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बिहार चुनाव में परिवारवाद हावी: मांझी ने बहू, समधन और दामाद को उतारा, 42 उम्मीदवार वंशवादी, जानिए किसने कितने रिश्तेदरों को दिया टिकट?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में 42 उम्मीदवार वंशवादी बैकग्रॉउंड से, जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ बनी चर्चा का केंद्र, ADR रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

बिहार चुनाव में परिवारवाद हावी: मांझी ने बहू, समधन और दामाद को उतारा, 42 उम्मीदवार वंशवादी, जानिए किसने कितने रिश्तेदरों को दिया टिकट?
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By Ragib Asim

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक बार फिर परिवारवाद डिस्कशन के सेंटर में है। बिहार की राजनीति में यह कोई नई बात नहीं लेकिन इस बार परिवारवाद पहले से ज़्यादा खुलकर सामने आया है। बिहार के लगभग सभी दलों ने टिकट बांटते वक्त नेताओं के बेटों, बेटियों, बहुओं और रिश्तेदारों को पकड़ पकड़ कर मैदान में उतारा है।

सबसे ज्यादा चर्चा जीतन राम मांझी की पार्टी की

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सबसे ज़्यादा चर्चा में है। मांझी ने इस बार अपने पूरे कुनबे को राजनीति में उतार दिया है। गया की इमामगंज सीट से उनकी बहू दीपा कुमारी, बाराचट्टी से उनकी समधन ज्योति देवी, सिकंदरा से दामाद प्रफुल्ल मांझी और अतरी से भतीजे रोमित कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। मांझी का तर्क है कि परिवार भी समाज का हिस्सा है। अगर उनमें क्षमता है तो उन्हें मौका मिलना चाहिए।

ADR की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में कुल 360 जनप्रतिनिधियों (सांसद, विधायक, एमएलसी) में से 96 यानी 27 प्रतिशत नेता वंशवादी बैकग्राउंड से आते हैं। लोकसभा के 40 सांसदों में से 15 सांसद, राज्यसभा में 16 में से 1 सांसद और विधानसभा में 27 विधायक किसी न किसी राजनीतिक परिवार से आते हैं।

क्यों पार्टियां भरोसा करती हैं परिवार पर

पार्टियों की सोच साफ है पुराने नाम से जनता में भरोसा बना रहता है। वंश और पहचान के सहारे टिकट पाना आसान होता है और जीत की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए हर चुनाव में कई सीटों पर वही परिवार दोहराए जाते हैं।

कौन सी पार्टी से कौन मैदान में

राजद (RJD)

राहुल तिवारी – शाहपुर (शिवानंद तिवारी के बेटे)
अजीत सिंह – रामगढ़ (जगदानंद सिंह के बेटे)
ऋषि कुमार – ओबरा (कांति सिंह के बेटे)
विश्वनाथ सिंह – बेलागंज (सुरेंद्र यादव के बेटे)
ओसामा शहाबुद्दीन – रघुनाथपुर (शहाबुद्दीन के बेटे)
स्मिता पूर्वे – परिहार (रामचंद्र पूर्वे की बहू)
कौशल यादव और पूर्णिमा देवी – नवादा व गोविंदपुर
वीणा देवी – मोकामा (सूरजभान सिंह की पत्नी)
सुदय यादव – कुर्था (मुंद्रिका यादव के बेटे)
आलोक मेहता – उजियारपुर (तुलसी प्रसाद मेहता के बेटे)

भाजपा (BJP)

सम्राट चौधरी – तारापुर (शकुनी चौधरी के बेटे)
नीतीश मिश्रा – झंझारपुर (पूर्व CM जगन्नाथ मिश्रा के बेटे)
श्रेयसी सिंह – जमुई (दिग्विजय सिंह की बेटी)
नितिन नवीन – बांकीपुर (पूर्व विधायक नवीन किशोर सिन्हा के बेटे)
रमा निषाद – औराई (पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी)

जदयू (JDU)

चेतन आनंद – नवीनगर (आनंद मोहन-लवली आनंद के बेटे)
जयंत राज – इस्लामपुर (जनार्दन मांझी के बेटे)
सुमित सिंह – चकाई (पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे)
कोमल सिंह – गायघाट (एमएलसी दिलीप सिंह की बेटी)
ऋतुराज कुमार – घोसी (पूर्व सांसद अरुण कुमार के बेटे)

लोजपा (रामविलास)

सीमांत मृणाल – गरखा (चिराग पासवान के भांजे)
हुलास पांडेय – ब्रह्मपुर (सुनील पांडेय के भाई)
राजू तिवारी – गोविंदगंज (राजन तिवारी के भाई)

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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