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Amit Katyal ED arrest: ED ने रियल एस्टेट धोखाधड़ी मामले में लालू परिवार के करीबी कारोबारी अमित कात्याल को किया गिरफ्तार, जानें क्या हैं आरोप
Amit Katyal ED arrest: ED ने लालू परिवार के करीबी कारोबारी अमित कात्याल को रियल एस्टेट धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया। गुरुग्राम की विशेष अदालत ने छह दिन की कस्टडी भेजा। 300 करोड़ से ज्यादा की फंड गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी।

Amit Katyal ED arrest: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के करीबी माने जाने वाले रियल एस्टेट कारोबारी अमित कात्याल को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई गुरुग्राम में घर खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी और फंड डायवर्जन से जुड़े मामले में की गई। एजेंसी की शुरुआती जांच में 300 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताओं के सबूत सामने आए थे।
अदालत ने छह दिन की कस्टडी भेजा
ED ने कात्याल को सोमवार (17 नवंबर) को PMLA के तहत हिरासत में लेने के बाद गुरुग्राम की एक विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया है। एजेंसी अब फंड फ्लो, लाइसेंसिंग प्रोसीजर और खरीदारों से वसूले गए पैसों के कथित डायवर्जन की जांच करेगी।
‘क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट’ प्रोजेक्ट पर गंभीर आरोप
यह मामला गुरुग्राम सेक्टर-70 के 14 एकड़ में बनने वाले प्रोजेक्ट ‘क्रिश फ्लोरेंस एस्टेट’ से जुड़ा है, जिसे कात्याल की कंपनी 'एंजल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड' डेवलप कर रही थी। आरोप है कि इस प्रोजेक्ट में घर खरीदारों से पैसे लेने के बावजूद फ्लैट समय पर नहीं दिए गए और फंड का गलत इस्तेमाल हुआ।
कई मामलों में पहले भी आरोपित
ED के अनुसार, कात्याल ‘कृष रियलटेक’ और उससे जुड़े कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में घर खरीदारों से करीब 500 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी में आरोपी है। अगस्त 2024 में भी एजेंसी ने इस मामले में उसकी कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
साल 2023 में कात्याल को उस समय भी गिरफ्तार किया गया था जब ED ने रेलवे के कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में छापेमारी की थी। उस केस में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और परिवार के अन्य सदस्य आरोपी थे।
यह ताजा कार्रवाई दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की एक FIR से जुड़ी है, जिसे जांच के लिए ED को ट्रांसफर किया गया था। आरोपों के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट में फर्जी बुकिंग, लाइसेंसिंग में अनियमितताएं, और DTCP हरियाणा से लाइसेंस मिलने से पहले ही खरीदारों से पैसे इकट्ठा करने जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं।
ED की जांच किन बिंदुओं पर
एजेंसी मौजूदा कस्टोडियल पूछताछ में इन बातों पर फोकस करेगी:
• खरीदारों के पैसे का उपयोग कहां किया गया
• लाइसेंसिंग के दौरान किन शर्तों का उल्लंघन हुआ
• प्रोजेक्ट फंड के कथित डायवर्जन में कौन-कौन शामिल था
• क्या इन पैसों का इस्तेमाल अन्य प्रोजेक्ट्स या कंपनियों में किया गया
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