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UPS Pension Scheme: केंद्र की UPS पर क्‍या है छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी शिक्षक संगठनों की राय: जानिये...उन्‍हें चाहिए कौन सी पेंशन योजना

UPS Pension Scheme: केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना का ऐलान किया है। इसे यूनीफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) नाम दिया गया है। इस पर छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने अपनी राय दी है।

UPS Pension Scheme: केंद्र की UPS पर क्‍या है छत्‍तीसगढ़ के कर्मचारी शिक्षक संगठनों की राय: जानिये...उन्‍हें चाहिए कौन सी पेंशन योजना
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By Sanjeet Kumar

UPS Pension Scheme: रायपुर। ओल्‍ड और न्‍यू पेंशन स्‍कीम के बदले अब केंद्र सरकार ने एक नई पेंशन योजना का ऐलान किया है। केंद्रीय कैबिनेट की शनिवार को हुई बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। इसे यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) नाम दिया गया है। इसमें न्‍यू पेंशन स्‍कीम (एनपीएस) की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने विस्‍तार से जानकारी दी। केंद्र सरकार ने ओल्‍ड और न्‍यू पेंशन स्‍कीम के स्‍थान पर एक नई पेंशन योजना का ऐलान किया है। इसे यूनिफाइट पेंशन स्कीम नाम दिया गया है। इसमें सरकारी कर्मचारियों को आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की जगह यूनिफाईड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का फैसला किया है। सरकार की तरफ कहा गया है कि जो कर्मचारी 25 साल तक नौकरी करेगा उसे पूरी पेंशन मिलेगी। यूपीएस स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि 10 साल सर्विस करने वाले को 10 हजार रुपए का पेंशन मिलेगा। कर्मचारियों की अगर सेवा के दौरान मौत होती है, तो उनकी पत्नियों को 60 प्रतिशत पेंशन दी जाएगी।

जानिये...छत्‍तीसगढ़ में कौन सी पेंशन योजना चल रही है...

छत्‍तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी पहले से ही न्‍यू पेंशन स्‍कीम का विरोध कर रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राज्‍य में ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम को फिर से लागू करने की घोषणा की और तत्‍कालीन सरकार ने कर्मचारियों से विकल्‍प मांगा, इसमें अधिसंख्‍यक कर्मचारियों ने ओल्‍ड स्‍कीम को चूना, लेकिन उसमें पुराना जमा पैसे में पेंच फंस गया। ऐसे में राज्‍य में अभी दोनों पेंशन योजनाएं चल रही हैं।

CG में यूपीएस को लेकर अभी पिक्‍चर साफ नहीं...

छत्‍तीसगढ़ में यूपीएस को लेकर कर्मचारी संगठन अभी एक राय नहीं हैं। प्रदेश के कर्मचारियों- अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन यूपीएस के पक्ष में नजर नहीं आ रहा है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग पर कायम है। केंद्र सरकार का यूनीफाइड पेंशन योजना ओपीएस जैसा लाभकारी नहीं है।

वहीं, दूसरे बड़े संगठन कर्मचारी- अधिकारी संयुक्‍त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्‍ला ने अभी यूपीएस को लेकर कोई भी राय देने से इन्‍कार कर दिया। उन्‍होंने कहा कि अभी इसको लेकर कुछ भी कहना जल्‍दबाजी होगा। शुक्‍ला ने कहा कि हम इंतजार करेंगे इसके ड्राफ्ट का। केंद्र सरकार पर यूपीएस का ड्राफ्ट जारी करेगी उसे पढ़ने के बाद ही कोई टिप्‍पणी की जा सकती है।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र दुबे एन पी एस की कमियों और विसंगतियों से सरकार को लगातार अवगत कराया गया तथा संगठनात्मक तौर इसका विरोध भी राष्ट्रीय स्तर पर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप यू पी एस की घोषणा केंद्र सरकार ने की है।यू पी एस प्रावधान व क्रियान्वयन की विस्तृत रूपरेखा आने पर ही इसकी समीक्षा की जा सकेगी। लेकिन सरकार ने इस विषय पर संज्ञान लिया यह संगठन के प्रयासों की जीत है।

