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शिक्षक भर्ती में बड़ी गड़बड़ी खुलासा : 336 शिक्षकों पर FIR दर्ज, जल्द होगी बर्खास्तगी भी….वेतन रिकवरी के साथ-साथ पेनाल्टी लगाने का भी जल्द जारी होगा आदेश… 10 सालों से कर रहे थे नौकरी

शिक्षक भर्ती में बड़ी गड़बड़ी खुलासा : 336 शिक्षकों पर FIR दर्ज, जल्द होगी बर्खास्तगी भी….वेतन रिकवरी के साथ-साथ पेनाल्टी लगाने का भी जल्द जारी होगा आदेश… 10 सालों से कर रहे थे नौकरी
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By NPG News

लखनऊ 24 जनवरी 2020। प्रदेश में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यूपी के 12 जिलों में अब तक 336 शिक्षकों का पता चला है, जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर नौकरी पायी और सालों से स्कूलों में पढ़ाते भी रहे। अब इनके खिलाफ बर्खास्तगी की जल्द ही गाज गिरेगी। इससे पहले विभाग ने अब इन शिक्षकों पर FIR दर्ज करायी है। इन शिक्षकों ने मेरिट के आधार पर होने वाली भर्ती का बेजा लाभ उठाया था। इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों तक साठगांठ का पता चला है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

एसटीएफ ने मथुरा में 124, सिद्धार्थनगर में 37, अमेठी में 16, सीतापुर, आजमगढ़ व महराजगंज में 5-5, बलरामपुर में 4, देवरिया व सुल्तानपुर में 3-3, बरेली में 2 और अंबेडकरनगर व गोरखपुर में 1-1 फर्जी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जबकि बलरामपुर में 54, गोरखपुर व सिद्धार्थनगर में 32-32, महराजगंज में 8, बरेली में 5 और सुल्तानपुर में 3 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ जांच प्रक्रिया पूरी हो गई है। डुप्लीकेट अंकपत्र व अन्य दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वालों की सूची सौंपते हुए बेसिक शिक्षा विभाग से इन्हें बर्खास्त करने और वसूली करने की संस्तुति की गई है।

इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों तक साठगांठ का पता चला है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग से इन शिक्षकों को बर्खास्त करने और वेतन आदि की वसूली करने की संस्तुति की है। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि फर्जी सहायक शिक्षकों ने सबसे पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनात लिपिकों से साठगांठ कर पूर्व में मेरिट पर चयनित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों व अन्य दस्तावेजों की फोटोस्टेट प्राप्त की।

इसके बाद उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और संबंधित विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट चोरी या खोने की शिकायत कर डुप्लीकेट प्रमाणपत्र हासिल किया। फिर इन प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल मेरिट के आधार पर होने वाली शिक्षक भर्ती में किया।

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