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Bihar School Education: इस राज्य में शिक्षकों को सुबह 5.45 बजे स्कूल पहुंच भेजनी होगी सेल्फी, ACS के आदेश पर मचा हड़कंप, राजभवन ने CS को लिखा पत्र...

Bihar School Education: स्कूलों की टाईमिंग को लेकर बिहार का स्कूल शिक्षा विभाग बेहद सख्त हो गया है। मगर इस पर बवाल भी चालू हो गया है। शिक्षकों की इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मगर राज्यपाल के प्रधान सचिव ने बिहार के चीफ सिकरेट्री को पत्र लिख डाला है। जाहिर है, बिहार में राजभवन और स्कूल शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सिकरेट्री के बीच काफी समय से तनाव चल रहा है।

Bihar School Education: इस राज्य में शिक्षकों को सुबह 5.45 बजे स्कूल पहुंच भेजनी होगी सेल्फी, ACS के आदेश पर मचा हड़कंप, राजभवन ने CS को लिखा पत्र...
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By Sandeep Kumar

Bihar School Education: पटना। स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए बिहार के स्कूल शिक्षा विभाग के तेज-तर्रार एडिशनल चीफ सिकरेट्री ने शिक्षकों को अब टाईट करना शुरू कर दिया है। पता चला है, बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षक बिना छुट्टी लिए गायब रहते हैं या फिर सरपंच, मुखिया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल नहीं आने को लेकर सेटिंग कर लेते हैं। इससे बिना स्कूल गए उनकी हाजिरी लग जाती है और वेतन भी मिल जाता है।

बिहार स्कूल शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के अपर मुख्य सचिव केके पाठक(ACS KK Pathak) ने नया आदेश जारी किया है. केके पाठक का आदेश के नए आदेश से शिक्षकों की नींद उड़ गई है, दरअसल केके पाठक ने अब शिक्षकों को सुबह 5:45 पर स्कूल बुलाया है. इतना ही नहीं सभी को स्कूल पहुंचने के बाद सुबह 06:05 बजे तक सेल्फी भी भेजनी है.

सुबह 5:45 बजे स्कूल पहुचेंगे शिक्षक

दरअसल, अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के अनुसार, शिक्षकों को किसी भी हाल में सुबह 5:45 बजे तक स्कूल पहुंचना होगा. उसके बाद हर हाल में सुबह 6:00 बजे चेतना सत्र का संचालन करना होगा. फिर सुबह 6:05 पर नोटकैम से हेडमास्टर ग्रुप में अपनी सेल्फी भेजनी होगी. वहां से यह सेल्फी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को फॉरवर्ड किए जाएंगे.

छुट्टी के बाद भेजनी होगी सेल्फी

वहीँ, स्कूल की छुट्टी होने के बाद 1:30 बजे भी अपनी सेल्फी ग्रुप में भेजना होगा. बता दें, 1:30 बजे के बाद के ही सेल्फी मान्य होंगे. ऐसा शिक्षकों को रोजाना करना होगा. यदि सुबह 6:05 बजे और दोपहर 1:30 बजे किसी विद्यालय द्वारा फोटो नहीं भेजी जाती है. तो हेडमास्टर समेत सभी शिक्षक अनुपस्थित माने जाएंगे और उनका वेतन काटा जाएगा. केके पाठक के इस आर्डर से हड़कंप मच गया है. पहले ही शिक्षक सुबह 6 बजे वाले समय से परेशान थे.

राज्यपाल ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र

इधर, बिहार में बढ़ती भीषण गर्मी को देखते हुए राज्यपाल विश्वनाथ अर्लेकर (Governor Vishwanath Arlekar) ने प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू(Robert L Chongthu) के जरिए शिक्षा विभाग के चीफ सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्रा( Chief Secretary Brajesh Mehrotra) को पत्र लिखा है. राज्यपाल ने स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाने की मांग की है. दरअसल, केके पाठक ने गर्मी की छुट्टी की अवधि 15 मई तक ही रखी थी. ऐसे में राज्यपाल प्रचंड गर्मी के चलते बच्चों का स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए छुट्टी की अवधि बढ़ाये जाने का अनुरोध किया है. अनुरोध किया है.

