराराम यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रांत कार्यवाह थे। यही वजह है कि गजेंद्र की राजनीतिक सोच और संगठनात्मक पकड़ शुरू से ही मजबूत रही।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 2003 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। पारिवारिक रूप से वे कृषि और व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। चुनाव आयोग में दाखिल शपथ पत्र के अनुसार उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹4.27 करोड़ है।
राजनीतिक सफर
गजेंद्र यादव पहली बार 2023 में विधानसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। इससे पहले वे दुर्ग नगर निगम में एक बार पार्षद रह चुके हैं। वर्तमान में वे भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
उनकी साफ-सुथरी छवि, मिलनसार स्वभाव और जनता से सीधा संवाद ने उन्हें जनता का भरोसा दिलाया। चुनाव के दौरान गजेंद्र यादव ने लगातार जनसंपर्क कर कांग्रेस के गढ़ में पैठ बनाई। वहीं कांग्रेस संगठन के बिखराव और परिवारवाद के आरोपों ने भाजपा प्रत्याशी को अतिरिक्त लाभ दिया।
जीत के पीछे संगठन और रणनीति
गजेंद्र यादव की जीत में भाजपा का मजबूत संगठन, आरएसएस का मार्गदर्शन और कार्यकर्ताओं की सक्रियता का बड़ा योगदान रहा। छत्तीसगढ़ में बदलाव की चाह रखने वाली जनता ने भी उन्हें समर्थन दिया। यही वजह रही कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक इस बार खिसक गया।
