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Bihar News: साहब! मैं जिंदा हूं... खुद को जिंदा साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शख्स, जानिए क्या है मामला

Bihar News: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा(Bihar Election) चुनावों से पहले मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर बवाल मचा हुआ है. भोजपुर जिले के आरा विधानसभा क्षेत्र से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में मिंटू पासवान नाम के व्यक्ति को मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया जबकि वे पूरी तरह स्वस्थ और जीवित हैं.

साहब! मैं जिंदा हूं... खुद को जिंदा साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शख्स, जानिए क्या है मामला
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By Anjali Vaishnav

Bihar News: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा(Bihar Election) चुनावों से पहले मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर बवाल मचा हुआ है. भोजपुर जिले के आरा विधानसभा क्षेत्र से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में मिंटू पासवान नाम के व्यक्ति को मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया जबकि वे पूरी तरह स्वस्थ और जीवित हैं.

एक्टर पंकज त्रिपाठी की कागज़ फिल्म को आपने देखी ही होगी, फिल्म में किस तरह पंकज त्रिपाठी को कागज में मृत घोषित कर दिया जाता है, और अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए क्या कुछ मशक्कत नहीं करनी पड़ती ऐसा ही एक मामला भोजपुर जिले के आरा विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है. जहां 41 साल के मिंटू ने आरोप लगाया है कि उसका नाम मतदाता सूची से मृत बताकर हटा दिया गया है,

मिंटू ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा

शख्स ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उनका आरोप है कि विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने उनके घर आकर कोई सत्यापन नहीं किया. जब उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई, तब BLO ने 10 दिन बाद संपर्क किया और नाम दोबारा जुड़वाने के लिए दस्तावेज़ों की लंबी सूची थमा दी.

और भी कई लोगों के नाम गायब

ये मामला मिंटू तक सीमित नहीं है. उसी वार्ड में फुलझारो देवी, शंकर चौहान, मदन चौहान और सुधा देवी सहित कई जिंदा लोगों को भी मृत बताकर वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. इन सभी ने चुनाव आयोग के सामने दावा-आपत्ति दाखिल की है.

मामले में पक्ष- विपक्ष के बीच बहस जारी

इस प्रकरण ने SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्ष पहले ही आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग और सत्ताधारी दल मिलकर वोट बैंक की सफाई कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर निगरानी और सख्त हो सकती है.

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