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Vishnu Deo Cabinet: अब CSIDC से नहीं होगी खरीदी: रेट कांट्रेक्‍ट रद्द करेगी सरकार, विभागों में होने वाली खरीदी को लेकर विष्‍णु देव सरकार का बड़ा फैसला...

Vishnu Deo Cabinet: छत्‍तीसगढ़ में सरकारी विभागों में होने वाली खरीदी अब सीएसआईडीसी के जरिये नहीं होगी। राज्‍य सरकार सीएसआईडी के सभी रेट कांट्रेक्‍ट इसी महीने रद्द करने जा रही है।

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By Sanjeet Kumar

Vishnu Deo Cabinet: रायपुर। राज्‍य के सरकारी विभाग में एक बार फिर केंद्र सरकार के जैम पोटर्ल के जरिये खरीदी होगी। मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय की अध्‍यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सभी विभाग आदि आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाओं जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हो का क्रय जेम वेबसाईट से उनकी नियमावली निर्धारित प्रक्रिया पालन करते हुए क्रय करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक होगी। वर्तमान में प्रचलित सीएसआईडीसी के सभी रेट कान्ट्रेक्ट इस माह के अंत में निरस्त करने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम भ्रष्टाचार निवारण की दृष्टि से लिया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कैबिनेट में शासकीय समानों की खरीदी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की रोकथाम के मद्देनजर आज एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी में भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए इसके सभी रेट काॅन्ट्रेक्ट को जुलाई माह के अंत तक निरस्त करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी पर रोक लगा दी थी, शासकीय सामग्री की खरीदी में दिक्कत, गुणवत्ता का अभाव एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें काफी बढ़ गई थी।

साय सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए न सिर्फ भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का फैसला लिया है, बल्कि जेम के माध्यम से खरीदी की व्यवस्था को फिर से बहाल कर शासकीय सामग्री की खरीदी में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। विष्णु सरकार का यह फैसला सुशासन की दिशा में एक और कदम है।

कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 के (यथा संशोधित 2022) में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया। राज्य शासन के सभी विभाग आवश्यकतानुसार सामग्री, वस्तुओं एवं सेवाएं, जिनकी दरें एवं विशिष्टियां भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी की जेम वेबसाइट में उपलब्ध हों, का क्रय जेम वेबसाईट से नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया पालन कर करेंगे। अतिरिक्त आवश्यकता होने पर सामग्री, वस्तु एवं सेवाओं के क्रय के संबंधित विभागों को वित्त विभाग से अनुमति लेना होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को छत्तीसगढ़ राज्य में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्री-प्राइमरी से 12 वीं तक सबको शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है। इस नवीन शिक्षा नीति के तहत समतामूलक और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्रचलित शैक्षणिक संरचना 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 लागू किया गया है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु होने पर वारिसानों के नाम पर काबिज वन भूमि का हस्तांतरण राजस्व या वन अभिलेखों में दर्ज करने संबंधित कार्यवाही के लिए प्रक्रिया प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इससे भविष्य में नक्शा का जिओ रिफ्रेंसिंग होने से भूखण्ड का आधार नंबर भी लिया जाएगा। इसका उपयोग नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि में किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सशस्त्र सहायक प्लाटून कमाण्डर (नर्सिंग), प्रधान आरक्षक (नर्सिंग), मेल नर्स, फिमेल नर्स, लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, नर्सिंग असिस्टेंड, कम्पाउण्डर, ड्रेसर, आरक्षक (बैण्ड), आरक्षक (श्वान दल) भर्ती प्रक्रिया वर्ष-2023 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अनारक्षित वर्ग को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त एक बार के लिए 05 वर्ष की छूट एवं आरक्षित वर्ग को पहले से 05 वर्ष की आयु शिथिलीकरण के अतिरिक्त, एक बार के लिए, निर्धारित आयु सीमा में 05 वर्ष की और छूट प्रदान की जाएगी।

प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, सुशासन एवं जनसमस्याओं के समाधान के लिए एक पृथक विभाग ‘‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग‘‘ का गठन किया गया है। जिसमें ई-समीक्षा, ई-लोकसेवा गारंटी एवं डिजिटल सेक्रेटरियेट को शामिल किए जाने के संबंध में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ शासन कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। पूर्व में ये शाखाएं सामान्य प्रशासन विभाग में थी।

नवा रायपुर में आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न वर्ग के परिवारों को आवास मुहैया के लिए पंजीयन की तिथि में तीन वर्ष की वृद्धि कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नवा रायपुर में आवासों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों को न्यूनतम मूल्य में आवास प्रदान करने के लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों को यथावत् रखा गया है। आवासों के पंजीयन की तिथि को 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2027 तक कर दिया गया है। इस निर्णय से अभी तक रिक्त मकानों के पंजीयन में वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है और इसके लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष की बजट में 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य संवर्ग के भारतीय वन सेवा में वर्ष 1992 से 1994 तक के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदस्थ 06 अधिकारियों को गैर-कार्यात्मक आधार पर यथास्थान प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के समतुल्य वेतनमान 01 जनवरी 2024 से प्रदान करने हेतु भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, से सहमति प्राप्त की जाएगी। इसी तरह अधीक्षण अभियंता (सिविल) से मुख्य अभियंता (सिविल) के पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि 05 वर्ष में केवल एक बार के लिए 01 वर्ष की छूट प्रदान करने का निर्णय भी कैबिनेट ने लिया है।

मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत स्वीकृत होंगे आवास

कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश के जरूरतमंद सर्वेक्षित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के तहत 01 अप्रैल से 30 अप्रैल 2023 तक प्रदेश में कुल 59.79 लाख परिवारों का सर्वेक्षण पूर्ण किया गया, जिसमें 47 हजार 90 परिवार ऐसे पाए गए जो आवासहीन है, किन्तु उनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं है। ऐसे आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण से आवास स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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