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Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में महागठबंधन को बड़ा झटका, मोहनियां सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द

Shweta Suman nomination cancelled: चुनाव आयोग ने श्वेता सुमन को यूपी की मूल निवासी मानते हुए नामांकन रद्द किया; आरजेडी उम्मीदवार ने बीजेपी पर साजिश का लगाया आरोप

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में महागठबंधन को बड़ा झटका, मोहनियां सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द
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By Ragib Asim

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को एक और बड़ा झटका लगा है। मोहनियां सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। आयोग ने यह निर्णय इस आधार पर लिया कि श्वेता यूपी की मूल निवासी हैं, जबकि यह सीट आरक्षित है और केवल बिहार के अनुसूचित वर्ग के उम्मीदवार ही यहां से चुनाव लड़ सकते हैं।

नामांकन रद्द होने के बाद श्वेता कैमरे के सामने फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि बीजेपी को आरजेडी से डर है, इसलिए मेरे नामांकन को रद्द करवाया गया।

श्वेता सुमन का बयान

श्वेता ने कहा कि उनका नामांकन रद्द करना लोकतंत्र के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा मैं बीस साल से बिहार में रह रही हूं, समाजसेवा में सक्रिय हूं, फिर भी मुझे चुनाव लड़ने का हक नहीं दिया गया। बीजेपी उम्मीदवार का भी जाति प्रमाणपत्र लगा था, लेकिन मेरा ही क्यों खारिज किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी को आरजेडी के उभार से डर है। अगर आज चुनाव लड़ने का हक छीन लिया गया तो सोचिए, सत्ता में आने पर वे क्या करेंगे।

बीजेपी की शिकायत के बाद कार्रवाई

बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि श्वेता सुमन उत्तर प्रदेश की निवासी हैं, इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाए। आयोग ने जांच के बाद इस शिकायत को सही माना और नामांकन रद्द करने का आदेश दिया। मोहनियां सीट से अब बीजेपी उम्मीदवार संगीता देवी मैदान में हैं। आरजेडी को अब नई उम्मीदवार की घोषणा करनी होगी।

महागठबंधन के लिए तीसरा झटका

इससे पहले महागठबंधन के दो और उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो चुके हैं
सुगौली से वीआईपी प्रत्याशी शशिभूषण सिंह
मढ़ौरा से एलजेपी (आर) प्रत्याशी सीमा सिंह
अब तक तीन सीटों पर नामांकन रद्द होने से गठबंधन की रणनीति पर असर पड़ सकता है।
श्वेता सुमन का मामला चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समान अवसर के सवाल उठाता है। कानून अपनी जगह सही है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति दो दशक से राज्य में रह रहा है, तो उसका सामाजिक और राजनीतिक जुड़ाव भी अहम है। यह विवाद चुनावी न्याय की परिभाषा पर गहरा सवाल छोड़ता है।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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