राजभवन और एसीएस में विवाद

बिहार के राज्यपाल और स्कूल शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के बीच लंबे समय से तकरार चली आ रही है। विवाद इस हाइट पर पहुंच गया है कि राजभवन की मीटिंगों में भी केके पाठक हिस्सा नहीं लेते। दोनों के बीच शह-मत का खेल चलता रहता है।

चलिए जानते है एसीएस केके पाठक राज्यपाल के साथ किन - किन विवादों में रहे हैं...

इन विवादों में रहे हैं केके पाठक

चार वर्षीय स्नातक कोर्स पर जताई आपत्ति

जून साल 2023 में राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित करने की घोषणा की थी. इस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को आपत्ति थी. इसे लेकर केके पाठक ने राज्यभवन को पत्र लिखा. उन्होंने कहा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक, फैकल्टी, सपोर्ट स्टाफ और आवश्यक क्लासरूम नहीं है. इसकी वजह से पहले ही वर्तमान चल रही नियमित पाठ्यक्रम तय समय से पीछे में चल रहा है. स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में देरी चल रही है. विश्वविद्यालय के पास नए कार्यक्रम को संचालित करने की क्षमता ही नहीं है. ऐसे में कोई नया कार्यक्रम शुरू करने से पहले विचार कर लें. केके पाठक ने ये पत्र तब लिखा जब राजभवन नए कार्यक्रम को शुरू करने के लिए काफी आगे बढ़ चूका था.

राज्यपाल ने की केके पाठक के आदेशों पर रोक लगाने की मांग

19 दिसंबर 2023 को 15 विधान पार्षदों ने राज्यपाल को केके पाठक की शिकायत कर ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में विधान पार्षदों को संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत मिले विशेषाधिकार के हनन किये जाने की बात कही गयी. इस मामले में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट चोंगथू ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा था. जिसमें राज्यपाल ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के असंवैधानिक और निरंकुश आदेशों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की.

केके पाठक ने वित्तीय शक्तियों पर लगाई रोक

अगस्त माह में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी एवं प्रति कुलपति डॉ रवींद्र कुमार का वेतन बंद करने का आदेश दिया था. साथ ही कुलपति एवं प्रतिकुलपति के वित्तीय शक्तियों और बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था. इसे लेकर राज्यपाल खूब भड़के और शिक्षा विभाग को पत्र लिख कर कहा कि कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने की शिक्षा विभाग को अधिकार नहीं है.

केके पाठक के बैठक में शामिल होने पर राजभवन की रोक

शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की बैठक बुलाई थी. यह बैठक केके पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा की स्थिति को लेकर रखी गयी थी. लेकिन राजभवन ने लेटर जारी कर इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था. शिक्षा विभाग की ओर से करीब चार बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों-कुलसचिवों की बैठक बुलाई गई, लेकिन राजभवन ने रोक लगा दी.

कुलपति और कुलसचिव के वेतन पर लगी रोक

राजभवन के आदेश के बाद शिक्षा विभाग की ओर से बुलाये गए बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव नहीं पहुंचे थे. जिससे नाराज केके पाठक ने 15 मार्च को यह कहते हुएकि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को समय पर परीक्षा लेने एवं परीक्षाफल जारी करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में कोई रूचि नहीं है. विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के वेतन पर रोक लगा दी.

केके पाठक ने राज्यपाल को पढ़ाया कानून

बार - बार राजभवन द्वारा शिक्षा विभाग के बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव को शामिल होने से रोके जाने पर ACS केके पाठक ने शुक्रवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू (Robert L Chongthu) को पत्र लिखा और शिक्षा विभाग कार्य में दखल न देने की सलाह दी. साथ ही राज्यपाल को ही कानून का पाठ पढ़ाया. केके पाठक ने कहा "कानून के किन प्रावधानों के तहत राजपाल को कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का अधिकार रखते हैं."

राज्यपाल के बैठक में नहीं पहुंचे केके पाठक

9 अप्रैल को राज्यपाल व कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक हुई थी. जिसमे अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भी उपस्थित होने को कहा गया था. लेकिन वो शामिल नहीं हुए. केके पाठक को दोबारा पत्र लिख 15 अप्रैल को राजभवन बुलाया गया. लेकिन पाठक राजभवन नहीं पहुंचे.

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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