पूर्व सेवा गणना के बिना लाभ नहीं: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एल बी शिक्षक संवर्ग के दो लाख शिक्षकों को किसी भी पेंशन योजना में लाभ तभी मिलेगा जब उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना करके लाभ दिया जाएगा। अभी छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन लागू है, 2012 से नई पेंशन के अंतर्गत एल बी संवर्ग के शिक्षक शामिल थे, 1 अप्रैल 2025 से यूपीएस लागू करने की तैयारी है।

एकदम स्पष्ट बात यह है की छत्तीसगढ़ में चाहे ops लागू किया जाए चाहे nps लागू किया जाए चाहे ups लागू किया जाए एल बी संवर्ग के शिक्षकों को उनकी पूर्व सेवा की गणना करने से ही लाभ मिलेगा,, अभी जो यूपीएस है वह एनपीएस का ही मोडिफाइड स्वरूप है पुरानी पेंशन 20 वर्ष की पूर्ण सेवा में लाभ दिए जाने का प्रावधान था जिसे इसमें बढ़कर 25 वर्ष कर दिया गया,अभी-अभी हमारे साथी लगातार रिटायर हो रहे हैं जो 1000 से 3000 तक के एनपीएस की राशि लेकर घर बैठ रहे हैं। चूंकि न्यूनतम सेवा 10 वर्ष नहीं हो पा रहा है इसलिए पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है। यही स्थिति यूपीएस में भी 10 वर्ष की सेवा पूर्णता नहीं होने पर होगी।

पूर्व सेवा गणना के बिना एल बी शिक्षक संवर्ग को OPS/NPS/UPS दोनो में अपेक्षित लाभ नही है, वर्तमान स्थिति में 2043 में रिटायर होने पर UPS से लाभ मिलेगा, OPS में 20 वर्ष की सेवा थी जिसे UPS में 25 वर्ष अनिवार्य किया गया, केंद्र ने अपनी भागीदारी की राशि 14% से बढ़कर 18.5% कर दिया, इसके बदले अनिवार्य सेवा भी 20 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दिया।

OPS का विकल्प नहीं है यूपीएस , एनपीएस का ही बदला हुआ रूप है UPS: विवेक दुबे

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम एनपीएस से बेहतर है लेकिन इसे OPS जैसा नही कहा जा सकता। सबसे पहली बात OPS में कर्मचारियों को अपनी तरफ से कोई अंशदान नहीं देना होता जबकि UPS में कर्मचारियों को एनपीएस की तरह ही अपनी वेतन से 10% की राशि लगातार देनी होगी। सीधी बात है की कर्मचारियों की जमा राशि से ही पेंशन का विकल्प तैयार किया जा रहा है बस अंतर यह है कि कर्मचारियों को कम से कम 50% पेंशन दिया जाएगा जो कि पहले मार्केट आधारित था लेकिन इसमें भी सेवा अवधि कम होने पर न्यूनतम पेंशन 10000 ही रखा गया है यानी जिन कर्मचारियों का 10 वर्ष पूर्ण हो गया है उन्हें न्यूनतम पेंशन 10000 दिया जाएगा।

फैमिली पेंशन के लिए पहले 7 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुके शासकीय कर्मचारी के मृत होने पर उनके परिवार को 50% की राशि पेंशन के रूप में अगले 7 वर्ष के लिए दी जाती थी और उसके बाद की अवधि के लिए उसे राशि को 30% कर दिया जाता था। अब उसे फिक्स करते हुए 30% ही निर्धारित कर दिया गया है यानी यहां पर भी दंडी मार दी गई है । जिस लम सम अमाउंट को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह कर्मचारियों के लिए लाभदायक है तो जितनी राशि कर्मचारियों से 10% के रूप में ली जा रही है उतने के ब्याज मात्र से वह राशि जनरेट हो जाएगी । इन सभी बिंदुओं से स्पष्ट है कि यूपीएस OPS जैसा नहीं बल्कि एनपीएस जैसा है केवल मिनिमम पेंशन और मार्केट की अनिश्चितता को दूर करते हुए 25 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को 50% राशि देने का दावा किया गया है । तो जो कर्मचारी जोखिम उठाना नहीं चाहते उनके लिए एनपीएस की तुलना में यूपीएस कुछ हद तक बेहतर है पर उसे OPS जैसा बताना पूरी तरह से गलत है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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