Bihar Police News: DGP का सख्त निर्देश, तबादला होने के बाद पुलिसकर्मियों को हर हाल में करना होगा ये काम, वरना नहीं मिलेगा वेतन
Bihar Police News: बिहार में पुलिस विभाग में सुधार करने और आपराधिक मामलों की जांच में तेजी से लाने के लिए डीजीपी विनय कुमार(DGP Vinay Kumar) लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में डीजीपी विनय कुमार ने नया फ़रमान जारी किया है.

Bihar Police News: बिहार में पुलिस विभाग में सुधार करने और आपराधिक मामलों की जांच में तेजी से लाने के लिए डीजीपी विनय कुमार(DGP Vinay Kumar) लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में डीजीपी विनय कुमार ने नया फ़रमान जारी किया है. तबादले के बाद पुलिस पदाधिकारी को अपने मामलों की जांच का प्रभार किसी दूसरे अधिकारी को देना होगा. इसे लेकर डीजीपी विनय कुमार द्वारा आदेश जारी किया गया है.
DGP विनय कुमार ने कहा है, अगर किसी जिले के पुलिस पदाधिकारी का मामले के अनुसंधानकर्ता रहते हुए इनका किसी दूसरे जिले में तबादला होता है तो पुलिस पदाधिकारी को मामलों का प्रभार किसी दूसरे अधिकारी या थानेदार को सौंपना होगा. साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी NOC भी लेना होगा. उन्हें केस का प्रभाव सौंपने से संबंधित NOC वहां के SP से लेना होगा. NOC के आधार पर ही उन्हें आगे का वेतन मिलेगा. वरना उन्हें वेतन नहीं मिलेगा.
दरअसल, पुलिसकर्मी पूर्व में किसी न किसी मामले के अनुसंधानकर्ता होते हैं. मामले के अनुसंधानकर्ता रहते हुए इनका किसी दूसरे जिले में तबादला जाने पर अगर ये मामलों का प्रभार किसी दूसरे अधिकारी को नहीं देते हैं तो ऐसे में यह केस लम्बे समय तक पेंडिंग पड़ जाते हैं. न मामले की जांच आगे बढ़ती है ना ही चार्जशीट की जाती है. कई केस ऐसे हैं जो 10 साल से अधिक समय से पेंडिंग पड़े हैं. लेकिन अब पुलिस पदाधिकारी को अपना कार्य किसी और अधिकारी को अनिवार्य रूप से सौपना होगा. वरना कार्रवाई होगी.
बता दें, 17 जनवरी को इसी को लेकर गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने कार्रवाई की थी. एसपी अवधेश दीक्षित ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5) के तहत 53 पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी. इन सभी पुलिसकर्मियों पर पुलिस अधिकारियों के साथ आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज कराया गया था. ये सभी पुलिस अधिकारियों ने तबादले के बाद मामलों का प्रभार किसी दूसरे अधिकारी को नहीं दिया था.