Bihar Assembly Election 2025: तेजस्वी यादव होंगे महागठबंधन का चेहरा, CM फेस पर मुहर! जानिए कब होगा सीटों का बंटवारा?
Bihar Assembly Election 2025: बिहार में 2025 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को पटना में हुई अहम बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्य चेहरा बनाने पर सहमति बन गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर औपचारिक ऐलान अभी बाकी है, लेकिन कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा ने साफ कर दिया कि "तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का चेहरा हैं, इसमें कोई शक नहीं।" आइए जानते हैं इस बैठक के प्रमुख बिंदु।
तेजस्वी यादव होंगे महागठबंधन का चेहरा
करगहर से कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा ने कहा, "RJD महागठबंधन का सबसे बड़ा दल है, और तेजस्वी यादव सबसे बड़े नेता हैं। वह नेता प्रतिपक्ष हैं और महागठबंधन का चेहरा हैं।" मिश्रा ने यह भी बताया कि 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हो गई है, और 15 मई 2025 के बाद यह साफ हो जाएगा कि RJD, कांग्रेस, और अन्य सहयोगी दलों को कौन-कौन सी सीटें मिलेंगी। X पर इस खबर को लेकर चर्चा तेज है, जहां लोग तेजस्वी को CM फेस के तौर पर देख रहे हैं।
तेजस्वी ने बैठक के बाद कहा कि महागठबंधन ने एक समन्वय समिति गठित की है, जिसके अध्यक्ष वह खुद होंगे। इस समिति का मकसद चुनावी रणनीति, न्यूनतम साझा कार्यक्रम, सीट बंटवारा, और गठबंधन दलों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना है। तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार की जनता में नीतीश कुमार की NDA सरकार के खिलाफ गुस्सा है, और महागठबंधन इस बार एकजुट होकर NDA को सत्ता से हटाएगा।
समन्वय समिति का गठन
महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, CPI (ML) लिबरेशन, CPI, CPI(M), और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं। तेजस्वी की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति बिहार के प्रमुख मुद्दों जैसे बेरोजगारी, गरीबी, अपराध, और पलायन पर केंद्रित अभियान चलाएगी। तेजस्वी ने कहा, "बिहार आज भी गरीबी, अपराध, भ्रष्टाचार, और पलायन में नंबर एक है। NDA का असली ‘डबल इंजन’ अपराध और भ्रष्टाचार है।" उन्होंने PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बिहार के विकास पर जवाब मांगा और नीतीश कुमार को "बेसुध" करार दिया।
सीट बंटवारे पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, RJD महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ेगी, क्योंकि वह सबसे बड़ा दल है। 2020 के विधानसभा चुनाव में RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 80 सीटें जीती थीं, जिससे वह सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इस बार कांग्रेस 9-11 सीटों की मांग कर रही है, जबकि CPI(ML) को 2 और CPI को 1 सीट मिल सकती है। बाकी सीटें RJD और अन्य छोटे दलों के बीच बंटेंगी। 15 अप्रैल को दिल्ली में तेजस्वी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात कर सीट बंटवारे पर चर्चा की थी।
क्या हैं चुनौतियां?
- सीट बंटवारे में टकराव: कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, लेकिन RJD उसे 2020 के खराब प्रदर्शन (70 में 19 सीटें) की वजह से कम सीटें देना चाहती है।
- कन्हैया और पप्पू यादव: कांग्रेस कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को प्रमुखता देना चाहती है, लेकिन RJD इसका विरोध कर रही है।
- जन सुराज का प्रभाव: प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी 15-17% वोट शेयर के साथ वोट काट सकती है, जिसका नुकसान महागठबंधन को ज्यादा हो सकता है।
महागठबंधन की रणनीति अब तेजस्वी के नेतृत्व में तेजी पकड़ेगी। 15 मई तक सीट बंटवारे का ऐलान हो सकता है। तेजस्वी की रैलियों और युवा-केंद्रित वादों (नौकरी, आवास, गरीबों के लिए योजनाएं) ने उन्हें मजबूत स्थिति में ला दिया है। दूसरी ओर, NDA नीतीश के अनुभव और PM मोदी की रैलियों के दम पर वोटरों को लुभाने की कोशिश करेगी। X पर लोग इसे बिहार का सबसे रोमांचक चुनाव बता रहे हैं, जहां तेजस्वी बनाम नीतीश की जंग निर्णायक होगी।