Purnia Crime News: डायन बताकर 5 लोगों को जिंदा जलाया! पंचायत ने सुनाई मौत की सजा, 200 लोगों ने मिलकर मार डाला... अंधविश्वास में खूनी खेल की कहानी
Purnia Crime News: मौत का तांडव बिहार के पूर्णिया में देखने को मिला. जहाँ पांच जिंदगी अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई. पांच लोगों को भरी पंचायत पेट्रोल डालकर जिन्दा जला दिया गया. इतना ही नहीं मौत के बाद मृतकों के शवों को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दिया.

Purnia Crime News
Purnia Crime News: देश में आज भी डायन-जादू टोना जैसे अंधविश्वास फैले हुए हैं. आयेदिन डायन-जादू टोना के शक में लोगों को प्रताड़ित किया जाता है जिनमें कई बार मौत भी हो जाती है. ऐसा ही कुछ मौत का तांडव बिहार के पूर्णिया में देखने को मिला. जहाँ पांच जिंदगी अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई.
डायन के शक में पांच की ह्त्या
मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजीगंज पंचायत के टेटगामा वार्ड-10 का है. जहाँ डायन होने के शक में पंचायत ने कानून को ताक पर रखकर मौत की सजा सुना दी. परिवार के साथ पहले मारपीट की गयी. लाठियों और पत्थरों से बेरहमी उन्हें बेरहमी से पीटा गया. उसके बाद पांच लोगों को भरी पंचायत पेट्रोल डालकर जिन्दा जला दिया गया. इतना ही नहीं मौत के बाद मृतकों के शवों को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दिया.
200 लोगों के सामने वारदात
घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत के आदिवासी बाहुल्य टेटगामा में घटी है. टेटगामा गांव में उरांव जनजाति के लगभग 50 परिवार रहते है. जिनकी जनसंख्या लगभग 300 है. यहाँ दूसरी जातियों के लोग भी रहते हैं.मृतक परिवार का मुखिया बाबू लाल उरांव (50 साल), पत्नी सीता देवी (48 साल), बूढ़ी मां कातो देवी (65 साल), बेटा मंजीत उरांव (25 साल) और उसकी पत्नी रानी देवी (23 साल) भी इसी गांव में रहते थे. कुछ दिन पहले इसी गांव के रहने वाले रामदेव उरांव के बेटे की मौत हो गई थी. उसके कुछ दिन बाद उसका दूसरा बेटा भी बीमार पड़ गया. इस घटना के बाद रामदेव उरांव को लगा यह सब किसी डायन किया धरा है. उसे शक हुआ कातो देवी (65 साल) और उसकी बहु सीता देवी (48 साल) डायन है. वो दोनो काला जादू करती है.
पंचायत ने सुनाई मौत की सजा
इस बात को पूरे गांव में फैला दिया गया. गांव वालों ने भी मान लिया कातो देवी और सीता देवी डायन है. फिर किया ओझाओं ने भी सातो देवी और उसकी बहू सीता देवी को 'डायन' करार दिया. यह यहीं तक नहीं रुका, रविवार रात को गांव प्रमुख नकुल उरांव के नेतृत्व में एक पंचायत की बैठक बुलाई गई. बैठक में गांव के करीब 200 लोग शामिल हुए. बैठक में बाबूलाल के परिवार को बुलाया गया. जहाँ डायन का आरोप लगाकर हत्या का निर्णय लिया गया.
भरी पंचायत में ज़िंदा जलाया
इसके बाद ग्रामीण ने एकजुट होकर परिवार को बंधक बना लिया. भरी पंचायत उन्हें लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा गया. परिवार चीख चीख कर कहते रहे लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी. उनपर पेट्रोल डाला गया और जिंदा जला दिया. सभी की तड़प तड़प कर मौत हो गयी. इतना ही नहीं मृतकों के शवों को एक सुनसान जगह ठिकाने लगा दिया.इस दौरान अन्य लोग बैठक तमाशा देखते रहे.
कैसे बचा एक सदस्य
इस घटना में मृतक के परिवार का एक बच्चा किसी तरह भाग निकलने में सफल रहा. 15 साल का सोनू किसी तरह बच गया और थाने पहुंच कर पुलिस को घटना की जानकारी पुलिस को दी. घटना की जानकारी मिलते ही कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. एसपी स्वीटी सहरावत, एएसपी आलोक रंजन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच में जुट गयी है. एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम मौके पर बुलाया गया. पुलिस ने इस मामले में 23 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीँ, गांव के प्रधान नकुल उरांव समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अन्य की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है. कई लोग अपने घर पर ताला लगा के चले गए. पुलिस भी अलर्ट पर है.
