Ratlam CM Rise School: MP के इस सरकारी विद्यालय को मिला दुनिया के बेस्ट स्कूल का अवार्ड, लंदन के T-4 एजुकेशन इंस्टीट्यूट ने किया घोषित
Ratlam CM Rise School: मध्यप्रदेश के रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल ‘विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार, 2024’ के ‘नवाचार’ श्रेणी में प्रथम स्थान पर घोषित हुआ है। लंदन स्थित T-4 एजुकेशन संस्था ने आज विभिन्न श्रेणियों में विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों की घोषणा की।
Ratlam CM Rise School: मध्यप्रदेश के रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल ‘विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार, 2024’ के ‘नवाचार’ श्रेणी में प्रथम स्थान पर घोषित हुआ है। लंदन स्थित T-4 एजुकेशन संस्था ने आज विभिन्न श्रेणियों में विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों की घोषणा की।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शाला की टीम और स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सीएम राइज विद्यालय रतलाम के सभी सहयोगियों एवं स्कूल शिक्षा विभाग को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि, यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
ऐसा इसलिए, क्योंकि सीएम राइज विनोबा ने दुनिया के स्कूलों को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब जीता है। इस पुरस्कार की दौड़ में भारत के अलावा अमेरिका, यूके, स्पेन, ब्राजील, केन्या और थाईलैंड जैसे देशों से लगभग 1000 विद्यालय शामिल थे। T-4 संस्था के द्वारा इस अवार्ड की सम्मान निधि के तहत सीएम राइज़ विनोबा स्कूल रतलाम को 10 हज़ार यू.एस. डॉलर (लगभग 8 लाख 40 हज़ार रूपये) प्रदान किए जायेंगे।
शिक्षकों के सतत विकास के लिए साप्ताहिक प्रशिक्षण सत्र।
ऑनलाइन शिक्षण सामग्री का उपयोग जो न केवल शिक्षकों के विकास बल्कि छात्रों की शिक्षा को भी सशक्त करता है।
बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वर्चुअल संवाद।
गूगल फॉर्म के माध्यम से दैनिक उपस्थिति ट्रैक करने की तकनीक।
शिक्षकों के लिए संरचित मान्यता प्रणाली, जो उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करती है।
शिक्षकों के बीच सहयोगी और सकारात्मक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, टीम निर्माण की नियमित गतिविधियाँ।
इस पुरूस्कार ने भारत के सरकारी स्कूलों की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है। साथ ही, यह भी साबित किया है कि दूर-दराज के आदिवासी क्षेत्रों में भी विश्व-स्तरीय शिक्षा संभव है। सीएम राइज विनोबा स्कूल ने “नवाचार” श्रेणी में अपनी साहसिक और नवाचारी पद्धतियों के माध्यम से यह साबित किया है कि शिक्षा का स्तर कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में उच्चतम हो सकता है।
स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल ने बताया कि, लंदन स्थित T-4 एजुकेशन द्वारा आयोजित विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार उन स्कूलों को वैश्विक मंच देते हैं जिन्होंने शिक्षा में अग्रणी होकर अपने छात्रों और समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डाला। सीएम राइज विनोबा की यह वैश्विक पहचान उसके शिक्षकों, स्कूल लीडर्स एवं समुदाय की दूरदर्शी सोच, अटूट समर्पण और अनुकरणीय प्रयासों का प्रतिफल है।
यह उपलब्धि हमें कई चरणों से गुजरने के बाद मिली है। सर्व प्रथम इस पुरस्कार के लिए हमारे तीन विद्यालयों ने नामांकन किया था। कई चरण के साक्षात्कार के बाद उनमे से 2 विद्यालय सीएम राइज विद्यालय झाबुआ का “शैक्षणिक प्रक्रिया में स्वस्थ्य जीवन शैली” एवं सीएम राइज विद्यालय विनोबा रतलाम का“नवाचार” श्रेणी में शीर्ष 10 में चयन हुआ। उसके बाद हमारा एक विद्यालय सीएम राइज रतलाम ने शीर्ष तीन में स्थान हासिल करने के साथ-साथ फाइनल में जगह बनाई और अंतत: यूनाइटेड किंगडम एवं थाईलैंड के विद्यालय से हुई प्रतिस्पर्धा में अपनी श्रेणी में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
सीएम राइज विनोबा ने कई नवाचारी पहलें लागू की हैं जिसकी वजह से वह इस अद्भुत विजय का हकदार बना। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में स्थित इस स्कूल की यह जीत, मध्य प्रदेश सरकार की शिक्षा में परिवर्तन के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाती है। स्कूल शिक्षा विभाग के नेतृत्व में, शिक्षकों के सतत विकास के प्रयासों ने छात्रों के लिए उच्च-स्तरीय और सजीव शिक्षण कक्षाओं की नींव रखी है, जिसे आज वैश्विक मंच पर मान्यता मिली है। इस उपलब्धि में सीएम राइज स्कूल कार्यक्रम के लिए शैक्षणिक भागीदार के रूप में कार्यरत सहयोगी संस्था पीपल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पीपल संस्था ने सीएम राइज़ विद्यालयों के लिये स्कूल प्रक्रियाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) तैयार करने और स्कूल लीडर्स की क्षमता को मजबूत करने तक में स्कूल शिक्षा विभाग का सहयोग किया है।
पुरूस्कारों की घोषणा करते हुए T-4 एजुकेशन के मुख्य कार्यकारी सचिव और सह-संस्थापक, विकास पोटा ने सीएम राइज विनोबा की टीम और मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा, यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारत के सरकारी स्कूलों में विश्व-स्तरीय शिक्षा का निर्माण हो रहा है। यह पूरी दुनिया के शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत है।