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Governor vs IAS KK Pathak: बिहार के राज्यपाल और आईएएस केके पाठक के बीच क्या है विवाद, जानिए कब-कब क्या हुआ...

Governor vs IAS KK Pathak: केके पाठक राजभवन के मामलों में भी दखल देने से पीछे नहीं हटते. जिसके चलते बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बनती नहीं है.

Governor vs IAS KK Pathak: बिहार के राज्यपाल और आईएएस केके पाठक के बीच क्या है विवाद, जानिए कब-कब  क्या हुआ...
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By Neha Yadav

Governor vs IAS KK Pathak: पटना। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (ACS KK Pathak) और राजभवन के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जब से बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी आईएएस केके पाठक (IAS KK Pathak) को सौंपी गयी है. तब से वो अक्सर अपने फैसलों को लेकर चर्चा में रहते है सुर्खियों में रहते हैं. केके पाठक राजभवन के मामलों में भी दखल देने से पीछे नहीं हटते. जिसके चलते बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बनती नहीं है. कल राज्यपाल आर्लेकर ने केके पाठक को राजभवन में उपस्थित होने को कहा था. राज्यपाल केके पाठक का आधे घण्टे तक इंतज़ार करते रहे गए इसके बावजूद वो राजभवन नहीं पहुंचे. इससे पहले भी केके पाठक ने राज्यपाल के आदेश को अनदेखा किया है. जो विवाद की वजह बनी है. चलिए जानते है एसीएस केके पाठक राज्यपाल के साथ किन - किन विवादों में रहे हैं...

इन विवादों में रहे हैं केके पाठक

चार वर्षीय स्नातक कोर्स पर जताई आपत्ति

जून साल 2023 में राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित करने की घोषणा की थी. इस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को आपत्ति थी. इसे लेकर केके पाठक ने राज्यभवन को पत्र लिखा. उन्होंने कहा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक, फैकल्टी, सपोर्ट स्टाफ और आवश्यक क्लासरूम नहीं है. इसकी वजह से पहले ही वर्तमान चल रही नियमित पाठ्यक्रम तय समय से पीछे में चल रहा है. स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में देरी चल रही है. विश्वविद्यालय के पास नए कार्यक्रम को संचालित करने की क्षमता ही नहीं है. ऐसे में कोई नया कार्यक्रम शुरू करने से पहले विचार कर लें. केके पाठक ने ये पत्र तब लिखा जब राजभवन नए कार्यक्रम को शुरू करने के लिए काफी आगे बढ़ चूका था.

राज्यपाल ने की केके पाठक के आदेशों पर रोक लगाने की मांग

19 दिसंबर 2023 को 15 विधान पार्षदों ने राज्यपाल को केके पाठक की शिकायत कर ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में विधान पार्षदों को संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत मिले विशेषाधिकार के हनन किये जाने की बात कही गयी. इस मामले में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट चोंगथू ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा था. जिसमें राज्यपाल ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के असंवैधानिक और निरंकुश आदेशों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की.

केके पाठक ने वित्तीय शक्तियों पर लगाई रोक

अगस्त माह में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी एवं प्रति कुलपति डॉ रवींद्र कुमार का वेतन बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही कुलपति एवं प्रतिकुलपति के वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था. इसे लेकर राज्यपाल खूब भड़के और शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर कहा कि कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने की शिक्षा विभाग को अधिकार नहीं है.

केके पाठक के बैठक में शामिल होने पर राजभवन की रोक

शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की बैठक बुलाई थी. यह बैठक केके पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा की स्थिति को लेकर रखी गयी थी. लेकिन राजभवन ने लेटर जारी कर इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था. शिक्षा विभाग की ओर से करीब चार बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों-कुलसचिवों की बैठक बुलाई गई, लेकिन राजभवन ने रोक लगा दी.

कुलपति और कुलसचिव के वेतन पर लगी रोक

राजभवन के आदेश के बाद शिक्षा विभाग की ओर से बुलाये गए बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव नहीं पहुंचे थे. जिससे नाराज केके पाठक ने 15 मार्च को यह कहते हुएकि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को समय पर परीक्षा लेने एवं परीक्षाफल जारी करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में कोई रूचि नहीं है. विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के वेतन पर रोक लगा दी.

केके पाठक ने राज्यपाल को पढ़ाया कानून

बार - बार राजभवन द्वारा शिक्षा विभाग के बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव को शामिल होने से रोके जाने पर ACS केके पाठक ने शुक्रवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू (Robert L Chongthu) को पत्र लिखा और शिक्षा विभाग कार्य में दखल न देने की सलाह दी. साथ ही राज्यपाल को ही कानून का पाठ पढ़ाया. केके पाठक ने कहा "कानून के किन प्रावधानों के तहत राजपाल को कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का अधिकार रखते हैं."

राज्यपाल के बैठक में नहीं पहुंचे केके पाठक

9 अप्रैल को राज्यपाल व कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमे अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भी उपस्थित होने को कहा गया था. लेकिन वो शामिल नहीं हुए. केके पाठक को दोबारा पत्र लिख 15 अप्रैल को राजभवन बुलाया गया. लेकिन पाठक राजभवन नहीं पहुंचे.

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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