Teacher News: शिक्षा विभाग की चिट्ठी में गलतियों की भरमार, सोशल मीडिया पर उड़ी खिल्ली, BEO पर एक्शन, सैलरी रोकी गई
Bihar Education Department Letter Viral: औरंगाबाद में शिक्षा विभाग की चिट्ठी में भारी वर्तनी गलतियां, सोशल मीडिया पर वायरल, BEO को शोकॉज और वेतन रोका गया।

Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। औरंगाबाद जिले से जारी शिक्षा विभाग का एक सरकारी पत्र दर्जनों वर्तनी (Spelling) और व्याकरण (Grammar) की गलतियों के कारण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मामला सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर कार्रवाई करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है और अगले आदेश तक उनका वेतन रोक दिया गया है। यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है बल्कि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग की गंभीरता पर भी सवाल खड़े करता है।
जानकारी के मुताबिक, औरंगाबाद के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णकांत पंडित द्वारा 12 दिसंबर को एक पन्ने का 10 सूत्री कार्यालय आदेश जारी किया गया था। यह आदेश उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले सरकारी विद्यालयों के संचालन और निरीक्षण से जुड़ा था। पत्र में 8 दिसंबर को आयोजित समीक्षा बैठक का हवाला दिया गया था, जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर यह आदेश जारी किया गया। लेकिन पत्र की भाषा में एक दर्जन से ज्यादा वर्तनी और व्याकरण संबंधी गलतियां पाई गईं, जिसके बाद यह दस्तावेज तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वायरल पत्र में ‘समय’ को ‘समस’, ‘निरीक्षण’ को ‘निरीक्षन’, ‘अंकुश’ को ‘अंकुस’, ‘सूचना’ को ‘सुचना’, ‘विपरीत’ को ‘विपरित’, ‘व्यवस्था’ को ‘व्यवस्थ’ और ‘गुणवत्ता’ को ‘गुनवता’ लिखा गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में इस तरह की त्रुटियों ने लोगों को हैरान कर दिया है। शिक्षक, अभिभावक और आम लोग इसे शेयर कर विभाग की कार्यशैली पर तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर शिक्षा विभाग ही सही भाषा नहीं लिख पाएगा तो बच्चों को क्या सिखाया जाएगा।
मामले को लेकर यह चर्चा भी तेज है कि या तो अधिकारी ने बिना देखे ही पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए, या फिर पत्र तैयार करने वाले मातहत कर्मी और कंपोजिटर को भाषा का पर्याप्त ज्ञान नहीं था। हालांकि, चूंकि आदेश पर बीईओ के हस्ताक्षर हैं, इसलिए प्रशासनिक जिम्मेदारी उन्हीं पर तय की गई है। इसी आधार पर विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
औरंगाबाद के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि वायरल चिट्ठी उनके संज्ञान में आई है और इसमें की गई गलतियां गंभीर लापरवाही को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि बीईओ से कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है और फिलहाल उनका वेतन भुगतान रोक दिया गया है। शोकॉज का जवाब मिलने के बाद यह स्पष्ट होगा कि गलती किस स्तर पर हुई और आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला एक बार फिर बिहार शिक्षा विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसे सिस्टम की कमजोरी और प्रशासनिक उदासीनता से जोड़कर देख रहे हैं। फिलहाल विभागीय कार्रवाई के बाद सभी की नजरें बीईओ के जवाब और आगे होने वाले निर्णय पर टिकी हुई हैं।
