बसवराज बोम्मई का जीवन परिचय (जीवनी) : Basavaraj Bommai Biography in Hindi
Basavaraj Bommai Biography in Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Election, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Net Worth, Daughter, Children, Politics, Party, Quotes, in Hindi: बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी, 1960 को कर्णाटक के हुबली जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम एस आर बोम्बई और माता का नाम गंगम्मा था.
Basavaraj Bommai Biography in Hindi, Age, Wiki, Wife, Family, Election, Date of Birth, Wife, Family, Height, Career, Net Worth, Daughter, Children, Politics, Party, Quotes, in Hindi: बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी, 1960 को कर्णाटक के हुबली जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम एस आर बोम्बई और माता का नाम गंगम्मा था. बसवराज बोम्मई के पिता एस आर बोम्बई कर्णाटक में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके है. उनकी पत्नी का नाम चेन्नमा है. उनके दो बच्चे है. एक बेटा और एक बेटी.
- पूरा नाम बसवराज बोम्मई
- जन्म तिथि 28 Jan 1960 (उम्र 64)
- जन्म स्थान हुबली, कर्नाटक
- पार्टी का नाम Bharatiya Janta Party
- शिक्षा B.E. Mechanical
- व्यवसाय उद्योगपति, राजनीतिज्ञ
- पिता का नाम एस. आर. बोम्मई
- माता का नाम उपलब्ध नहीं है
- जीवनसाथी का नाम चेन्नम्मा
- जीवनसाथी का व्यवसाय गृहिणी
- संतान 1 पुत्र 1 पुत्री
- धर्म हिंदू
- स्थाई पता 4883/1 सावनपुर रोड, शिगगांव, शिगगांव तालुक, हावेरी जिला- 581205
- वर्तमान पता 4883/1 सावनपुर रोड, शिगगांव, शिगगांव तालुक, हावेरी जिला- 581205
- सम्पर्क नंबर 9845008502 , 8362352900
- ई-मेल [email protected]
बसवराज बोम्मई धर्म से लिंगायत (हिन्दू) है. लिंगायत संप्रदाय की स्थापना 12वीं सदी में बसवण्णा ने की थी. लिंगायत समुदाय हिन्दू ही होता है लेकिन अंतर केवल इतना है कि यह समुदाय केवल भगवान शिव को ही इस ब्रह्माण्ड का स्वामी मानता है. उनकी धारणा के अनुसार भगवान शिव ने ही विष्णु, महेश, ब्रह्मा की उत्पत्ति की थी. वास्तव में, यह समुदाय शैव संप्रदाय है और ये लोग भगवान शिव को ही अपना इष्ट देव मानते है. इस मत के उपासक लिंगायत (कन्नड़) कहलाते है.
बसवराज बोम्मई की शिक्षा
बसवराज बोम्मई ने 1982 में बीवी भूमरद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी (अब के एल ई युनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी), हुबली से मैकेनिकल इंजीयनियरिंग में बीई (बैचलर ऑफ इंजीयनियरिंग) की थी.
बसवराज बोम्मई का शुरूआती जीवन
बसवराज बोम्मई ने अपने करियर की शुरुआत अपनी शिक्षा के अनुरूप जॉब किया उन्होंने पढाई के बाद पुणे, महाराष्ट्र में टाटा समूह में जॉब से की. बसवराज बोम्मई के पेशे से किसान और उद्यमी भी है.
बसवराज बोम्मई का राजनीतिक करियर
बसवराज बोम्मई राजनीतिक घराने से आते है. उनके पिता भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके है. इसी कारण जॉब करने के बाद उनका झुकाव राजनीति की ओर हो गया. उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत जनता दल से की थी. जनता दल के टिकट पर वे 1998 से लेकर 2008 तक धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य भी रहे है. 2008 में बसवराज बोम्मई जनता दल को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और फिर वह आजतक लगातार बीजेपी के सदस्य बने हुए है.
भाजपा में शामिल होने के बाद बसवराज बोम्मई लगातार 2008, 2013, 2018 में कर्णाटक के शिगगांव (Shiggaon, Haveri) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे है. बसवराज बोम्मई 2023 का कर्णाटक विधानसभा चुनाव भी शिगगांव से ही खड़े है.
इससे पहले बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री जे एच पटेल के राजनीतक सचिव और विधान परिषद में विपक्ष के उपनेता भी रह चुके है. इसके अलावा वे गृह, कानून, जल संसाधन, सहकारिता और संसदीय कार्यो के मंत्री रह चुके है. उन्हें भारतीय जनता पार्टी का जिला प्रभारी भी बनाया गया था.
बसवराज बोम्मई ने 28 जुलाई, 2021 को कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. बोम्बई को तात्कालिक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद, पहले विधायक दल का नेता और फिर बाद में, मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया था. बसवराज बोम्मई के कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले पिता पुत्र की दूसरी जोड़ी है. इससे पहले एच डी देवेगौड़ा और फिर उसके बेटे एच डी कुमार स्वामी की पिता पुत्र की जोड़ी कर्णाटक की मुख्यमंत्री रह चुकी है.
भाजपा ने उन्हें 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. इसके कई कारण है, पहला कारण यह है कि वे भाजपा में 2008 से एक जिताऊं कैंडिडेट रहे है क्योकि वे 2008 से अपनी सीट पर लगातार जीत दर्ज करते रहे है. दूसरा कारण यह है कि 2023 का कर्णाटक विधानसभा चुनाव उनके मुख्यमंत्री रहते हो रहा है. तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि बसवराज बोम्मई लिंगायत समूह से आते है, जैसा कि बताया जा चुका है कि लिंगायत समुदाय का कर्नाटक के चुनाव परिणाम पर महत्वपूर्ण पकड़ रही है. कर्नाटक में कुल आबादी का लगभग 17 प्रतिशत इसी समुदाय को मानने वाले है और इनकी 30 प्रतिशत सीटों पर निर्णायक भूमिका रहती है. इस प्रकार राज्य में सरकार बनाने में इस समुदाय का निश्चित रूप से प्रभाव होता है.
कर्णाटक के साथ एक विडम्बना यह भी चली आ रही है कि कर्णाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अब तक 22 नेताओ में से केवल 3 ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए है. 2021 में बसवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री बनने से पहले बीएस येदुरप्पा कर्णाटक के मुख्यमंत्री थे. लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. इतना ही नहीं इससे पहले भी वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके थे मगर कभी भी वे अपना कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाए थे.
बसवराज बोम्मई राजनीतिक टाइमलाइन
- 1998 - बसवराज बोम्मई धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल विधायक चुने गए।
- 2004 - वह फिर से धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल विधायक के रूप में जीते।
- 2008 - जनता दल छोड़ दिया और धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, फिर जल संसाधन मंत्री नियुक्त किए गए।
- 2018 - कर्नाटक विधानसभा के लिए फिर से विधायक चुने गए।
- 2019 - येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उन्हें सहकारिता मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में वह कानून और संसदीय कार्य मंत्री रहे। उन्होंने कर्नाटक सरकार में गृह मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया।