Land for Job Scam Case: लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार
Land for Job Scam Case: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद(RJD President Lalu Prasad) को 'लैंड फॉर जॉब केस' (Land for Job Case) में सु्प्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.

Land for Job Scam Case
Land for Job Scam Case: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद(RJD President Lalu Prasad) को 'लैंड फॉर जॉब केस' (Land for Job Case) में सु्प्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने जमीन के बदले नौकरी मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने और ट्रायल पर रोक की उनकी मांग को इनकार कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई की एफआईआर और 2022, 2023 और 2024 में दायर तीन आरोपपत्रों और संज्ञान आदेशों को रद्द करने की मांग की थी. इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई. जज एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने लालू प्रसाद के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है
साथ ही कोर्ट ने उन्हें राहत भी दी है. कोर्ट ने कहा कहा है, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी रद्द करने की उनकी याचिका पर सुनवाई में तेजी लायी जाए. वहीँ, लालू यादव की उम्र को ध्यान में रखते हुए सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश न किया जाए.
क्या है मामला
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर यह आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए नियमों की अनदेखी कर कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी दिलवा दी थी. साथ ही, इसके लिए कोई भर्ती नोटिफिकेशन भी नहीं निकाला गया था. रेलवे में जिन लोगों को नौकरी पर लगवाया गया था, उनसे लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, मुंबई समेत अन्य शहरों में कई जमीनें नाम करवा ली गई थी.
मामला 2004 से 2009 के बीच का है उस दौरान लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप D और अन्य पदों पर भर्तियों के बदले कुछ उम्मीदवारों से सस्ती दरों पर जमीन ली गई. जमीन कथित रूप से लालू यादव के परिवार के सदस्यों या उनसे जुड़ी कंपनियों के नाम पर ट्रांसफर करवाई गई थी. इस मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटी मिसा भारती, उनके बेटे तेजस्वी यादव (बिहार के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री) और कुछ अन्य रेलवे कर्मचारी को आरोपी बनाया गया था. इस केस की जांच CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) कर रही है. साथ ही ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.
