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Bihar Election 2025: टिकट कटने के बाद फफक कर रो पड़ीं RJD नेता उषा देवी, वीडियो हुआ वायरल
Bihar Election 2025: राबड़ी देवी आवास के बाहर बिहार चुनाव 2025 में RJD नेता उषा देवी टिकट न मिलने के बाद रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने 2020 में भी टिकट देने का वादा किया था।

Bihar Election 2025: पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। सोमवार को पटना स्थित राबड़ी देवी आवास पर ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने सबको भावुक कर दिया। गया जिले की बाराचट्टी सीट से टिकट की दावेदार उषा देवी टिकट न मिलने के बाद रो पड़ीं।
उषा देवी टिकट कटने से आहत होकर सीधे राबड़ी आवास पहुंचीं और मीडिया से बात करते हुए फफक कर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है जबकि वे बरसों से संगठन के लिए काम कर रही हैं।
17 साल की उम्र से पार्टी में सक्रिय
उषा देवी ने कहा कि वे 17 साल की उम्र से पार्टी की सदस्य हैं। उन्होंने हमेशा राजद का झंडा उठाया, गांव-गांव जाकर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की सोच को लोगों तक पहुंचाया। बोधगया में चुनाव प्रचार पर जाने से पहले वे अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेने गांव गई थीं। खेसारी लाल यादव और तेजस्वी यादव ने भरोसा दिलाया था कि इस बार टिकट मिलेगा, लेकिन लिस्ट में नाम नहीं आया। उन्होंने कहा कि वे निराश जरूर हैं लेकिन पार्टी के खिलाफ नहीं जाएंगी। तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में ही काम करती रहेंगी।
लालू यादव ने 2020 में भी वादा किया था
उषा देवी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव उनके पिता समान हैं। 2020 में भी उन्होंने उन्हें टिकट देने का वादा किया था और इस बार भी आश्वासन दिया था कि डरने की जरूरत नहीं है, विधानसभा जरूर भेजा जाएगा। उषा देवी ने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत की, जनता से जुड़ीं, हर कार्यक्रम में सक्रिय रहीं, लेकिन टिकट किसी और को दे दिया गया। उन्होंने कहा कि वे अब भी लालू प्रसाद यादव को पिता समान मानती हैं और पार्टी के साथ खड़ी रहेंगी।
बाराचट्टी से समता देवी को टिकट
इस बार राजद ने बाराचट्टी सीट से समता देवी को टिकट दिया है। वहीं मोतिहारी के मधुबन से टिकट नहीं मिलने पर राजद नेता मदन शाह कुर्ता फाड़कर फूट-फूट कर रो पड़े। वे 2020 में भी इसी सीट से पार्टी प्रत्याशी रहे थे और करीब दो हजार वोटों से हार गए थे। इस बार दोबारा टिकट की उम्मीद थी, लेकिन निराशा हाथ लगी।
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