IPS Amit Lodha Promotion: 'खाकी द बिहार चैप्टर' वाले चर्चित आईपीएस अमित लोढ़ा का प्रमोशन, बनाए गए ADG, आदेश जारी
IPS Amit Lodha Promotion:IPS Amit Lodha Promotion: बिहार के चर्चित आईपीएस अमित लोढ़ा(IPS Amit Lodha) को नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. आईपीएस अमित लोढ़ा का प्रमोशन हुआ है. उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है.

IPS Amit Lodha Promotion: बिहार के चर्चित आईपीएस अमित लोढ़ा(IPS Amit Lodha) को नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. आईपीएस अमित लोढ़ा का प्रमोशन हुआ है. उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है.
गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. जिसके अनुसार, आईपीएस अमित लोढ़ा को पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) से महानिरीक्षक कोटि से प्रोन्नति देकर अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है. वर्तमान में राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो में पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) के पद पर तैनात हैं. सरकार ने उन्हें उनके कनिष्ठ अधिकारी रत्न संजय कटियार की सापेक्षता में यह पदोन्नति दी है. उनको प्रोन्नति कनीय को मिली प्रोन्नति की तिथि से वैचारिक रूप से जबकि पदस्थापन के बाद पदभार ग्रहण की तिथि से वास्तविक रूप से देय होगी.
अमित लोढ़ा भारतीय पुलिस सेवा के 1986 बैच के अधिकारी है. वो बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारियों में से एक रहे हैं. वह अपने वीरता और ईमानदारी के कारण जाने जाते हैं. उनके अलग अंदाज और काम के प्रति समर्पण पर उनके ऊपर ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ के रूप में वेब सीरीज भी बनी. जो ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई. यह सीरिज में बिहार में पोस्टिंग के दौरान 70 लोगों को मारने वाले क्रिमिनल को पकड़ने और पुलिस अधिकारियों की जिंदगी से जुड़ी हैं.
जानिए अमित लोढ़ा के बारे में
अमित लोढ़ा का जन्म राजस्थान के जयपुर में हुआ। उन्होंने अपने स्कूल की पढ़ाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने IIT JEE का एग्जाम क्रैक किया और IIT दिल्ली (IIT Delhi) में दाखिला लिया। अमित लोढ़ा दिल्ली आईआईटी से ग्रेजुएट हैं। हालांकि, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह आईआईटी में रहने के दौरान डिप्रेशन का शिकार हो गए और उन्होंने सुसाइड करने तक का सोच लिया था।
25 साल की उम्र में अमित ने यूपीएससी परीक्षा पास की और उन्हें बिहार कैडर मिला था। वह साल 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। ख्याति प्राप्त लोगों के बीच अपने मधुर संबंधों के चलते उनकी गिनती सेलिब्रिटी आईपीएस अधिकारी के तौर पर होने लगी। अमित लोढ़ा के बारे में कहा जाता है कि वह पीड़ित लोगों को सीधे अपने लैंडलाइन नंबर पर कॉल करने के लिए कहते थे। अमित की बिहार में पोस्टिंग भी ऐसी जगहों पर रही जो अपराध के गढ़ माने जाते थे। जैसे नालंदा, बेगूसराय, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर और गया आदि।
नाना से प्रभावित
अमित के नाना भी एक आईएएस अधिकारी थे और वह वह हमेशा अपने नाना को देखकर बचपन से ही आईपीएस ऑफिसर बनना चाहते थे। उनसे प्रभावित होकर ही अमित एक आईपीएस ऑफिसर बने थे, जिसके बाद उनकी बिहार में तैनाती हुई। उनका एक अच्छे व्यवहार ने ही उन्हें लोगों के प्रति लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने अपने जीवन कई सारे नामी अपराधियों को बिना डरे जेल की हवा खिलाई।
आईपीएसआदित्य कुमार से विवाद
गया में आइजी रहते अमित लोढ़ा का विवाद तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार से भी रहा। इस मामले में दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि शिकायत पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई जिसके बाद दोनों अधिकारियों को एक साथ पद से हटाते हुए वापस पटना बुला लिया गया। अमित लोढ़ा ने शराब माफिया से गठजोड़ मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए आइपीएस आदित्य कुमार पर कार्रवाई को लेकर कई पत्र वरीय अधिकारियों को लिखे थे। यहीं से दोनों आइपीएस अफसरों के बीच विवाद गहराया।
कुख्यात गैंगस्टर अशोक महतो और पिंटू मेहतों को जेल पहुंचाया
अमित लोढ़ा की पहचान बिहार के सबसे काबिल और साहसी आईपीएस अधिकारियों में होती है।1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा पहली बार साल 2006 चर्चा में तब आये थे, जब उन्होंने 'शेखपुरा के गब्बर सिंह' नाम से मशहूर बिहार के सबसे कुख्यात गैंगस्टर अशोक महतो और उसके दोस्त पिंटू मेहतों को जेल में पहुंचाया था। अशोक महतो और पिंटू महतो के खिलाफ दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर जेल से भागने सहित 15 लोगों की हत्या व अन्य कई मामले दर्ज थे। अमित लोढ़ा को उनकी इस उपलब्धि के लिए प्रेजिडेंट पुलिस मैडल, पुलिस मैडल और इंटरनल सिक्योरिटी मैडल से सम्मानित भी किया गया है।